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Alcohol withdrawal : एल्कोहल विड्रॉल (डेलीरियम ट्रेमेन्स) क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2021

Alcohol withdrawal : एल्कोहल विड्रॉल (डेलीरियम ट्रेमेन्स) क्या है?

परिचय

एल्कोहल विड्रॉल (डेलीरियम ट्रेमेन्स) क्या है?

यदि आप हफ्तों, महीनों या सालों तक अधिक शराब पीते हैं तो शराब का सेवन पूरी तरह बंद करने या इसकी मात्रा कम करने से आपको कुछ मानसिक और शारीरिक समस्याएं होती है जिसे एल्कोहल विड्रॉल कहा जाता है। डेलिरियडम ट्रेमेन्स एल्कोहल विड्रॉल का सबसे गंभीर रुप है। जिसके कारण अचानक मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम में गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती है। अगर समस्या  बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

कितना सामान्य है एल्कोहल विड्रॉल होना?

डेलीरियम ट्रेमेंन्स एल्कोहल विड्रॉल का गंभीर रुप है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। एल्कोहल की लत वाले 50 प्रतिशत लोगों में शराब पीना बंद करने के बाद एल्कोहल विड्रॉल के लक्षण नजर आते हैं। इनमें से 3 से 4 प्रतिशत लोग चक्कर और कन्फ्यूजन का अनुभव करते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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लक्षण

एल्कोहल विड्रॉल के क्या लक्षण है?

एल्कोहल विड्रॉल शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। एल्कोहल विड्रॉल से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः एल्कोहल छोड़ने या कम करने के तीन दिनों के अंदर ही लक्षण नजर आने लगता है। जबकि कुछ लोगों में कुछ हफ्तों में ये लक्षण सामने आने लगते हैं :

  • चिंता और चिड़चिड़ापन
  • सीने में दर्द
  • कन्फ्यूजन
  • डेलिरियम
  • अधिक पसीना आना
  • उत्तेजना
  • डर और थकान
  • बुखार
  • घबराहट और बेचैनी

कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और मांसपेशियों में अकड़न, जी मिचलाना, बुरे सपने, चक्कर, पेट में दर्द, अचानक मूड बदलना और लाइट, साउंड और स्पर्श के प्रति संवेदनशीलता का अनुभव होता है।

एल्कोहल का सेवन बंद करने के लगभग 6 घंटे बाद विड्रॉल के निम्न हल्के लक्षण नजर आने लगते है:

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर एल्कोहल विड्रॉल अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।

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कारण

एल्कोहल विड्रॉल होने के कारण क्या है?

एल्कोहल विड्रॉल डेलिरियम ट्रिमेन्स आमतौर पर उन्हीं लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है जो अधिक मात्रा में शराब पीते हैं। इसके अलावा अचानक एल्कोहल छोड़ने, तेजी से एल्कोहल की मात्रा घटाने, एल्कोहल छोड़ने के बाद पौष्टिक भोजन न लेने, सिर में चोट लगने, बीमार पड़ने या इंफेक्शन होने के कारण भी एल्कोहल विड्रॉल की समस्या होती है।

इसके साथ ही अधिक एल्कोहल का सेवन करने से नर्वस सिस्टम पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। यदि आप रोजाना एल्कोहल पीते हैं तो आपका शरीर एल्कोहल पर निर्भर हो जाता है और अचानक से एल्कोहल छोड़ने पर नर्वस सिस्टम इसे स्वीकार नहीं कर पाता है।

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जोखिम

एल्कोहल विड्रॉल के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

एल्कोहल विड्रॉल से व्यक्ति को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। शराब का सेवन बंद करने के बाद चक्कर आने से गिरने के कारण चोट लग सकती है और मानसिक संतुलन खराब हो सकता है या कन्फ्यूजन और डेलिरियम हो सकता है। सिर्फ यही नहीं हार्ट बीट भी इरेगुलर हो सकता है जिससे जीवन को खतरा हो सकता है। इसके साथ ही लंबे समय तक एल्कोहल का सेवन करने से मस्तिष्क और तंत्रिका डैमेज हो सकता है जिससे झुनझुनी, सुन्नता और मांसपेशियों में परेशानी हो सकती है। एल्कोहल का सेवन करने से लिवर से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

एल्कोहल विड्रॉल का निदान कैसे किया जाता है?

एल्कोहल विड्रॉल का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :

  • ब्लड मैग्नीशियम लेवल-खून की जांच करके रक्त में मैग्नीशियम या सीरम मैग्नीशियम के स्तर का पता लगाया जाता है। मैग्नीशियम का कम स्तर गंभीर एल्कोहल विड्रॉल का संकेत है।
  • ब्लड फॉस्फेट लेवल- खून की जांच करके फॉस्फेट के स्तर का पता लगाया जाता है।
  • ईसीजी- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ के दौरान इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी से हृदय में असमान्यता का पता लगाया जाता है।
  • ईईजी-इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राम में मस्तिष्क में इलेक्ट्रिकल असमान्यता का पता लगाया जाता है।

कुछ मरीजों में डॉक्टर अधिक पसीना आने, हार्ट बीट बढ़ने, आंख की मांसपेशियों में परेशानी,मांसपेशियों में कंपकंपी सहित अन्य लक्षणों से जुड़े सवाल पूछते हैं और एल्कोहल विड्रॉल का निदान करते हैं।

एल्कोहल विड्रॉल का इलाज कैसे होता है?

एल्कोहल विड्रॉल को इलाज से ठीक किया जा सकता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में एल्कोहल विड्रॉल  के असर को कम किया जाता है। एल्कोहल विड्रॉल के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :

  1. एल्कोहल विड्रॉल के लक्षणों को कम करने के लिए बेंजोडायजेपिंस दिया जाता है।
  2. लोराजेपम और क्लोरोडायजेपोक्साइड दवाएं डेलिरियम ट्रेमेन्स के असर को कम करती हैं।
  3. चक्कर रोकने के लिए एंटीकोन्वुल्सेंट दिया जाता है और इंट्रावेनस फ्लुइड भी चढ़ाया जाता है।
  4. चिंता और चिड़चिड़ापन कम करने के लिए सेडेटिव दिया जाता है। जबकि भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए एंटीसाइकोटिक मेडिकेशन दी जाती है।
  5. बुखार और शरीर के दर्द को कम करने के लिए पेन कीलर्स दिया जाता है।

इसके अलावा कुछ मरीजों में एल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी, एल्कोहलिक लिवर डिजीज, एल्कोहलिक न्यूरोपैथी का भी उपचार किया जाता है। एल्कोहल विड्रॉल से पीड़ित व्यक्ति को शांत जगह और सॉफ्ट लाइट में रखा जाता है और कम लोगों से मिलने के लिए कहा जाता है। साथ ही पूरे दिन अधिक मात्रा में फ्लुइड दिया जाता है।

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घरेलू उपचार

जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे एल्कोहल विड्रॉल को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

अगर आपको एल्कोहल विड्रॉल डेलिरियम टेमेन्स है तो आपके डॉक्टर अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल के साथ ही थायमिन, जिंक, फॉस्फेट, मैग्नीशियम और फोलेट लेने की सलाह देंगे। इसके साथ ही पर्याप्त पानी पीना चाहिए और अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। निम्न फूड्स में फॉस्फेट और मैग्नीशियम की अधिक मात्रा पाई जाती है:

  • सी फूड
  • चिकन
  • पोर्क
  • दूध
  • दही
  • एवोकैडो
  • डार्क चॉकलेट

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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