23 सप्ताह के शिशु छोटी छोटी वस्तुओं को ट्रैक करने लगते हैं। वह वस्तु के किसी भाग को देखकर वस्तु को पहचान सकता है।
23 सप्ताह के शिशु को में आप यह बदलाव नोटिस कर सकती हैं –
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23 सप्ताह के शिशु कई रंगों को पहचानने लगते हैं। उसके सामने रंग-बिरंगे तस्वीरों वाली किताब पढ़ें। आपका शिशु उसे देखकर और छूकर उसे समझने की कोशिश करता है। आप उसे कलरफुल खिलौने भी दे सकती हैं। इससे आपका शिशु खेलने के साथ रंगों को पहचानना भी सीख सकता है।
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23 सप्ताह के शिशु को डॉक्टर चेकअप के लिए नहीं बुलाते हैं। फिर भी आपके मन में कोई सवाल हो, तो अगली मुलाकात पर आप अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं।
23 सप्ताह के शिशु के बारे में यहां कुछ चीजें हैं जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
डॉक्टर आपके बच्चे के वजन और लंबाई का मूल्यमापन कर उसे सामान्य डेटा के साथ मिलकर शिशु के विकास की तुलना करता है। अगर इसमें कोई कमी पाई जाती है तो इसका अर्थ यह है कि शिशु के अंदर कोई स्वास्थ्य कमी है। जिसका कारण डॉक्टर तलाशने की कोशिश करता है।
लेकिन आपको यह भी जानना जरुरी है कि अगर आपके शिशु का वजन या लंबाई अन्य शिशुओं के मुकाबले धीरे बढ़ रही है तो यह सामान्य भी हो सकता है। क्योंकि हर शिशु का ग्रोथ रेट अलग होता है। 23 सप्ताह के शिशु में से कोई तेजी से बढ़ता है तो कोई धीमी गति से। यह पूरी तरह आपके जीन पर निर्भर करता है। इसके अलावा आपकी सेहत पर आपके पर्यावरण, स्वाभाव और गतिविधि का भी असर पड़ता है।
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उंगलियां,हाथ, पैर,और कान यह सभी शरीर के भाग शिशु में जिज्ञासा पैदा कर सकते हैं। आपका शिशु उनके साथ खेलता है। अपने कान खींचता है। इसमें कोई परेशानी वाली बात नहीं है। लेकिन अगर आपके शिशु को बुखार है और इसके साथ वह कान भी खींचता है तो यह शिशु के कान में संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
23 सप्ताह के शिशु में एक्जिमा का होना भी बेहद आम है। यह एक त्वचा संक्रमण स्थिति है, जिसमें त्वचा अजीब से हो जाती है और त्वचा में खुजली होने लगती है। एक्जिमा के इलाज में यह कुछ बातें आपके काम आ सकती हैं, जैसे कि—
यहां कई चीजें हैं जिनका ख्याल आपको रखना चाहिए।
फीडिंग चेयर्स
23 सप्ताह के शिशु को आप अपनी गोद में बैठाकर खाना खिलाना पुराने तरीको में से एक है। लेकिन, यह कई बार आपके लिए बेहद तकलीफ दायक अनुभव हो सकता है। तो ऐसे में फीडिंग चेयर एक उत्कृष्ट विकल्प हैं।
फीडिंग चेयर में सेफ्टी स्ट्रैप होता है, जिसमें शिशु को बैठाकर आप आसानी से खाना खिला सकते हैं, या फिर आपका शिशु खुद भी खा सकता है। बस आपको शिशु का थोड़ा ध्यान रखना होगा। क्योंकि सेफ्टी बेल्ट के बावजूद भी शिशु कई बार हिल डुलकर अपने आपको गिरा सकता है।
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इस उम्र में बच्चे आमतौर पर ठोस आहार खाना शुरू कर देते हैं। तो आप चाहें तो उन्हें कम ठोस वाले आहार खिला सकते हैं। यदि आप बच्चे की दूध पिलाने की आदत को छुड़वाना चाहते हैं तो 23 सप्ताह होने पर उसे भूख लगने पर ठोस आहार खिलाया करें।
बच्चे को भरता या अन्य आहार खिलाने पर आप अपने शिशु में उत्सुकता और उत्साह देख सकते हैं।
भले ही आप अपने शिशु को ठोस आहार खिलाना शुरू करने वाले हों लेकिन फिर भी दूध उसकी डाइट का मुख्य आहार होना चाहिए। स्तनपान के साथ बच्चे मिक्स फीडिंग या फार्मूला फीडिंग करवाएं। बच्चों को उनके आहार के पोषक तत्व कुछ महीने बाद प्राप्त होने शुरू होते हैं। ऐसे में उन्हें खाना खिलाने से दूध पिलाने से पेट भरा महसूस होगा और उनके मल त्याद में भी कोई परिवर्तन नहीं आएगा।
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23 सप्ताह के शिशु के स्लीपिंग पैटर्न में हल्के बदलाव आने लगते हैं, और उनका रात के समय जागना बिलकुल भी आसामान्य नहीं होता है।
निम्न कुछ ऐसी बातें हैं जो आपको अपने 23 सप्ताह के शिशु की नींद के बारे में जाननी बेहद जरूर हो सकती हैं –
भले ही ज्यादातर डॉक्टर का मानना हो कि बच्चों को 6 महीने की उम्र तक रात के समय में सोना सीख जाना चाहिए, लेकिन ऐसा सबके साथ नहीं होता है। 6 से 12 महीने की उम्र वाले बच्चों में से 80 प्रतिशत शिशु रात में एक न एक बार अवश्य जागते हैं। तो ऐसे में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
60 फीसदी बच्चे इस उम्र तक भूख के कारण रात को जरूर जागते हैं।
कुछ बच्चों को 3 से 4 घंटे या उससे अधिक सोने की जरूरत होती है तो जबकि कुछ बच्चे थोड़ी देर की नैप लेकर भी संतुष्ट रहते हैं। जबतक शिशु अपनी नींद से संतुष्ट है या चिड़चिड़ा व्यवहार नहीं करता है तब तक आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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