के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सीजनल डिप्रेशन अवसाद का एक प्रकार है जो हर साल एक ही समय में होता है। यह पतझड़ के मौसम में शुरु होता है, सर्दियों में तीव्र हो जाता है और वसंत में समाप्त हो जाता है। इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर भी कहा जाता है और इसके रेयर रुप को समर डिप्रेशन कहते हैं।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर व्यक्ति के मूड, नींद, भूख और एनर्जी लेवल, प्रोफेशनल तथा पर्सनल लाइफ सहित जीवन के कई पहलूओं को प्रभावित करता है। सीजनल डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को निराशा, दुख, तनाव, आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है और उसका किसी काम में मन नहीं लगता है। यह समस्या आमतौर पर सर्दियों में होती है।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति को अकेले रहना अच्छा लगता है और वह दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच आने से कतराता है। सीजनल डिप्रेशन व्यक्ति की सोच को बुरी तरह प्रभावित करता है जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति खुद को दुनिया में सबसे अधिक निराश, हताश और दुखी समझता है। सीजनल डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को इससे उबरने के लिए मोटिवेशनल किताबें या विचार पढ़ने चाहिए और अधिक देर तक अकेले नहीं रहना चाहिए। अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
सीजनल डिप्रेशन एक रेयर डिसॉर्डर है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। हालांकि यंग महिलाओं और वयस्कों को यह अधिक प्रभावित करती है। सर्दी के मौसम में लगभग 10 से 20 प्रतिशत लोग सीजनल डिप्रेशन से जूझते हैं। तीन चौथाई महिलाओं को सीजनल डिप्रेशन उनकी पहली माहवारी के बाद ही शुरु हो जाता है। हालांकि यह बीमारी अधिक ठंडे प्रदेशों में रहने वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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सीजनल डिप्रेशन शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। सीजनल डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति में हर मौसम में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं जिनमें से ज्यादातर लक्षण आम डिप्रेशन की तरह ही होते हैं। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण पतझड़ के अंतिम महीने या सर्दियों की शुरुआत में दिखने लगते हैं जो गर्मी का मौसम शुरु होते ही खत्म हो जाते हैं। सीजन के अनुसार डिप्रेशन के लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं।
सीजनल डिप्रेशन के ये लक्षण सामने आते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से कुछ समय के लिए व्यक्ति समाज और लोगों से दूरी बना लेता है।
पतझड़ और सर्दियों के मौसम में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के निम्न लक्षण दिखायी देते हैं :
सीजनल डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को चिंता, तनाव, सिरदर्द जैसे मानसिक विकार भी हो सकते हैं।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर गर्मी के मौसम में भी व्यक्ति को प्रभावित करता है जिसके निम्न लक्षण नजर आते हैं :
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर सीजनल डिप्रेशन अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। कभी-कभी हताश, निराश, उदास होना या आत्मविश्वास घटना सामान्य है लेकिन यदि आप लगातार इसी स्थिति में रहते हैं जिससे आपकी नींद, भूख सहित दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है या बार-बार सुसाइड करने का ख्याल आता हो तो आपको तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। लेकिन ऐसे कई कारक हैं जो सीजनल डिप्रेशन को बढ़ावा देते हैं। आमतौर पर प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग कारणों से सीजनल डिप्रेशन होता है।
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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण अन्य प्रकार के डिप्रेशन की तरह गंभीर होते हैं और इलाज न कराने से सीजनल डिप्रेशन काफी गंभीर हो सकता है। इससे व्यक्ति के व्यवहार में तेजी से परिवर्तन आ सकता है और वह नकारात्मकता से घिर सकता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और व्यक्ति आत्महत्या का भी प्रयास कर सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति धूम्रपान, एल्कोहल सहित नशीली दवाओं एवं मादक पदार्थों का सेवन करने का आदी हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
सीजनल डिप्रेशन का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
इसके अलावा सीजनल डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाता है और उससे बीमारी के लक्षणों से जुड़े कुछ सवाल पूछे जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं मरीज के व्यवहार, भावनाओं और बिहेवियर पैटर्न का भी मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए मरीज को एक प्रश्नोत्तरी भरनी होती है।
सीजनल डिप्रेशन को आसानी से ठीक किया जा सकता है। डॉक्टर मरीज में सीजनल डिप्रेशन के असर को कम करने के लिए कुछ थेरिपी और दवाएं देते हैं। सीनजल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा डॉक्टर मरीज को हर साल सीजनल डिप्रेशन के लक्षण शुरु होने से पहले ही एंटी डिप्रेसेंट का सेवन करने की सलाह देते हैं। सीजनल डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मेडिटेशन, योग,एक्सरसाइज और म्यूजिक एवं आर्ट थेरेपी भी एक बेहतर उपाय है।
अगर आपको सीजनल डिप्रेशन है तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे जिसमें बहुत ही अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्व पाये जाते हों। इसके साथ ही आपको दिन भर में 7 से 8 गिलास पानी, ताजे फल, जूस और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाने के लिए निम्न फूड का सेवन करना चाहिए:
इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लेने से मूड बेहतर होता है और एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का प्रभाव बढ़ता है। निम्न फूड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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