परिचय
हीमोथोरेक्स (Hemothorax) क्या है?
हीमोथोरेक्स की समस्या में छाती की दीवार (chest wall ) और फेफड़ों के बीच ब्लड इकट्ठा होने लगता है। जिस स्थान में ब्लड इकट्ठा होने लगता है, उसे प्युरल कैविटी (pleural cavity) कहते हैं। ब्लड की अधिक मात्रा इकट्ठा हो जाने से लंग्स कोलेप्स की समस्या भी हो सकती है क्योंकि ब्लड लंग्स को बाहर की ओर पुश करता है। चेस्ट में खून का जमना कई कारणों से हो सकता है। यह चेस्ट इंजरी या सर्जरी के बाद फेफड़े में खून जमना आम बात होती है। चेस्ट वॉल, विशेष रूप से दिल या फेफड़ों की सर्जरी के कारण ऐसा हो सकता है। कुछ ऐसी भी हेल्थ कंडीशन होती हैं, जिनके कारण रक्त का थक्का नहीं बन पाता है और हीमोथोरेक्स की कंडीशन उत्पन्न हो जाती है।
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न्यूमोथोरेक्स और हीमोथोरेक्स (Hemothorax) में संबंध
न्यूमोथोरेक्स का कारण बनने वाली चीजें भी हीमोथोरेक्स को जन्म दे सकती हैं। न्यूमोथोरेक्स की कंडीशन में चेस्ट वॉल और फेफड़ों के बीच बहुत अधिक हवा भर जाती है, जिसके कारण फेफड़ों में अधिक दबाव पड़ने लगता है। फेफड़ों में अधिक दबाव के कारण भी फेफड़ों में फुलाव होता है और हवा उन्हें बाहर की ओर धकेलती है। ये स्थिति भी फेफड़ों के कोलेप्स का कारण बन सकती है। अगर हीमोथोरेक्स के लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो ये गंभीर समस्या भी पैदा कर सकते हैं। अगर आपको फेफड़ों में खून जमने के बारे में जानकारी नहीं है तो बेहतर होगा कि आप इस आर्टिकल को पढ़ें।
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लक्षण
हीमोथोरैक्स (Hemothorax) के लक्षण क्या हैं?
हीमोथोरैक्स (Hemothorax) के सबसे आम लक्षणों में आपको सीने में दर्द या फिर भारीपन महसूस होगा। जानिए क्या हैं हीमोथोरैक्स के लक्षण।
- सीने में दर्द या भारीपन
- चिंता या घबराहट महसूस होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- सांस लेने की रफ्तार बढ़ जाना
- दिल की धड़कन का बढ़ जाना
- ठंड में पसीना आना
- त्वचा का रंग पीला पड़ जाना
- 100 ° F यानी 38 ° C से अधिक बुखार होना
- अगर आपको दिल का दौरा पड़ा है और आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो हीमोथोरेक्स या अन्य स्थितियों के लिए एक आपातकालीन कमरे में जाना चाहिए। तुरंत आराम न करने से समस्या अधिक बढ़ सकती है।
उपरोक्त लक्षणों में अगर आपको कोई भी लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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कारण
हीमोथोरैक्स (Hemothorax) किस कारण से होता है ?
