लो कैलोरी डाइट प्लान (Very Low Calorie Diet – VLCD), यह प्रोफेशनल डॉक्टरों की देखरेख बनाई गई डाइट है, जिसमें कोई व्यक्ति एक दिन में 800 कैलोरी या उससे कम एनर्जी का भोजन कर सकता हैं। इस डाइट में आमतौर पर कम कैलोरी वाले शेक, सूप, दलिया या दूध वाले उत्पादों के साथ सामान्य हल्का भोजन किया जाता है। यह डाइट आमतौर पर उन लोगों के लिए हैं, जो मोटापे से ग्रस्त हैं।
तो कैसे यह डाइट प्लान मोटापा घटाने में मदद करता है और क्या इस डाइट प्लान का कोई नुकसान भी हो सकता है ? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
लो कैलोरी डाइट प्लान की जरूरत किसे होती है?
विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 से अधिक होता है, वो लोग लो कैलोरी डाइट प्लान को अपना सकते हैं। लो कैलोरी डाइट प्लान को केवल 12 हफ्तों तक लगातार किसी डॉक्टर की देखरेख में लेना चाहिए। अधिक वजन वाले लोगों (27-30 के बीएमआई) के लिए, बहुत कम कैलोरी आहार का पालन केवल तब किया जाता है जब वजन संबंधी समस्याएं मौजूद होती हैं या शरीर में बढ़े हुए कैलोरी की मात्रा को नियंत्रित करना हो।
अपना वजन कम करने के लिए सिर्फ लो कैलोरी डाइट प्लान एकमात्र विकल्प नहीं है। इसके अलावा भी ऐसे कई उपाय हैं जिससे आप अपना वजन घटा सकते हैं।
लो कैलोरी डाइट प्लान कैसे इतना मददगार साबित होता हैं?
लो कैलोरी डाइट के सेवन से आमतौर पर आप प्रति सप्ताह लगभग 1 से 2 किलोग्राम वजन घटाने में सफल हो सकते हैं। अगर आप 12 सप्ताह तक ये डाइट पालन करते हैं तो कुल मिला कर 20-22 किलोग्राम तक वजन घटा सकता हैं। वजन कम करने से मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल सहित वजन से संबंधित अन्य बीमारियों में सुधार हो सकता है।
लेकिन लो कैलोरी डाइट के सेवन से आपका वजन हमेशा के लिए नहीं कम होता। इसके लिए आपको अपनी जीवन शैली बदलने की भी जरूरत है।
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क्या लो कैलोरी डाइट प्लान सुरक्षित है?
लो कैलोरी डाइट सभी के लिए ठीक नहीं हैं। इस तरह के आहार का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें। लो कैलोरी डाइट उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं जिन्हें वजन से संबंधित समस्याएं हैं । किसी भी गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए लो कैलोरी डाइट का सुझाव नहीं किया जाता है।
यह डाइट प्लान डाइटिंग का सबसे प्रतिबंधात्मक रूप है, कैलोरी की मात्रा को गंभीर रूप से कम करता है, इसलिए उन्हें केवल एक अंतिम विकल्प होना चाहिए इसका पालन करना चाहिए।
लो कैलोरी डाइट के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
4 से 16 हफ्ते तक लो कैलोरी डाइट का सेवन करने वाले लोग थकान,कब्ज,मचली और दस्त के हल्के परिणामों को महसूस करने की संभावना हैं। यह समस्याएं आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर ही ठीक हो जाती हैं और आप बिना किसी परेशानी के अपने लो कैलोरी डाइट दैनदिनी को पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा तेजी से वजन घटाने के दौरान कभी-कभी पित्ताशय की पथरी की समस्या भी सुनने में आती है।
पित्ताशय की पथरी लो कैलोरी डाइट के सेवन से होने वाली सबसे गंभीर समस्या है। जब शरीर को कैलोरी की कमी का अनुभव होता है, तो यह एनर्जी के लिए फैट को तोड़ना शुरू कर देता है। इस वजह से लिवर अधिक कोलेस्ट्रॉल रिलीज करता है, जो तब पित्त के साथ मिक्स होता है और पित्त पथरी बनाता है।
यह एक बहुत ही सफल और बेहतरीन उपाय है वजन घटाने का पर बगैर किसी डॉक्टर के परामर्श के इस डाइट का पालन न करें।
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