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Baby's First Bath: बेबी की पहली बाथ के दौरान किन बातों का रखा जाता है ख्याल?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/02/2022

    Baby's First Bath: बेबी की पहली बाथ के दौरान किन बातों का रखा जाता है ख्याल?

    बच्चे की त्वचा बहुत नरम होती है। जो भी व्यक्ति बच्चों को पहली बार छूता है, उसे इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं बच्चा हाथ से छूट ना जाए। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि बच्चों का शरीर बेडौल और नरम होता है। अगर आप उन्हें गर्दन से सही से नहीं पकड़ेंगे, तो गर्दन को झटका लग सकता है या कई बार सावधानी न रखने पर तो बच्चा हाथ से भी छूट जाता है। बच्चे के जन्म के बाद नर्स ही उन्हें साफ करती हैं और नहलाती हैं। जब बच्चा घर पहुंच जाता है, तो पेरेंट्स के लिए बच्चे को पहली बार नहलाना किसी चैलेंज से कम नहीं होता है। बच्चे को नहलाते समय पानी का तापमान कैसा होना चाहिए, बच्चे के लिए कैसी टॉवल का यूज करनी चाहिए, कौन-सा सोप बच्चे के लिए बेहतर रहेगा आदि ऐसी कई सारी बातें हैं, जो पेरेंट्स के मन में रहती हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बेबी की पहली बाथ (Baby’s First Bath के बारे में जानकारी देंगे और संबंधित सावधानियों के बारे में भी बताएंगे।

    बच्चों को आप जब भी पहली बार नहला रहे हो, तो बच्चे को पकड़ने की टेक्निक के बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें। बच्चों को पकड़ते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप उसे गर्दन के साथ ही पीठ से भी मजबूती से पकड़े। बच्चे कई बार आसानी से हाथ से छूट जाते हैं, इसलिए आपको उन्हें मजबूती से पकड़ना चाहिए। बच्चों को नहलाने के लिए आप बाथ टब का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप बच्चों को टब में बैठाकर स्पॉज बाथ दे सकते हैं। बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बाथ टब की मदद से पकड़ने में उन्हें आसानी होती है। बच्चों के लिए आपको बाथ टब आसानी से मिल जाएंगे।

    बेबी फस्ट बाथ या बेबी की पहली बाथ के समय आपको बंद जगह का इस्तेमाल करना चाहिए। बंद जगह का टेंपरेचर बच्चों के अनुकूल होता है। आप बच्चों के लिए ना तो ठंडे पानी का इस्तेमाल करें और ना ही गर्म पानी का। ऐसा करने से बच्चों को ठंड नहीं लगती है। बच्चे के लिए हुडेड टॉवल का इस्तेमाल करें। साथ ही टॉवल मोटा होना चाहिए ताकि बच्चे के शरीर से पानी को आसानी से पोछा जा सके। टॉवल का चुनाव करते समय सॉफ्टनेस पर जरूर ध्यान दें। साथ ही साफ डायपर, साफ कपड़े को भी अपने पास रखें। मुंह की सफाई करने के लिए साफ सूती कपड़े की मदद से मुंह को हल्के हाथों से साफ करें। बच्चे जब दूध पीते हैं, तो उनके मूंह की रोजाना सफाई भी बहुत जरूरी हो जाती है।

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    बेबी के लिए स्पॉन्ज बाथ क्यों है जरूरी?

    अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का मानना है कि बच्चे को नहलाने के लिए पानी का तापमान 120 फारेनहाइट से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन अगर आप बच्चे को पहली बार स्नान कराने जा रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप उसे स्पॉन्ज बाथ दें। जब तक बच्चे कि अम्बलिकल कॉर्ड गिर नहीं जाती है, तब तक बच्चे को स्पॉन्ज बाथ देना बेहतर माना जाता है। इसके बाद बच्चे को आप बाथ टब का इस्तेमाल कर नहला सकते हैं।

    आप बच्चे को 5 दिन से 2 हफ्ते तक स्पॉन्ज बाथ दी जाती है, तो उसके लिए बेहतर रहेगा। स्पॉज बॉथ के दौरान सबसे पहले आपको अपने हाथों से पानी के टेम्परेचर को चेक करना होगा। इसके बाद बेबी के कपड़ों को धीरे-धीरे हटाना होगा। बच्चे के बैक को टॉवल में रखें और दूसरे टावर का इस्तेमाल बच्चे को कवर करने के लिए करें। पानी में दो कॉटन बॉल्स को डालें और बच्चे की आंख, नाक आदि को कॉटन बहुत आराम से साफ करें। अब इसके बाद आप एक साफ सूखे सूती कपड़े को पानी में भिगाकर बच्चे के शरीर को पोछें। आप बच्चे के पूरे शरीर को अच्छी तरह से साफ करें। आप सूती कपड़े के स्थान पर मार्केट में मिलने वाले स्पॉन्ज का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके बाद पूरे शरीर को सूती कपड़े की मदद से साफ करें। एक बात का ध्यान रखें कि इस समय बच्चे को अच्छी तरीके से पकड़े। सोप का इस्तेमाल करने के लिए कपड़े की मदद लें। इसके बाद दोबारा गीले कपड़े की मदद से सोप को साफ कर दें। बेबी की पहली बाथ या बेबी फस्ट बाथ आपके लिए स्पेशल होगी, इसलिए सावधानी जरूर रखें।

    क्या रोजाना जरूरी होती है स्पॉन्ज बाथ?

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    टॉवल की मदद से बच्चों को धीमे धीमे पोछें। अगर आपको लग रहा है कि बच्चे की स्किन बहुत ज्यादा ड्राय हो गई है, तो आप उसे मॉस्चराइज भी कर सकते हैं। अब बच्चे को डायपर लगाएं और साथ ही उसे साफ कपड़े पहना दें। स्पॉन्ज बाथ की जरूरत रोजाना नहीं होती है। आप इसे हफ्ते में एक से दो बार कर सकते हैं। एक बार अंबिलिकल कॉर्ड हट जाने पर आप बेबी को रोजाना नहला ला सकते हैं। अगर आपको कंफर्टेबल महसूस होता है, तो आप किचन के सिंक का इस्तेमाल भी बच्चे को नहलाने के लिए कर सकते हैं।

    • बेबी की पहली बाथ के दौरान पेरेंट्स को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। नवजात बच्चे को ठंड जल्दी लगती है। ऐसे में जरूरी है कि पानी के टेम्परेचर को जांच लिया जाए। ऐसा करने से बच्चे की स्किन जलने से बच जाती है। बच्चे की स्किन बहुत नाजुक होती है, इसलिए आपको इन बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।
    • नवजात बच्चे की तबियत अगर खराब है, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद ही बच्चे को नहलाना चाहिए।
    • बाथ सीट और बाथ रिंग का इस्तेमाल उन बच्चों के लिए करना चाहिए, जो बच्चे बैठ सकते हैं। नवजात बच्चों के लिए बाथ सीट और बाथ रिंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
    • नवजात बच्चे के लिए आम सोप का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। बच्चों की त्वचा बहुत मुलायम होती है, इसलिए डॉक्टर से सलाग लेने के बाद ही सोप का चयन करें।
    • बच्चे को साफ करते समय गलती से भी गंदे कपड़े का इस्तेमाल न करें।

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    बेबी को नहलाते समय एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि बेबी को कभी भी बाथरूम में अकेला ना छोड़े। भले ही किचन में गैस खुली या फिर फोन की घंटी बज रही हो, आपको बेबी को साथ में लेकर ही जाना चाहिए। बेबी को बाथरूम में अकेला छोड़कर नहीं जाना चाहिए।

    इस आर्टिकल में हमने आपको बेबी की पहली बाथ (Baby’s First Bath) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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