प्रेग्नेंसी में अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis in pregnancy) की मेडिकल प्रोसीजर के लिए ऑफ लिमिट हैं। कुछ टेस्ट महिला या भ्रूण को जोखिम में डाल सकती हैं। कुछ डायग्नोसिस्ट टूल्स प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित माने जाते हैं। इन प्रक्रियाओं में शामिल हैं:
प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट जैसे कि सीटी स्कैन या फिर एक्स-रे (X-ray) नहीं करते हैं। अगर इमरजेंसी होती है, तो ऐसे में इमेजिंग टेस्ट करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर प्रेग्नेंसी सेफ एमआरआई (Without the use of Gadolinium) किया जाता है।
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प्रेग्नेंसी में अल्सरेटिव कोलाइटिस का ट्रीटमेंट (Ulcerative colitis treatment in pregnancy)
प्रेग्नेंसी में अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis in pregnancy) की समस्या होने पर डॉक्टर ट्रीटमेंट को अवॉयड करते हैं। ऐसे में अन्य ट्रीमेंट दिए जा सकते हैं। डॉक्टर ऐसे में मेडिकेशन को सुरक्षित मानते हैं और मेडिसिंस का इस्तेमाल ब्रेस्टफीडिंग के दौरान (Breastfeeding) भी सुरक्षित माना जाता है। अगर दवाओं का सेवन बंद कर दिया जाए, तो स्थिति अधिक खराब हो सकती है। प्रेग्नेंसी में अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis in pregnancy) होने पर डॉक्टर अमीनोसैलिसिलेट्स (Aminosalicylates) जैसे कि सल्फासालजीन (Sulfasalazine) और मेसालेमिन (Mesalamine) लेने की सलाह दे सकते हैं। कुछ कंडीशन में डॉक्टर डोज को एडजस्ट भी कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर महिला प्रेग्नेंट होने पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग कर रही है, तो डॉक्टर जितना संभव हो सकता है, खुराक कम कर देते हैं। डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotics), थैलिडोमाइड (Thalidomide) आदि को न लेने की सलाह देते हैं।
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