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गैस्ट्रोस्टॉमी के दौरान क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? (Process of Gastrostomy)
गैस्ट्रोस्टॉमी के दौरान निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है। जैसे:
- मेडिसिन (Medication) और इंजेक्शन (Injection) दी जाती है।
- फीडिंग ट्यूब इंसर्शन के दौरान तकलीफ महसूस ना हो, इसलिए एनेस्थीसिया (Anesthesia) दी जाती है।
- एंडोट्रेकियल ट्यूब (Endotracheal Tube) को गले से सांस लेने वाली नली में पहुंचाया जाता है, जिससे सर्जरी के वक्त पेशेंट आसानी से सांस ले सकें।
- गैस्ट्रोस्टॉमी के दौरान एक और ट्यूब मुंह (Mouth) या नाक (Nose) से पेट (Stomach) तक डाला जाता है। इस ट्यूब को नैसगैस्ट्रिक ट्यूब (Nasogastric Tube) कहते हैं। इस ट्यूब (Tube) की सहायता से पेट में मौजूद लिक्विड को निकाला जाता है।
फीडिंग ट्यूब इंसर्शन (Feeding Tube Insertion) के बाद तब तक लगा रहता है, जबतक पेशेंट ठीक से खाना शुरू ना कर दें। वहीं फीडिंग ट्यूब (Feeding Tube) दो अलग-अलग तरह के होते हैं। एक शॉर्ट टर्म के लिए लगाया जाता है और दूसरा हमेशा के लिए लगाई जाती है।
नोट: कुछ फीडिंग ट्यूब (Feeding Tube) लम्बे वक्त के लिए लगाए जाते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर डायट से जुड़ी जानकारी शेयर करते हैं और ट्यूब को इंफेक्शन (Infection) से कैसे बचाना है यह भी समझाया जाता है।
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गैस्ट्रोस्टॉमी के रिस्क फैक्टर क्या हैं? (Risk factor of Gastrostomy)
गैस्ट्रोस्टॉमी के बाद ज्यादातर लोगों को कोई परेशानी तो नहीं होती है, लेकिन कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई (Breathing problem), दवाओं की वजह से जी मिचलाना (Nausea), ब्लीडिंग (Bleeding) होना या फिर इंफेक्शन (Infection) की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को इसकी जानकारी दें और उनके द्वारा दी गई गाइड लाइन को फॉलो करें। अपनी मर्जी से घरेलू उपाय इस दौरान ना करें।