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मिसकैरिज से जुड़े मिथक जिन पर महिलाएं अभी भी विश्वास करती हैं!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक जिन पर महिलाएं अभी भी विश्वास करती हैं!

    ‘मैंने ठीक से आराम नहीं किया,’मैंने खानपान सही नहीं रखा’,’मुझे प्रेग्नेंसी में सेक्स नहीं करना चाहिए था’। देखा गया है कि ऐसी ही न जाने कितने मिसकैरिज से जुड़े मिथक (Miscarriage myths)  के चलते ज्यादातर महिलाएं गर्भपात के लिए खुद को दोषी ठहराती हैं। एक मिसकैरिज के बाद वे खुद को ही शक की नजरों से देखने लगती हैं और सोचती हैं कि शायद अब वे मां नहीं बन पाएंगी जो कि पूरी तरह गलत है। मिसकैरिज से जुड़े मिथक (Myths about miscarriage) के बारे में लोगों के दिमाग में बहुत से झूठ सच जैसी धारणाएं है।

    बेशक मिसकैरिज से जुड़े मिथक गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकते हैं लेकिन, ये पूरी तरह से जिम्मेदार हों ऐसा जरूरी नहीं है। ज्यादातर, गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में होने वाले मिसकैरिज को रोकना आपके हाथ में नहीं है। महिलाएं अक्सर मिसकैरिज से जुड़े मिथक और गलत धारणाओं का शिकार हो जाती हैं। ‘हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में मिसकैरिज से जुड़े मिथक और तथ्य की असल वजह जानते हैं।

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    मिसकैरिज से जुड़े मिथक और तथ्य (Miscarriage myths and facts)

    यहां पर मिसकैरिज से जुड़े कुछ खास मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताया जा रहा है।

    मिथक 1- एक मिसकैरिज (Miscarriage) के बाद दूसरे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक में सबसे ज्यादा लोग ये मानते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि अगर पहले गर्भपात हो चुका है तो दूसरी बार भी मिसकैरिज होने की संभावना होती है। हालांकि, दो गर्भपात होने के बाद आपका जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है। एक गर्भपात के बाद दूसरे गर्भपात की अनुमानित संभावना सिर्फ 20 प्रतिशत ही रहती है। दो लगातार गर्भपात के बाद तीसरे गर्भपात का खतरा लगभग 28 प्रतिशत होता है और तीन या अधिक बार मिसकैरिज के बाद गर्भपात का खतरा लगभग 33 प्रतिशत होता है। अगर एक महिला बार-बार गर्भपात का शिकार हो रही है, तो फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट (fertility specialist) से परामर्श करें जो उचित उपचार करेंगे। मिसकैरिज से जुड़े मिथक को मान कर दिमागी तौर पर परेशान होने से बेहतर है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें। 

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    मिथक 2- सेक्‍स करने से मिसकैरिज हो सकता है (Having sex can lead to miscarriage)

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक में दूसरा मिथ है कि सेक्स करने से गर्भपात हो सकता है। मिसकैरिज और सेक्स का आपस में कोई संबंध नहीं है। ऑर्गैज्म से होने वाले संकुचन से कुछ महिलाएं डर जाती हैं लेकिन, यह गर्भपात का कारण नहीं बनता है। गर्भ में शिशु एम्नियोटिक सैक में पूरी तरह सुरक्षित रहता है, इसलिए सेक्स करने से गर्भपात का खतरा नहीं होता है। लेकिन, सेक्स से होने वाले किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाएं, जिससे आप और शिशु इंफेक्शन से बचे रहें। मिसकैरिज से जुड़े मिथक में इस मिथक को लोग ज्यादातर मानते हैं और कंसीव करते ही सेक्स करना छोड़ देते हैं। हालांकि यह आपके और आपके पार्टनर की पसंद पर निर्भर करता है लेकिन मिसकैरिज से जुड़े मिथक की वजह से इस चीज को ना छोड़ें।

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    मिथक 3-प्रेग्नेंसी के दौरान कॉफी बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए, इससे मिसकैरिज (Miscarriage) हो जाता है।

