हनी बी (Honey Bee) यानी कि मधुमक्खी ने तो कभी न कभी जरूर काटा होगा आपको। उसके काटने पर जलन और दर्द भी हुआ होगा। लेकिन, लंदन के रॉयल जियोग्राफिकल सोसायटी ने हनी बी को धरती का सबसे महत्वपूर्ण जंतु घोषित किया है। वहीं, दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का कहना है कि हनी बी धरती से धीरे- धीरे विलुप्त हो रही हैं। हाल ही में हुए कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि धरती से लगभग 90 % हनी बी की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। कीटनाशकों का उपयोग, जंगलों का कटना, फूलों की कमी आदि इसका प्रमुख कारण है। अब आप सोचेंगे कि हनी बी किस तरह से महत्वपूर्ण है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कंसल्टिंग होमियोपैथ और क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. श्रुति श्रीधर बताती हैं कि हनी बी का उपयोग आर्थराइटिस जैसे रोग के लिए किया जाता है। इसे हनी बी थेरिपी या एपीथेरिपी कहा जाता है। इसके अलावा, होमियोपैथी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसे यूरिन संबंधित समस्याएं, एंसार्का (पूरे शरीर में सूजन), कीड़े के काटने, जलद, दर्द और बेचैनी आदि स्थितियों में उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।