इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज (IBS-C) की तकलीफ होने पर ऊपर बताये लक्षण महसूस हो सकते हैं और कुछ दिनों के लिए ठीक होने के बाद वापस भी आ सकते हैं अगर इसका इलाज ठीक तरह से ना करवाया जाए तो।
नोट: यह ध्यान रखें कि अगर किसी व्यक्ति को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) की समस्या है, तो इसकी वजह से स्टूल में ब्लड या वजन कम (Weight loss) होने जैसी समस्या नहीं होगी।
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज के कारण क्या हैं? (Cause of IBS-C)
रिसर्च रिपोर्ट्स पर अगर गौर करें, तो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं, इसकी जानकारी अभी भी उपलब्ध नहीं है। हालांकि नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार IBS-C की समस्या उनलोगों में ज्यादा हो सकती है, जिनके परिवार में पहले से कोई भी व्यक्ति इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का पेशेंट रह चुका हो। इसलिए इसे जेनेटिकल (Genetical) भी माना गया है। वहीं अगर किसी व्यक्ति को पहले बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infections) की समस्या हो चुकी हो। अब इन दो कारणों के अलावा रिसर्च रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि अगर किसी भी कारण से ब्रेन यानी मस्तिष्क से इंटेस्टाइन को ठीक तरह से सिग्नल ना मिल रहा हो, तो भी इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज की समस्या हो सकती है। अगर सीधे तरह से इन कारणों को समझा जाए, तो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज (IBS and Constipation) के कारण हो सकते हैं-
- जेनेटिकल
- बैक्टीरियल इंफेक्शन
- ब्रेन और इंटेस्टाइन का आपस में तालमेल
ये तीन कारण IBS-C के हो सकते हैं। अब इस बीमारी को डायग्नोस कैसे किया जाता है यह समझेंगे।
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of IBS with Constipation)
डायग्नोसिस जैसे शब्दों को सुनने के बाद लोग कई बार यह सोचकर परेशान हो जाते हैं कि पता नहीं डॉक्टर मुझे कौन-कौन से टेस्ट करवाने की सलाह देंगे! कई लोग तो ऐसे होते हैं, जो सिर्फ टेस्ट की डर की वजह से इलाज शुरू करवाने में देरी कर देते हैं, जिसका नतीजा गंभीर शारीरिक परेशानी या कोई गंभीर बीमारी का आपके शरीर में आशियानी बनाने से कम नहीं होता है। खैर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और कब्ज (IBS and Constipation) की समस्या होने पर शुरुआती इलाज के वक्त में डॉक्टर सिर्फ आपकी मेडिकल हिस्ट्री, फैमली की मेडिकल हिस्ट्री और पेशेंट के द्वारा महसूस किये जाने वाले लक्षणों को पूछते हैं। इस दौरान डॉक्टर पेशेंट के पेट को दबाकर देखते हैं और पेशेंट को कब्ज (Constipation) की समस्या कब से है या कब-कब होती ऐसी तकलीफ, इसकी पूरी जानकारी लेते हैं और फिर IBS-C का इलाज करते हैं।