के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
एनल एब्सेस बच्चों में पाया जाने वाला रोग है। एनल एब्सेस एक दर्दनाक स्थिति है, जिसमें गुदे के पास मवाद इकठ्ठा होने लगता है। ज्यादातर एनल एब्सेस छोटे गुदा ग्रंथियों में होने वाले संक्रमण से होता है। एनल एब्सेस का सबसे आम प्रकार है पेरिएनल एब्सेस। इसमें अक्सर गुदा के आसपास सूजन हो जाती है जिसकी वजह से बेहद दर्द महसूस होता है। यह रंग में एकदम लाल और छूने में गर्म महसूस होता है। एनल एब्सेस डीपर टिश्यू में होता है और बहुत ही कम देखने को मिलता है। एनल एब्सेस के कारण और इससे जुड़े अन्य सवालों के जवाब इस आर्टिकल में जानेंगे।
सभी प्रकार की एनल एब्सेस की इलाज प्रक्रिया बेहद आम है जिसमें सर्जिकल रूप से चीरा और पस निकालने प्रक्रिया की जाती है और ये सफल भी साबित होती है। एनल एब्सेस से पीड़ित 50% लोगों को फिस्टुला नामक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। फिस्टुला एक छोटी नाली होती है, जो एब्सेस और त्वचा के बीच असामान्य जोड़ बनाती है। कुछ मामलों में एनल फिस्टुला के कारण लगातार पस निकल सकता है। सर्जरी से एनल फिस्टुला को हर तरह से ठीक करने की जरूरत है।
कितना सामान्य है एनल एब्सेस (Anal Abscess) होना?
एनल एब्सेस ज्यादातर बच्चों में सामान्य है। जिन बच्चों की उम्र एक साल से कम है उन्हें ये रोग ज्यादातर होता है, लेकिन ये किसी भी उम्र के बेबी बॉय या बेबी गर्ल में हो सकती है।
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सुपरफिशियल एनल एब्सेस के लक्षण जैसे ;
डीपर एनल एब्सेस के लक्षण जैसे ;
कभी-कभी डीपर एनल एब्सेस में सिर्फ बुखार ही देखने को मिल सकता है
अगर व्यक्ति को पता चलता है कि उन्हें पेरिएनल ऐबसेस (Anal Abscess) है उन्हें डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। निदान से आसानी से इस चीज का पता नहीं लगाया जा सकता और ऐसे में डॉक्टर आपके टेस्ट करवा सकता है या किसी विशेषज्ञ के पास आपको भेज सकता है।
एनल एब्सेस के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें शामिल है ;
एनल एब्सेस (Anal Abscess) के जोखिम जैसे ;
वयस्कों के लिए, संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करना, जिसमें एनल सेक्स शामिल है, इससे एनल एब्सेस से बचाव हो सकता है। शिशु और बच्चों में, बार-बार डायपर बदलना और डायपर बदलने पर अच्छे से सफाई करने से एनल फिस्टुला और पेरेनल एब्सेस से बचाव करने में मदद मिल सकती है।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
आमतौर पर, क्लिनिकल मूल्यांकन किया जाता है – जिसमें डिजिटल रेक्टल परीक्षण शामिल है – जिसमें एनल एब्सेस का निदान अच्छे से किया जा सकता है। लेकिन कुछ मरीजों में अन्य टेस्ट की भी जरूरत पड़ सकती है जैसे ;
फोड़े के फटने से पहले, सर्जरी की मदद से पस निकालना बेहद जरूरी है। डॉक्टर लोकल एनेस्थेटिक की मदद से सुपरफिशियल एनल ऐबसेस से पस निकाल सकता है। बड़ी या गहराई तक होने वाले एनल एब्सेस को खत्म करने के लिए अस्पताल में भर्ती करने और एनेस्थिसियोलॉजिस्ट की सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
प्रक्रिया के बाद, ज्यादातर लोगों को दर्द से राहत के लिए दवाएं दी जाती हैं। अन्यथा स्वस्थ लोगों के लिए, आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता हो सकती है, जिनमें मधुमेह या प्रतिरोधक क्षमता कम है।