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक में तीसरा है कॉफी का सेवन। लोगों का मानना है कि गर्भावस्था में कॉफी पीने से गर्भपात हो सकता है, यह मिथक पूरी तरह से सही नहीं है। हां, कॉफी की ज्यादा मात्रा से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। हो सकता है इससे शिशु का वजन कम या विकास आदि संबंधी समस्या हो। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)  महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कम (प्रति दिन 300 मिलीग्राम से अधिक) कैफीन लेने की सलाह देता है। कैफीन का सेवन कम करके प्रेग्नेंसी लॉस और नवजात शिशुओं के कम वजन होने की संभावना को कम किया जा सकता है। कभी मन करें तो प्रेग्नेंट महिला एक कप कॉफी पी सकती है। लेकिन कॉफी पीने से मिसकैरिज होता है यह बात गलत है।

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    मिथक 4-गर्भावस्था के दौरान होने वाली वजायनल ब्लीडिंग (Vaginal bleeding) का मतलब मिसकैरिज (Miscarriage) होता है।

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक में ये ऐसा मिथक है जिससे महिलाएं घबराती है। गर्भावस्था में हल्की स्पॉटिंग होना सामान्य है। खासतौर पर शुरुआती तीन महीनों में यह समस्या आम है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में लगभग 20 से 30 प्रतिशत महिलाओं को रक्तस्त्राव होता है। यहां तक ​​कि लंबे समय तक होने वाली हैवी ब्लीडिंग के बाद भी एक हेल्दी प्रेग्नेंसी देखी जा सकती है। हालांकि, हैवी ब्लीडिंग के साथ अगर पेट में ऐंठन हो या भयानक दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    मिथक 5-गर्भपात (Miscarriage) के बाद गर्भधारण (Concieve) के लिए 3 महीने तक इंतजार करना होगा।

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक में महिलाएं इस बात से भी डरती है। आमतौर पर, किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए गर्भपात के बाद दो सप्ताह तक सेक्स न करने की सलाह दी जाती है। अगर महिला शारीरिक और भावनात्मक रूप से गर्भधारण के लिए तैयार है, तो मिसकैरिज के दो सप्ताह बाद ही गर्भधारण के बारे में सोच सकती है। हालांकि, दो या अधिक बार गर्भपात हुआ हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही गर्भधारण करें।

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    मिथक 6- गर्भपात शायद ही कभी होता है  (Abortion rarely occurs)

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक में यह बिल्कुल ही गलत धारणा है। अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसन की एक रिपोर्ट के हिसाब से दुनिया भर में कम से कम 30% प्रेग्नेंसी गर्भपात की वजह से खत्म हो जाती है। ऐसा ज्यादातर गर्भावस्था के शुरूआती 20वें सप्ताह में ज्यादा होता है। 

    मिथक 7- प्रेग्नेंसी में पपीता खाने से मिसकैरिज होता है? Eating papaya during pregnancy causes miscarriage?

    कई शोधों के मुताबिक, आधा पका या कच्चा पपीता गर्भावस्था के समय में हानि पहुंचा सकता है क्योंकि इसमें लेटेक्स की मात्रा अधिक होती है। जिससे असमय गर्भाशय में संकुचन शुरू हो सकता है। जबकि, पका पपीता खाने से प्रेग्नेंट महिला को कोई नुक्सान नहीं होता है। गर्भावस्था के दौरान पका हुआ पपीता खाया जा सकता है लेकिन, आप इस बारे में एक बार डॉक्टर से बात कर लें। इसके अलावा मिसकैरिज से जुड़े मिथक हैं जो काफी प्रचलित हैं जैसे काली मिर्च नहीं खाना चाहिए। मिसकैरिज से जुड़े मिथक हमारे आसपास लोग एक-दूसरे से कहते सुनते रहते हैं लेकिन इनके पीछे पूरी बायोलॉजिकल प्रोसेस होती है जिसकी जानकारी आपका डॉक्टर आपको दे सकता है।

    मिसकैरिज से जुड़े मिथक और इसके बारे में तरह-तरह की जानकारी लोगों से सुनने में मिलती हैं। इन बातों में कुछ बातें सच होती हैं तो कुछ गलत इसीलिए जरूरी है कि गर्भपात से जुड़े हुए किसी भी तरह के प्रश्न के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में मिसकैरिज से जुड़े मिथक के बारे में बताया गया है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो उसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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