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''मैंने पहली प्रेग्नेंसी के लिए इस तरह की थी प्लानिंग, नहीं आई कोई परेशानी, बेबी भी हुई हेल्दी''

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/09/2021

    ''मैंने पहली प्रेग्नेंसी के लिए इस तरह की थी प्लानिंग, नहीं आई कोई परेशानी, बेबी भी हुई हेल्दी''

    कुछ महिलाएं शादी के तुरंत बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग (Pregnancy planning) करने लगती हैं, तो कुछ शादी के कुछ सालों के बाद मां बनना चाहती हैं। मुंबई की रचना उपाध्याय उनमें से ही थी जो शादी होते ही मां बनने का सपना देखने लगी और शादी के एक साल बाद ही वह मां बन गईं। उसने हेल्दी बेबी (Healthy baby) को जम्न दिया और अपनी पूरी प्रेग्नेंसी को भी भरपूर एंजॉय किया। रचना ने अपनी प्रेग्नेंसी को इतने अच्छी तरह से प्लान किया कि उनकी डिलिवरी नॉर्मल (Normal delivery) हुई और प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं हुई। रचना ने पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी (Preparing for first pregnancy) कैसे की चलिए उससे ही जान लेते हैं।

    आपने प्रेग्नेंसी प्लानिंग (Pregnancy planning) कब से शुरू की थी और कंसीव (Conceive) करने में कितना समय लगा?

    मैंने शादी के तुरंत बाद से ही प्रेग्नेंसी प्लानिंग (Pregnancy planning) शुरू कर दी थी। मैं इस मामले में लकी रही, मुझे कंसीव करने में ज्यादा समय नहीं लगा। शादी के एक साल बाद ही मुझे बेटी हुई। इससे आप समय का अंदाजा लगा सकते हैं (हंसते हुए)। मैंने अक्सर अपने बुजुर्गों को ऐसा कहते हुए सुना था कि फर्स्ट प्रेग्नेंसी प्लान (Fist Pregnancy plan) करने में देर नहीं करनी चाहिए नहीं, तो बाद में परेशानी आती है और यह बात मेरे मन में बैठ गई। इसलिए हमने तय कर लिया कि प्लानिंग में देर नहीं करेंगे। साथ ही हम दोनों को ही बच्चों से काफी प्यार है इसलिए भी हमने बेबी जल्दी प्लान किया।

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     अपनी पहली प्रेग्नेंसी (Fist Pregnancy) के लिए खुद को कैसे तैयार किया था?

    मैंने पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी काफी केयरफुली की थी। मेरा पहला कंसर्न बॉडी को पूरी तरह फिट रखना था। मैंने योगा (Yoga) और हेल्दी डायट (Healthy diet) लेना शुरू किया ताकि मेरा शरीर बच्चे के लिए पूरी तरह तैयार हो सके। शादी के पहले से मैं जॉब करती थी, लेकिन मैंने सोच लिया था कि प्रेग्नेंट होते ही मैं जॉब छोड़ दूंगी ताकि प्रेग्नेंसी को अच्छे से एंजॉय कर सकूं और खुद को और होने वाले बच्चे को भी टाइम दे सकूं। प्रेग्नेंट होने के 3 महीने के बाद ही मैंने जॉब छोड़ दिया था।

    आपने बताया कि आपकी नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) हुई थी, तो इसके लिए भी आपने कुछ प्रयास किया था?

    जी हां, मैंने इसके लिए प्रयास किया था। मैं चाहती थी मेरी डिलिवरी नॉर्मल (Normal delivery) हो क्योंकि सिजेरियन (Cesarean) के बाद वेट बढ़ना (Weight gain), बेली फैट बढ़ना (Belly fat) और टांके पकने जैसे कॉम्प्लिकेशन मैं नहीं चाहती थी। साथ ही मैं चाहती थी कि मैं लेबर पेन (Labor pain) का सामना करूं क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि जो महिला लेबर पेन को सहन कर लेती है वह जीवन में किसी भी प्रकार के दर्द का सामना कर सकती है। आपको ये बात सुनकर हंसी आएगी, लेकिन सच में मैं ऐसा ही सोचती थी।

    पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी करते वक्त मैंने फिजिकल एक्टिविटीज को ज्यादा महत्व दिया। प्रेग्नेंसी के सातवें से आठवें महीने में भी मैं पोछा लगाना, घर के दूसरे काम करना, नीचे उठना बैठना मैं जरूर करती थी। अक्सर इन महीनों में महिलाएं फिजिकल एक्टिविटीज से कतराती हैं, क्योंकि वजन काफी बढ़ गया होता है और घर के काम करने में थोड़ी परेशानी महसूस होती है, लेकिन मैंने काम करना जारी रखा। जिसका मुझे फायदा मिला। इसके साथ ही मैं रेगुलर योग करने लगी थी जो मैंने आखिर तक जारी रखा। इसके लिए मैंने एक्सपर्ट से सलाह ली थी। पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी (Preparing for first pregnancy) के लिए घर की छत पर टहलने का क्रम जो शुरू किया था वो आखिर तक मैंने जारी रखा।

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    पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी (Preparing for first pregnancy) के लिए क्या आपने कोई स्पेशल डायट भी फॉलो की थी?

