लैरिंगोस्कोपी टेस्ट (Laryngoscopy) क्या है?
आपके गले और लैरिंक्स को करीब से देखने और जांचने के लिए किये जाने वाले टेस्ट को लैरिंगोस्कोपी कहते हैं। लैरिंक्स सांस की नली के ऊपर स्थित होती है। सांस की नली में होने वाली किसी परेशानी को लैरिंगोस्कोपी टेस्ट से देखा जा सकता है। लैरिंगोस्कोपी टेस्ट गले की समस्या को जांचने के लिए किया जाता है। गला अगर हेल्दी नहीं है तो गले में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। कुछ समस्याएं जैसे कि गले में तेजी से दर्द होना या गले में कुछ फंसा होने का एहसास, थ्रोट में स्वेलिंग आदि होने पर इस टेस्ट को किया जा सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि लैरिंगोस्कोपी टेस्ट की जरूरत कब होती है और कैसे इसे किया जाता है।
लैरिंगोस्कोपी टेस्ट की जरूरत कब होती है?
निम्नलिखित स्थितियों में ये टेस्ट करवाया जा सकता है:
- गले में खराश होना
- बहुत ज्यादा गले का दर्द होना
- मुंह से दुर्गन्ध आना
- गले में कुछ अटकना
- खाना निगलने में परेशानी होना
- गले में सूजन होना
- सांस से बदबू आना (Bad breath)
- सांस लेने में परेशानी होना या सांस लेने के दौरान आवाज आना
- कफ की पुरानी बीमारी होना
- कान में दर्द होना और दर्द की परेशानी उपाय के बाद भी कम नहीं होना
- गले में कुछ फसा हुआ महसूस होना
- कफ से ब्लड आना
- स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति
- सिर या गले में गांठ बनना (ये कैंसर का लक्षण हो सकता है)
इन ऊपर बताई गई स्थितियों में डॉक्टर टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
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लैरिंगोस्कोपी कब नहीं की जा सकती है?
निम्नलिखित परिस्थितियों में लैरिंगोस्कोपी नहीं की जा सकती है। जैसे-
- नवजात या यंग बच्चों को लैरिंगोस्कोपी की सलाह नहीं दी जा सकती है
- एपिग्लॉटिस में सूजन या इंफेक्शन होना
- मुंह को ज्यादा नहीं खोलपाना
लैरिंगोस्कोपी करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
इन स्थितियों लैरिंगोस्कोपी नहीं करवाई जा सकती :
- अगर किसी कारण पूरी तरह से मुंह नहीं खुल रहा है।
- रयूमटॉइड अर्थराइटिस
- डाउन सिंड्रोम
- ट्रैकिओटोमी
- सांस नली में ब्लीडिंग होना।
इस प्रक्रिया के बाद गले में हल्की जलन हो सकती है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है ये आम है।
लैरिंगोस्कोपी के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
- टेस्ट से आठ घंटे पहले खाना छोड़ दें।
- अपने डॉक्टर से एनेस्थेसिया के बारे में पता कर लें।
- अगर एनेस्थेसिया देकर जांच होनी है तो किसी दोस्त को मदद लिए बुला लें।
- अपने डॉक्टर से दवाओं के बारे में भी बात कर लें।
हो सकता है डॉक्टरआपको खून को पतला करने वाली दवाओं लेने से मना करें। इस बारे में भी डॉक्टर से बात कर लें।
लैरिंगोस्कोपी में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
इस प्रक्रिया लगभग पांच से 45 मिनट समय लगेगा। ये दो प्रकार की हो सकती है :
1. इनडाइरेक्ट: प्रक्रिया में डॉक्टर आपको कुर्सी पर बैठाएंगे पर एनस्थीसिया डालेंगें इसके बाद जीभको गौज (Gauze) से ढककर पकड़ लेंगें। इसके बाद शीशे को गले में डाल कर अंदर के रीजन देखेंगें।
2 . डाइरेक्ट: इस प्रक्रिया में टेलिस्कोप का उपयोग होता है। नाक या मुंह से टेलिस्कोप गले के अंदर डाला जाता है। डॉक्टर टेलिस्कोप की मदद से लैरिंक्स और गले के अंदर के हिस्से को देखते हैं। बहुत ज्यादा गहरी जांच केलिए ये तरीका अधिक कारगर है।
जांच के बाद हल्के गरम पानी से गरारा करने से गले को राहत मिलेगी। और अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मेरे टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है?