हीमोथोरेक्स (Hemothorax) का सबसे आम कारण छाती में गंभीर चोट लगना है। ये ट्राॅमा इंजरी के रूप में भी जानी जाती है। यह तब हो सकता है जब आपके चेस्ट में अचानक और तेजी से किसी भी प्रकार की चोट लगे और उसका अनुभव भी आपको हो। शरीर का अचानक से आगे की तरफ गिरना या कार दुर्घटना होना। कई बार कार ड्राइव करते समय लोग स्टीयरिंग व्हील पर छाती के बल गिर जाते हैं। ऐसे में अचानक से गंभीर चोट लग जाती है। ऐसा होने पर चेस्ट वॉल डैमेज हो सकती है और साथ ही लंग्स, ब्लड वैसल्स और छाती को नुकसान पहुंच सकता है। छाती में चाकू लग जाने की स्थिति में भी हीमोथोरेक्स हो सकता है।
हीमोथोरेक्स आमतौर पर हार्ट सर्जरी या फेफड़ों की सर्जरी के कॉम्प्लीकेशन के रूप में होता है। सर्जन सर्जरी के दौरान छाती की दीवार को खोलता है और फिर चीरा लगाने के बाद बंद कर देता है। इस दौरान अगर कोई वैसल्स बंद नहीं हो पाती है, तो ब्लड का रिसाव होता रहता है और फेफड़ों में रक्त जमने का कारण बन जाता है। हीमोथोरेक्स होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे
- ब्लड की ठीक तरह से क्लॉट न होना और चेस्ट कैविटी से लीक होना।
- लंग कैंसर के कारण भी खून जमने की स्थिति पैदा हो सकती है।
- कैथेटर डालने से बड़ी नस फट जाती हैं, जिससे फेफड़ों में खून जम सकता है।
- पल्मोनरी इंफेक्शन के कारण हीमोथोरेक्ट की स्थिति का पैदा होना।
- एहलर्स-डानलोस सिंड्रोम (Ehlers-Danlos syndrome) के कारण कनेक्टिव टिशू प्रभावित होते हैं।
डायग्नोज
हीमोथोरेक्स डायग्नोज कैसे किया जाता है ?
सीने में दर्द की समस्या होने की बात जब आप डॉक्टर को बताएंगे तो डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट करेगा और देखेगा कि ब्लीडिंग क्यों हो रही है। ब्लीडिंग की समस्या को भी डॉक्टर जानने की कोशिश करेगा। ऐसा अक्सर छाती में गंभीर चोट लगने के कारण होता है। फिर डॉक्टर सीटी स्कैन की सहायता से सीने और फेफड़ों के चारों ओर की संरचनाओं की जांच करेगा। सीटी स्कैन की मदद से एब्नॉर्मलटी की जांच की जा सकती है। अगर डॉक्टर को जांच के दौरान कैंसर, ट्युबरक्युलॉसिस आदि का पता चलता है तो डॉक्टर आगे का ट्रीटमेंट शुरू कर देगा। साथ ही फेफड़ों में खून जमने की समस्या का निदान भी करेगा।
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ट्रीटमेंट
हीमोथोरेक्स का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है ?
फेफड़ों में खून जमने की समस्या होने पर डॉक्टर इमरजेंसी स्टाफ की मदद लेता है। कुछ इमरजेंसी टूल्स जैसे कि वेंटीलेटर ट्यूब जो कि नाक के माध्यम से विंडपाइप में डाली जाती है और सांस लेने में सहायता करती है। वेंटीलेटर की हेल्प से ऑक्सीजन की कमी को दूर किया जाता है। साथ ही हीमोथेरेक्स की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए चेस्ट कैविटी से खून निकालना भी बहुत जरूरी होता है। फेफड़ों में जमे तरल पदार्थ या हवा को निकालने के लिए एक ट्यूब को अंदर डाला जाता है। इस ट्यूब को थोरैकोस्टॉमी ( thoracostomy) कहते हैं। अगर लंग्स कोलेप्स हो गए हैं तो ट्यूब कई दिनों तक सीने में लगी रह सकती है। अगर फिर भी ब्लीडिंग की समस्या बनी हुई है तो फिर डॉक्टर को सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है। चेस्ट की सर्जरी को थोरैकोटॉमी (thoracotomy) कहते हैं।
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जोखिम
फेफड़ों में खून जमना किस तरह के जोखिम को जन्म देता है?
सर्जरी के बाद खून का बहुत लॉस भी हो सकता है। चेस्ट में अधिक मात्रा में ब्लड चेस्ट के तरल पदार्थ को संक्रमित कर सकता है। इस कारण से पूरे शरीर में सूजन आ जाती है। सीने में दर्द महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपका कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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