
फेरबेर मेथड रिचर्ड फेरबेर द्वारा डेवलेप किया गया स्लीप ट्रेनिंग प्रोग्राम है। इस स्लीप ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत पेरेंट्स को एक निश्चित समय अंतराल के लिए बच्चे को अकेले छोड़ देना चाहिए। अगर ऐसे में बच्चा थोड़ा रोता है, तो उसे इग्नोर किया जा सकता है। ऐसा करने से बच्चा अपनेआप सो जाता है। एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे को अकेला छोड़ने से ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है आप उस पर ध्यान न दें। आप बच्चे की गतिविधियों को दूर से देख सकते हैं लेकन बच्चे को इस बात का एहसास नहीं होना चाहिए कि आप उसके पास हैं।
स्लीपिंग ट्रेनिंग के लिए फेरबेर मेथड (Ferber Method Of Sleep Training) इसलिए अपनाया जाता है, ताकि बच्चे को इस बात का एहसास हो कि उनके रोने पर भी उनके पास कोई नहीं आएगा। उसके बाद बच्चे अपने आप ही सो जाते हैं। अगर आपको यह मेथड अपनाना है, तो इस बात का बिल्कुल ध्यान रखें कि बच्चा भूखा ना हो। बच्चे को फीड कराने के बाद और उसे आराम महसूस कराने के बाद आप यह तरीका अपना सकते हैं। लेकिन सभी बच्चों में यह तरीका नहीं अपनाया जा सकता है। जो बच्चे बीमार हैं या फिर अचानक से जिन बच्चों को सांस लेने में समस्या हो जाती है, उन बच्चों के साथ इस तरीके को अपनाने से बचना चाहिए।
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स्लीपिंग ट्रेनिंग के लिए फेरबेर मेथड को कैसे अपनाया जाए?
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि जन्म के बाद बच्चे एक से 2 घंटे के अंतराल में जाग जाते हैं और फिर फीड करने के बाद सो जाते हैं। आप यह मेथड बच्चों में 5 से 6 महीने के बाद अपना सकते हैं। 6 महीने की उम्र के बाद बच्चे रात में पूरी नींद लेना शुरु कर देते हैं। 6 महीने के बाद बच्चों को रात में भूख नहीं लगती है और बिना फीड किए वह 7 से 8 घंटे की नींद लेते हैं। अगर आपको लग रहा है कि आपका बच्चा नींद नहीं ले रहा है, तो आप इस मेथड को अपना सकते हैं।
इस मेथड को अपनाने के लिए सबसे पहले आपको बच्चों को यह बताना होगा कि अंधेरा या रात हो जाने पर सोया जाता है। इस बात का एहसास दिलाने के लिए एक निश्चित समय तय करें। बच्चों को फीड कराने के बाद उसे थोड़ी देर के लिए अकेला छोड़ दें। अगर आपका बच्चा रोता है, तो आप कुछ देर तक उसके साथ बैठे उसे लोरी सुनाएं या फिर थपथपाएं और उसके बाद बच्चे के कमरे से बाहर चले जाएं। आपको थोड़ी-थोड़ी देर में यह चेक करना होगा कि बच्चा सोया है या फिर नहीं। अगर आपका बच्चा सो जाता है, तो यकीनन यह आपके लिए अच्छी बात है। अगर बच्चा नहीं सोता है, तो आपको कुछ-कुछ देर में आकर यह चेक करना होगा कि बच्चा क्यों नहीं सो पा रहा है। अगर बच्चा बिना किसी वजह के रो रहा है, तो आपको कुछ देर तक उसे अकेला भी छोड़ना होगा लेकिन आप उस पर नजर बनाए रखें।