के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) रोग या इस्केमिआ सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के कुछ हिस्सों जैसे कि उंगली और पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है, इस रोग में हाथों और पैर की उंगलियों में खून की कमी के कारण नीला या पीलापन छा जाता है। रेनॉड रोग में छोटी धमनियां जो आपकी त्वचा को रक्त की आपूर्ति करती हैं, प्रभावित क्षेत्रों (Vasospasm) तक रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) को सीमित करती हैं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में रेनॉड फेनोमेनन होने का ज्यादा खतरा रहता हैं, यह ज्यादातर उन लोगों को होता हैं जो ठंडे मौसम में रहते हैं। रेनॉड फेनोमेनन का इलाज उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है, इसके साथ ही रोगी के आसपास की स्थितियां इलाज को प्रभावित करती है। ज्यादातर लोग रेनॉड फेनोमेनन को कोई बड़ी समस्या नहीं मानते है, लेकिन फिर भी यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
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रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) बीमारी के कई नाम है। यह दो प्रकार की होती है, प्राथमिक और माध्यमिक रेनॉड।
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रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) रोग के निम्न लक्षण हैं:
रेनॉड के अटैक के दौरान त्वचा के प्रभावित हिस्से सफेद होने लगते है, जिसके बाद वह हिस्सा नीले रंग में बदल जाता है और उसमें ठंड और सुन्न महसूस होती हैं। जैसे ही आप गर्म महसूस करते हैं और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, प्रभावित हिस्सा लाल और झुनझुनी हो सकती है। रेनॉड रोग में सबसे ज्यादा उंगलिया ही प्रभावित होती है। यह शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे नाक, होंठ, कान और यहां तक कि निपल्स को भी प्रभावित कर सकता है। वार्मिंग के बाद, सामान्य रक्त प्रवाह के क्षेत्र में लौटने में 15 मिनट लग सकते हैं।
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अब तक रेनॉड फेनोमेनन रोग या रेनॉड सिंड्रोम होने के स्पष्ट कारणों का पता नही लग पाया है, लेकिन फिर भी चिकित्सकों का मत है कि रेनॉड सिंड्रोम होने के पीछे ठंड और भावनात्मक तनाव प्रमुख होता है। ये रोग मुख्य रूप से उन लोगों को होता है जो ठंडे इलाकों में रहते है। सामान्य जलवायु और गरम इलाकों में इस रोग के मामले देखने को नही मिलते है। इस रोग में जब शरीर ठंडा होता है, तो यह गर्मी पाने की कोशिश करता है। हाथ और पैर में खून का परिसंचरण धीमा हो जाता है। ऐसा करने के लिए रक्त ले जाने वाली छोटी धमनियों का तंत्र संकरा हो जाता है, जिससे खून अंगो तक नही पहुंच पाता है और हाथों और पैरों की उंगलिया सूजने लगती है और उनका रंग बदलकर नीला पड़ जाता है।
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रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) या इस्केमिआ सिंड्रोम रोग किसी न किसी रूप में 10 लोगों में से एक को हो सकता है, जिनमें से ज्यादा को प्राथमिक रूप में यह रोग होता है। 100 में से एक व्यक्ति को माध्यमिक रूप से रेनॉड फेनोमेनन है। कई लोगों को यह रोग होने के जोखिम होते है, जैसे;
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यदि डॉक्टर को शक है कि आपको रेनॉड फेनोमेनन या इस्केमिआ सिंड्रोम हुआ है तो वह लक्षणों से जुड़े कुछ सवाल आपसे पूछेंगे। इसके साथ ही आपके हाथ और पैर की उंगलियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर एक मेग्नीफाई ग्लास (जिसे डर्मोस्कोप कहते है) का इस्तेमाल कर नाखूनों के चारों और रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को देख सकें कि क्या उनका आकार बढ़ गया है।
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