मधुमक्खी या ततैया का डंक यानी काटना आमतौर पर बहुत ही सामान्य है। मधुमक्खियां जब काटती हैं, तो त्वचा में एक विष की थैली के साथ अपने डंक को छोड़ देती हैं, लेकिन ततैया ऐसा नहीं करती। ज्यादातर डंक से एक या दो दिनों तक खुजली या दर्द होती है और सूजन एक सप्ताह तक रह सकती है। मधुमक्खी और भौंरा केवल तभी डंक मरते हैं यदि उन्हें उकसाया जाता है। लेकिन, ततैया अधिक आक्रामक हो सकती है और एक से अधिक बार डंक मार सकती है। मधुमक्खी या ततैया के डंक का उपचार उनकी गंभीरता पर निर्भर करता है। मधुमक्खी या ततैया के डंक के बाद होने वाला एलर्जी रिएक्शन ऐसी समस्या है, जिन्हे मेडिकल सहायता की आवश्यकता पड़ती है।
मधुमक्खी या ततैया के डंक से कई रिएक्शन हो सकते हैं। इनके काटने से अस्थायी दर्द और बेचैनी से लेकर गंभीर एलर्जिक रिएक्शन तक हो सकता है। एक प्रकार के रिएक्शन होने का मतलब यह नहीं है कि हर बार जब भी आप डंक का शिकार होते हैं तो जरूरी है कि अगला रिएक्शन अधिक गंभीर होगा।
मधुमक्खी या ततैया का डंक के गंभीर रिएक्शन जान के लिए खतरनाक हो सकता है और उसे तुरंत आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। हालांकि मधुमक्खी या ततैया का डंक या अन्य कीट द्वारा डंक के बाद बहुत कम लोगों में एनाफिलेक्सिस होता है। इसके गंभीर एलर्जिक रिएक्शन इस प्रकार हैं:
मधुमक्खी या ततैया का डंक त्वचा में कांटेदार डंक मारती है। मधुमक्खी के डंक वाले जहर में प्रोटीन होता है जो त्वचा की कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे स्टिंग क्षेत्र के आसपास दर्द और सूजन हो जाती है। जिन लोगों को मधुमक्खी के डंक से एलर्जी होती है, उन्हें मधुमक्खी के डंक के जहर से गंभीर रिएक्शन हो सकते हैं।
मधुमक्खी या ततैया का डंक का जोखिम तब बढ़ जाता है जब:
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अगर मधुमक्खी या ततैया ने आपको एक बार काटा है, तो आपको हो सकता है कि आपको कोई एलर्जिक लक्षण नहीं दिखाई दें। जहां मधुमक्खी या ततैया ने आपको काटा है उस स्थान को अच्छे से साफ़ करें और एंटीबायोटिक दवाई लगाएं। अगर डंक है तो उसे निकाल दें। इसके साथ ही खुजली को दूर करने के लिए आपको ओरल एंटीहिस्टामिन दिया जा सकता है। दर्द की स्थिति में डॉक्टर आपको आइबूप्रोफेन या एसिटामिनोफेन दे सकते हैं। यदि आपका टेटनस टीकाकरण नहीं हुआ है, तो यह भी आपको दिया जा सकता है।
अगर आपको मधुमक्खी या ततैया ने डंक मारा है तो यह न करें:
1)NSAID-इंड्यूस्ड अस्थमा है
2)जिन्हे NSAID से एलर्जी है
3)अगर वो ब्लड थिनर (एंटीकोएगुलांट्स) ले रहे हों।
4)किसी सर्जरी डेंटल वर्क, ट्रामा से गुजर रहे हों।
5)इससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है अगर किसी को ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो।
इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले आपको मधुमक्खी या ततैया का डंक से बचने की कोशिश करनी चाहिए जैसे:
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