लेबर इंड्यूसिंग के लिए पॉइंट्स एक्यूप्रेशर का प्रयोग कब सुरक्षित है? (Acupressure points to induce labor)
लेबर इंड्यूसिंग (Labor inducing) के लिए एक्यूप्रेशर का प्रयोग करने से पहले यह जानना जरूरी है कि किन स्थितियों में इसका प्रयोग सुरक्षित है? गर्भवती महिलाओं के लिए, एक्यूप्रेशर स्पॉट तभी ट्रिगर होने चाहिए, जब:
- आपकी ड्यू डेट निकल चुकी है और आपमें लेबर या डिलीवरी का कोई भी लक्षण न हो।
- आपका लेबर इंड्यूस हो गया हो लेकिन आपकी मसल्स में कॉन्ट्रैक्शंस के लिए स्ट्रेंथ में कमी हो।
- एक्टिव लेबर अभी शुरू होने वाली हो, लेकिन एमनीओटिक सैक्स (Amniotic sac) पहले ही टूट चुके हों।
कुछ अन्य स्थितियों में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इनके बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अब जानते हैं इंड्यूस्ड लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure points to induce labor) के बारे में।
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इंड्यूस्ड लेबर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स कौन-कौन से हैं? (Acupressure points to induce labor)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार अधिकतर महिलाएं गर्भावस्था और लेबर के दौरान कम दवाईयां लेना चाहती हैं। ऐसे में, लेबर की प्रक्रिया को बिना किसी मेडिकल प्रोसीजर के इंड्यूस्ड करने के लिए एक्यूप्रेशर को अच्छा तरीका माना जाता है। लेकिन, इसके बारे में अभी पर्याप्त सुबूत मौजूद नहीं हैं। इंड्यूस्ड लेबर (Induced labor) के लिए कुछ एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को लाभदायक माना जाता है। आइए जानते हैं इन पॉइंट्स के बारे में।
स्प्लीन 6 पॉइंट (Spleen 6 point)
स्प्लीन 6 पॉइंट को SP6 भी कहा जाता है। इसे सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में से एक माना जाता है। कई स्थितियों में इसका प्रयोग किया जाता है जिसमें लेबर इंडक्शन (Labor Induction) भी शामिल है। SP6 टखने के ऊपर, निचले काफ के पीछे स्थिति होता है। इंडेक्स फिंगर का प्रयोग कर के इस पॉइंट पर कुछ सेकंड्स के लिए प्रेशर डालें। एक मिनट के ब्रेक के बाद इसे फिर से दोहराएं।