कभी-कभी, फिस्टुला सर्जरी को एक ही समय में एब्सेस सर्जरी के रूप में किया जा सकता है। हालांकि, फोड़ा फुंसी निकलने के चार से छह सप्ताह बाद अक्सर फिस्टुल फिर से वापस आ सकता है। कभी-कभी फिस्टुला महीनों या वर्षों बाद तक भी नहीं हो सकता। इसलिए फिस्टुला सर्जरी आमतौर पर एक अलग प्रक्रिया होती है जिसे अस्पताल में कुछ समय रहने के बाद छुट्टी दे दी जाती है। फोड़ा या फिस्टुला सर्जरी के बाद, बेचैनी आमतौर पर हल्की होती है लेकिन दर्द की दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में व्यक्ति को हल्का खाने के लिए कहा जाता है जिससे उसे मल त्याग में परेशनी न हो।
मरीज को आमतौर पर प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पानी से सिकाई करने या नमक व गुनगुने पानी में दिन में तीन से चार बार बैठने के लिए बोला जाता है। मल त्याग में होने वाली असुविधा को कम करने के लिए मुलायम मल लाने की सलाह दी जाती है जिससे आपको कोई परेशानी न हो। कुछ मरीजों को गौज़ पेड या मिनी पेड लगाने की सलाह दी जाती है जिससे कपड़ों पर पस न लगे।
सर्जरी के बाद होने वाली जटिलताएं जैसे ;
एनल ऐबसेस के बाद या फिस्टुला सर्जरी के बाद अच्छे से ठीक हो जाता है, ये बेहद कम मामलों में होता है कि समस्या फिर से वापस आ जाए। इस तरह की स्थिति से बचने के लिए, जरूरी है कि आप डॉक्टर या कोलोन और रेक्टल विशेषज्ञ की सलाह अच्छे से मानें।
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बेकिंग सोडा का इस्तेमाल –
सामग्री –
इस्तेमाल करने के लिए –
इसके फायदे –
अगर एनल एब्सेस खुला नहीं है तो ये घरेलु उपाय बेहद अच्छे से काम करता है और आप आराम से पस निकाल और दर्द को कम कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करने से प्रभावित त्वचा पतली और मुलायम हो जाती है जिस वजह से पस निकल जाता है। बेकिंग सोडा और नमक का मिश्रण पस को खोलने और निकालने में मदद करता है। बेकिंग सोडा एंटीसेप्टिक और एन्टीबैक्टीरयल एजेंट के रूप में संक्रमण फैलने से भी बचाता है।
नारियल तेल का इस्तेमाल –
सामग्री –
इस्तेमाल करने के लिए –
इसके फायदे –
इस घरेलु उपाय को आयल पुलिंग भी कहते हैं और ये एनल ऐबसेस के लिए अच्छी होती है। नारियल तेल में मौजूद लॉरिक एसिड सूजन और संक्रमण को दूर करता है।
हल्दी का इस्तेमाल –
सामग्री –
इस्तेमाल करने के लिए
इसके फायदे –
हल्दी में एंटीसेप्टिक और सूजनरोधी गुण होते हैं जो एनल एब्सेस को ठीक करते हैं।
सेंधा नमक –
सामग्री –
इस्तेमाल करने के लिए –
इसके फायदे –
नमक के पानी में सोकने से दर्द कम हो जाता है। इससे आपकी प्रभावित त्वचा मुलायम हो जाती है साथ धीरे-धीरे संक्रमण भी कम हो जाता है। यह सूजन को भी कम करता है।
नीम –
सामग्री –
इस्तेमाल करने के लिए –
इसके फायदे –
नीम का इस्तेमाल त्वचा की देखभाल के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो संक्रमण का इलाज करने में मदद करते हैं। लेकिन ध्यान रहे घरेलू उपाय करने से पहले डॉक्टर से सम्पर्क करें।
अगर आप एनल एब्सेस (Anal Abscess)से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप एनल एब्सेस के शिकार हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर और एनल एब्सेस के लक्षणों (Anal Abscess symptoms) को समझकर जल्द से जल्द इलाज शुरू करेंगे।
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