के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक तरह का बैक्टीरिया है। यह रोगाणु शरीर में प्रवेश करता है और मनुष्य के पाचन तंत्र में रहता है। इससे पेट में इन्फेक्शन हो सकता है। कई सालों के बाद यह अल्सर का कारण भी बन सकता है। यही नहीं, आगे चल इससे पेट का कैंसर होने की संभावना भी बढ़ सकती है। यह इन्फेक्शन छोटी उम्र के बच्चों को भी हो सकता है और यह इंफेक्शन दुनिया की आधी आबादी में मौजूद होता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लोगों को इस बात का पता भी नहीं होता कि उन्हें हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन (Helicobacter Pylori Infections) है और न ही वो इसकी वजह से बीमार होते हैं। अगर किसी व्यक्ति में पेप्टिक अल्सर के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर आपको हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन के टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवाएँ दी जा सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस बात की सही से जानकारी नहीं है कि यह इंफेक्शन कैसे फैलता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह पानी और भोजन के अलावा संक्रमित व्यक्ति की लार और शरीर के अन्य तरल पदार्थों से फैल सकता है।
ऐसा माना जाता है कि इस संक्रमण से पीड़ित लोगों में से 85 प्रतिशत लोगों को इसके लक्षणों के बारे में पता नहीं चलता। हालांकि, इस संक्रमण के लक्षण इस प्रकार हैं:
पेट में अलसर के लक्षण
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन से पीड़ित लोगों में से 10-20 प्रतिशत लोगों में पूरी उम्र पेट का अलसर होने की संभावना रहती है। गैस्ट्रिक या पेप्टिक अलसर होने पर आमतौर पर पेट में दर्द होती है। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
पेट के कैंसर
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन का सबसे सामान्य जोखिम पेट के कैंसर से जुड़ा होता है। केवल यह इंफेक्शन ही पेट के कैंसर का कारण नहीं होता बल्कि अगर किसी के परिवार में अन्य व्यक्ति को यह समस्या हो, मोटापा, धूम्रपान या खानपान भी इस समस्या का कारण हो सकते हैं। इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
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हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन आमतौर पर बचपन में या छोटी उम्र से शुरू हो सकता है। यह इंफेक्शन उन लोगों को होने की संभावना अधिक रहती है जो लोग अपना बचपन निम्नलिखित स्थितियों में गुजारते हैं:
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अगर आपको हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन है तो सबसे पहले डॉक्टर आपसे इसके लक्षण आदि के बारे में पूछेंगे। यही नहीं, डॉक्टर आपका पेट का कैंसर होने का टेस्ट करा सकते हैं। इसके अलावा आपको निम्नलिखित टेस्ट कराने के लिए कहा जा सकता है।
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन का उपचार एक साथ दो विभिन्न एंटीबायोटिक्स के साथ किया जाता है।
आपके डॉक्टर आपके स्टमक लाइनिंग को ठीक करने में मदद करने के लिए एक एसिड-सप्प्रेसिंग दवा को भी दे सकते हैं।
एसिड सप्प्रेसिंग करने वाली दवाओं में शामिल हैं:
ओमेप्राज़ोल (omeprazole), इसोप्राजोल (esomeprazole ), लानसोप्राज़ोल (lansoprazole), पैंटोप्राज़ोल (pantoprazole)
आपका डॉक्टर सुझाव दे सकता है कि आप अपने इलाज के कम से कम चार सप्ताह बाद हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन के लिए फिर से टेस्ट करवाएं। अगर आपके टेस्ट यह दिखाते हैं कि उपचार असफल है, तो आपको फिर से एंटीबायोटिक दवाईयों का विभिन्न सयोंजन दिया जा सकता है।
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