डायलेशन और क्यूरिटेज प्रोसीजर क्या है?
डायलेशन और क्यूरिटेज (Dilation and curettage) प्रोसीजर में सर्विक्स को फैला कर एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट की मदद से (यूटेरिन लाइनिंग को खुरच कर) साफ किया जाता है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Sarthi Manchanda
डायलेशन और क्यूरिटेज (Dilation and curettage) प्रोसीजर में सर्विक्स को फैला कर एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट की मदद से (यूटेरिन लाइनिंग को खुरच कर) साफ किया जाता है।
डायलेशन और क्यूरिटेज (Dilation and curettage) प्रोसीजर आमतौर पर युटरीन रीजन से हैवी ब्लीडिंग या फिर मिसकैरिज के बाद युटरीन लाइनिंग को साफ करने के लिए किया जाता है।
टेस्ट के लिए डॉक्टर एंडोमेट्रियम से टिशूज कलेक्ट करेंगे और सैंपलिंग के लिए लैब में भेज देंगे। यहां टिशूज को इन चीजों के लिए टेस्ट किया जाएगा :
एंडोमेट्रियल ह्यपरप्लासिआ : ये कैंसर से पहले की स्टेज है जब युटरीन लाइन बहुत मोटी हो जाती है।
युटरीन पोलिप्स
युटरीन कैंसर
थेराप्यूटिक D&C में डॉक्टर यूटेरस के अंदर से ज्यादा टिश्यूज निकालते हैं। ये टेस्ट इन कारणों से किया जाता है :
मिस्कैररिज के बाद यूटेरस में अगर कोई टिश्यू बाकि रह गए हैं, तो कैंसर या इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
मोलर प्रेग्नेंसी से बचने के लिए। इस प्रेगनेंसी में नार्मल प्रेगनेंसी की जगह ट्यूमर बनने लगता है।
डिलीवरी के बाद भी अगर प्लेसेंटा यूटेरस में रह जाए, तो बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। इससे बचने के लिए भी ये प्रोसीजर किया जाता है।
सर्वाइकल और युटरीन पोलिप्स को निकालने के लिए। ये बेनिग (BENIGN ) टाइप के होते है।
डॉक्टर D & C प्रोसीजर के साथ हिस्टेरोस्कोपी भी करते हैं। इस प्रोसेस में कैमरा लगे उपकरण को वजायना में डालते हैं। वजायना से ये ट्यूब सर्विक्स से होते हुए यूटेरस तक जाती है।
इसके बाद यूटेरस की लाइनिंग को स्क्रीन पर देख सकते हैं, इससे एब्नार्मल एरियाज को देखा जा सकता है। इससे पोलिप्स और टिश्यूज में खराबी कहां है, ये देखा जा सकता है। हिस्टेरोस्कोपी से डॉक्टर युटरीन पोलिप्स और फिब्रोइड ट्यूमर अलग कर सकते हैं।
अगर सर्जरी के समय आपको एनेस्थेसिया दिया गया है, तो आपको नींद आएगी। इसके साथ ही अगर ऑपरेशन के समय आपकी विंडपाइप में ट्यूब रखी गयी है, तो आपके गले में खराश हो सकती है।
डायलेशन और क्यूरिटेज प्रोसीजर से इन्फेक्शन होने की सम्भावना कम है पर कुछ मामलों में हो भी सकता है।
सर्जरी से पहले इसकी समस्याएं और साइड इफेक्ट्स जान लें। किसी और सवाल या जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
कुछ केसेज में डॉक्टर ऑपरेशन से एक दो घंटे पहले ही आपकी सर्विक्स को डायलेट करने का काम शुरू कर देंगे.. कई बार ये एक दिन पहले भी करवाया जा सकता है। आमतौर पर जब सर्विक्स को नार्मल स्टैंडर्ड से ज्यादा खोलना हो तभी ये करते हैं। प्रेगनेंसी टर्मिनेट करने या फिर हिस्टेरोस्कोपी में ऐसा करना आम है।
डायलेशन कराने लिए डॉक्टर मिसोप्रोस्टोल नाम की दवा देते हैं। ये ओरली या फिर वैजिनल रूप ले सकती है। इससे सर्विक्स सॉफ्ट हो जाती है। इसके बाद लामीनारिआ (LAMINARIA) से बनाईं गई रौड को सर्विक्स में डालते हैं। लामीनारिआ फ्लूइड सोख लेता है, जिससे सर्विक्स खुल जाती है।
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इस सर्जरी को डॉक्टर के ऑफिस या हॉस्पिटल दोनों जगह किया जा सकता है। इसमें दस से पंद्रह मिनट लगेंगे। लेकिन, आपको पांच से छह घंटे तक ऑफिस में रहना पड़ेगा। एनेस्थीसिया दिया जाएगा, जिसका टाइप आपकी मेडिकल हिस्ट्री पे निर्भर करेगा।
जनरल एनेस्थीसिया आपको पूरी तरह नींद की अवस्था में ले जाएगा और आपको दर्द का एहसास नहीं होगा। बाकी एनेस्थीसिया केवल छोटे हिस्से पर असर करेंगे।
आप कुछ समय रिकवरी रूम में बिताएंगे, जिससे डॉक्टर कॉम्प्लीकेशन या ब्लीडिंग को देख सके और कोई परेशानी होने पर हल कर सके। इस समय आप एनेस्थेसिया से भी उभर जाएंगे।
किसी और ट्रीटमेंट या रेगुलर चेक अप के लिए डॉक्टर से मिलें। अगर बायोप्सी हुई है, तो उसके रिपोर्ट्स लेकर डॉक्टर को जरूर दिखा लें
डिस्क्लेमर
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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Sarthi Manchanda