    देखिए हेल्दी रहने के लिए हेल्दी डायट (Healthy diet) जरूरी होती है और बात अगर पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी की हो, तो हेल्दी डायट का महत्व और भी बढ़ जाता है। क्योंकि यह मां के साथ ही बेबी के विकास में मददगार होती है। मैंने डायट को लेकर डॉक्टर से पहले ही सलाह ले ली थी। मैंने प्रेग्नेंसी की तैयारी से लेकर पूरी प्रेग्नेंसी तक डायट का विशेष ख्याल रखा। ब्रेकफास्ट में प्रोटीन इंटेक (Protein intake) को शामिल करने का मैं विशेष ध्यान रखती थी क्योंकि यह बेबी की ग्रोथ के लिए जरूरी होता है। इसके लिए मैं डायट में दाल को जरूर शामिल करती थी। साथ ही दूसरे पोषक तत्वों से युक्त फूड्स भी मेरे डायट का हिस्सा होते थे।

    ब्रेकफास्ट में स्प्राउट, लंच में दाल-चावल सब्जी-रोटी के साथ कंप्लीट फूड और डिनर में हल्का फूड जिसमें वेजिटेबल खिचड़ी या दाल दलिया खाती थी। ये रूटीन मैंने पूरी प्रेग्नेंसी पीरियड में फॉलो किया। इसके साथ ही में कोई एक सीजनल फल को रोज खाती थी। मैंने रात का खाना 7-8 के बीच खाना खा लेती थी और 9 बजे तक सो जाती थी।

    ऐसी कोई आदत जो आपने इस दौरान छोड़ी हो?

    मुझे देर रात तक जागने की आदत थी। मोबाइल पर सर्फिंग करते-करते रात के 2 कब बज जाते थे मुझे पता ही नहीं चलता था। जिससे मेरा रूटीन काफी बिगड़ जाता था। मैं देर से उठती थी और पूरी दिन मुझे थकावट महसूस होती थी। जब प्रेग्नेंसी प्लानिंग के सिलसिले में मैंने डॉक्टर से बात की थी, तो उन्होंने मुझे इस आदत को सुधारने के लिए कहा क्योंकि इसकी वजह से मेरी हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा था जो बाद में प्रेग्नेंसी पीरियड (Pregnancy period) को भी प्रभावित कर सकता था। मैंने रात को मोबाइल पर लंबे समय तक मोबाइल यूज करना बंद कर दिया। इससे मुझे नींद भी जल्दी आने लगी। मैं प्रेग्नेंट होने के बाद रात के 9 बजे तक सो जाती थी।

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    पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी (Preparing for first pregnancy) के दौरान पति कितने सर्पोटिव रहे?

    उन्होंने मेरा बहुत सपोर्ट किया। वे मुझे ढूंढ-ढूंढकर ऐसे आर्टिकल निकालकर देते थे जो प्रेग्नेंसी की तैयारी पर लिखे गए थे। ऐसे फ्रेंड्स को जो  पेरेंटस बन चुके हैं उनसे बात करके भी वे प्रेग्नेंसी प्लानिंग और केयरिंग के लिए टिप्स पूछते रहते थे। दरअसल वे बेबी को लेकर मुझसे ज्यादा एक्साइटेड रहते थे। उन्होंने बेबी के लिए कपड़े तक खरीदना शुरू कर दिए थे। हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए हस्बेंड और फैमिली दोनों का सपोर्ट जरूरी होता है। पतियों को प्लानिंग से लेकर प्रेग्नेंसी पीरियड तक एलर्ट और केयरिंग मोड में रहना चाहिए चाहे वह पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी हो या दूसरी। 

    आप पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी (Preparing for first pregnancy) कर रही दूसरी महिलाओं को कोई टिप्स या सलाह देना चाहेगी?

    मैं यही कहूंगी कि प्रेग्नेंसी की तैयारी करने से पहले महिलाओं को दो चीजों की तैयारी कर लेनी चाहिए। जिसमें सबसे पहले बॉडी को फिट रखना और दूसरा आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना। अगर बॉडी फिट नहीं है, तो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान कई प्रकार की परेशानियां आ सकती हैं और इनका असर बच्चे पर भी हो सकता है। कई बार कपल्स इस बात को समझ नहीं पाते, लेकिन प्रेग्नेंट होने के बाद कई बार की परेशानियों से दो चार होना पड़ता है।

    अगर बॉडी फिट नहीं है, तो प्रेग्नेंसी के बाद भी बच्चे की केयर करने में परेशानी आती है। वहीं प्रेग्नेंट होते ही दवाइयों, टेस्ट और डायट पर बेशुमार खर्चा शुरू हो जाता है। बेबी के बर्थ के बाद भी ये सिलसिला जारी रहता है इसलिए आर्थिक रूप से अच्छी स्थिति में रहना बेहद जरूरी है।

    हम उम्मीद करते हैं कि रचना उपाध्याय के इस रियल एक्सपीरियंस से आपको भी पहली प्रेग्नेंसी की तैयारी कैसे करनी चाहिए इससे संबंधित सीख मिली होगी। याद रखें हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए डॉक्टर से समय समय सलाह जरूर लेते रहें और उनकी सहमति के बिना ना तो किसी प्रकार की किसी दवा क सेवन और ना ही किसी प्रकार की डायट को फॉलो करें।

    डिस्क्लेमर

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