एक हेल्थ कोंशियस महिला जो प्रेग्नेंसी से पहले डायट पर थी, उसके मन में हमेशा एक सवाल होगा कि क्या वह गर्भावस्था के दौरान कम कार्ब ले सकती है? कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (Complex carbohydrate) के बिना लो कार्ब डायट पर रहने से गर्भवती में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है और ये शिशु के समुचित विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन, मिनरल्स, फायबर, कैल्शियम और सबसे महत्वपूर्ण- फोलिक एसिड शामिल है- जो गर्भावस्था के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार, फोलिक एसिड के अच्छे आहार स्रोतों में पत्तेदार हरी सब्जियां शामिल हैं, जैसे पालक; खट्टे फल, ऑरेंज जूस, बीन्स, फोर्टिफाइड ब्रेड, चावल आदि।
लो कार्ब डायट हाय प्रोटीन (High Protein) पर फोकस होता है, जबकि इसकी एक मॉडरेट क्वांटिटी प्रेग्नेंट महिला और उसके शिशु दोनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होती है। लगभग 75 ग्राम, या एक दिन में तीन सर्विंग्स से अधिक मात्रा में प्रोटीन लेने से इसके साइड इफेक्ट्स की संभावना बढ़ सकती है।
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लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) के बारे में क्या कहती है रिसर्च?
रिस्क फैक्टर्स को देखते हुए लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) के बारे में ज्यादातर स्टडीज चूहों पर की गई हैं। 2013 में चूहों पर हुई एक रिसर्च से पता चला है कि जिन मादा चूहों को कीटो डायट जैसी लो कार्ब डायट दी गई, उन्होंने ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिनका हार्ट सामान्य से बड़ा और ब्रेन का साइज छोटा था। वहीं, 2015 की एक स्टडी में पाया गया कि लो कार्ब कीटो डायट से गर्भवती मादा चूहों से जन्मे बच्चे जब वयस्क चूहे बनें तो उनमें एंग्जायटी (anxiety) और डिप्रेशन (depression) का खतरा अधिक था।