इस प्रक्रिया का परिणाम इसके किए जाने के कारण पर निर्भर करता है। कई बार गले में विकार की जांच और कई बार किसी बाहरी फांसी हुई चीज को निकालने के लिए लैरिंगोस्कोपी का उपयोग किया जा सकता है। अगर लैरिंगोस्कोपी के साथ बायोप्सी भी हुई है तो परिणाम आने में अधिक समय लगेगा।
आपकी जांच के आधार पर डॉक्टर आपको इलाज और दवाइयों की सलाह देंगें। अधिक जानकारी केलिए डॉक्टर से अवश्य मिलें।
लैरिंगोस्कोपी टेस्ट के क्या हैं साइड इफेक्ट?
लैरिंगोस्कोपी टेस्ट के निम्नलिखित साइड इफेक्टस हो सकते हैं। जैसे-
- एनेस्थीसिया का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और ऐसी स्थिति में कभी-कभी पेशेंट की मृत्यु भी हो सकती है।
- गले (throat) से ब्लीडिंग होना।
- इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है।
- आवाज खराब होना (गला बैठना)
इन साइड इफेक्ट्स के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानी हो सकती हैं। लैरिंगोस्कोपी के बाद आपके हेल्थ एक्सपर्ट आपको जरूरी सलाह देंगे।
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इससे बचने के क्या हैं घरेलू उपाय?
निम्नलिखित घरेलू उपाय से इस परेशानी से बचा जा सकता है। जैसे-
गले को आराम करने दें
अगर आप कोई ऐसा काम करते हैं जिसमे आपको बोलने की जरूरत ज्यादा होती है तो कोशिश करें गले को आराम देने की। बहुत तेज आवाज में बात न करें। आराम से बात करने की कोशिश करें।
गर्म पानी से गार्गल करें
गले की खरास से बचने के लिए हल्के गर्म पानी से गार्गल करें। कोशिश करें की गार्गल खाना खाने के बाद दिन या रात में करें। इससे ज्यादा राहत मिल सकती है।
एप्पल साइड वेनिगर
एप्पल साइडर विनेगर सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर में एक चम्मच शहद मिला लें। अब इसमें पानी मिलायें। दिन में दो बार इसे पीने से एलर्जी की समस्या कम हो सकती है और साथ ही साथ वजन कम करने के लिए भी काफी उपयोगी है। इसलिए भी एप्पल साइड वेनिगर का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ रहा है। बढ़ता वजन किसी को भी पसंद नहीं आता और हर कोई खुद को स्लिम ट्रिम और मेंटेन रखना चाहता है।
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शहद
अदरक
गले की परेशानी या सर्दी-जुकाम होने पर अदरक फायदेमंद होता है। अदरक को हल्का पका कर शहद के साथ खाने से परेशानी कम हो सकती है। इसके सेवन से कफ और इंफेक्शन की समस्या भी कम हो सकती है।
लहसुन
लहसुन में मौजूद एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन आदि पोषक तत्व होते हैं। ताजे लहसुन के सेवन से भी गले की समस्या से राहत मिल सकती है।
किन-किन चीजों को करें नजरअंदाज?
अत्यधिक तेज चिल्लाने या गाना गाने से बचें। ऐसा करने से समस्या बढ़ सकती है।
- विषपर न करें। आपको इस दौरान ऐसा लगेगा की आप धीरे-धीरे बात कर रहें हैं लेकिन, ऐसा करने से ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इसलिए आराम से बात करने की हमेशा ही कोशिश करें।
- गले की समस्या से बचने के लिए एल्कोहॉल का सेवन न करें।
- अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो स्मोकिंग छोड़ दें। इससे गंभीर समस्या हो सकती है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको लैरिंगोस्कोपी टेस्ट कराना है तो आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर आप लैरिंगोस्कोपी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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