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ड्रग्स क्या होते हैं और आप इन्हें कैसे लेते हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/05/2021

    ड्रग्स क्या होते हैं और आप इन्हें कैसे लेते हैं?

    ड्रग्स! नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में क्या आता है? नशा? कई लोगों का जवाब होगा हां। लेकिन, अगर हम कहें कि आप ड्रग्स लेते हैं, तो आप इस बात को मानेंगे ही नहीं। क्योंकि, ज्यादातर लोग ड्रग्स का मतलब केवल नशा ही समझते हैं। बहरहाल, यहां हम जिस ड्रग्स की बात कर रहे हैं वो कुछ और नहीं, बल्कि छोटी-मोटी बीमारी होने पर ली जाने वाली दवा है। आपको बता दें कि विश्व की लगभग 80 फीसदी से अधिक आबादी किसी न किसी रूप में ड्रग्स का इस्तेमाल करती है। हालांकि, अधिकतर लोगों को लगता है कि ड्रग्स का मतलब सिर्फ नशीली दवाएं ही होती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं।

    तो चलिए बता दें कि हम रोजमर्रा के जीवन में जितनी भी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, आमतौर पर उन्हें ‘ड्रग्स’ कहा जाता है। ये ‘ड्रग्स’ सिरदर्द की दवा, कमर दर्द की दवा, किसी भी तरह के विटामिन की गोली कुछ भी हो सकती है। इस आर्टिकल में हम दोनों ड्रग्स के बीच के अंतर को समझने में आपकी मदद करते हैं।

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    ‘ड्रग्स’ (Drugs) के प्रकार के बारे में जानिए

    ड्रग्स

    ‘ड्रग्स’ आमतौर पर दो प्रकार के हो सकते हैं। पहला, जिनका इस्तेमाल हम किसी बीमारी या किसी रोग को दूर करने के लिए करते हैं। दूसरे वो हैं, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर एक लत के तौर पर किया जाता है, जैसे शराब, तंबाकू, कोकीन, अफीम, मारिजुआना, हेरोइन, सिंथेटिक ड्रग्स इत्यादि।

    इसके अलावा, अगर कोई किसी तरह के उपचार के लिए किसी दवा का सेवन करता है लेकिन, उपचार खत्म होने के बाद भी वो उस दवा का सेवन करता है, तो उसे भी ड्रग्स की श्रेणी में रखा जा सकता है। यानी कि अगर किसी को किसी भी चीज की लत लग जाए, जो स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है, उसे भी हम एक तरह का ड्रग कह सकते हैं।

    ड्रग्स (Drugs) और दवा के बीच फर्क

    दवाइयों और हानिकारक ‘ड्रग्स’ के बीच के फर्क को समझना हर किसी के लिए बहद जरूरी होता है। इनके बीच के फर्क को समझने के लिए इनके उद्देश्य को समझना होगा। जानिए क्या है दवा का उद्देश्य?

    दवा (Medicine) का उद्देश्य क्या है?

    आमतौर पर हम किसी भी बीमारी या रोग के इलाज के लिए जिसका इस्तेमाल करते हैं, वो दवा होती है, जिसका उद्देश्य किसी भी रोग से निजात दिलाना होता है। यह अंग्रेजी और देसी दोनों ही प्रकार की दवाइयां हो सकती हैं। इनमें अलग-अलग पदार्थों का मिश्रण हो सकता है। जिन्हें एक्ससिपिएंट्स कहा जाता है, जो रोग को जल्दी से दूर करने में मददगार हो सकते हैं। बीमारी को ठीक करने के लिए एक निश्चित समय तक दवाओं का सेवन किया जाता है।

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    नशीली दवाओं (Narcotic drugs) का उद्देश्य क्या है?

    नशीली दवाएं किसी भी रोगी पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डालती हैं। जैसे कि अगर बात करें हेरोइन कि तो यह एक प्रकार की नशीली दवा की श्रेणी में आती है। इसे विशिष्ट जैविक प्रभावों के लिए बनाया जाता है। लेकिन, यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं कर सकता है। इसलिए, हम इसे नशीली दवाओं के तौर पर कह सकते हैं। इसी तरह, तंबाकू का सेवन अधिकतर लोग करते हैं लेकिन, यह किसी प्रकार की बीमारी के इलाज के लिए नहीं इस्तेमाल की जाती। बल्कि, यह खुद कैंसर जैसे रोग  का कारण बन जाता है। स्मोकिंग करने वाले लोगों को कैंसर का अधिक खतरा रहता है।

    दोनों के इस्तेमाल से होने वाले फर्क

    1.दवाएं सिर्फ रोग का इलाज करती हैं। वहीं, इसके विपरीत ड्रग्स दिमाग में भ्रांतियां पैदा कर सकता है।

    2.वहीं, नशीली दवाओं की लत लग सकती है। जबकि, दवाएं तभी तक कोई इस्तेमाल करता है, जब तक उपचार के लिए वह जरूरी होता है। बीमारी के खात्मे के बाद दवा का सेवन बंद कर दिया जाता है।

    टॉक्सिकोलॉजी यानी विषविज्ञान के संस्थापक पैरासेल्सस का भी कहना था ‘हम जो भी इस्तेमाल करते हैं, उन सभी में जहर होता है और बिना जहर के कुछ भी नहीं होता है। उनके इस्तेमाल के लिए ली जाने वाली खुराक ही उन्हें जहर बनाती हैं।’

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    जानिए हमारे डॉक्टर की सलाह

    कंसल्टिंग होम्योपैथ और क्लिनिकल न्यूट्रिशिनिस्ट डॉ. श्रुति श्रीधर ने इस बारे में हैलो स्वास्थ्य से बात की। उनका कहना है “ड्रग्स क्रूड फॉर्म यानी कच्चे पदार्थ होते हैं, जिनसे दवाएं बनाई जाती हैं। दर्द निवारक और NSAID दवाइयां दवाओं की ही रूप हैं लेकिन, ये बहुत नशीले हो सकते हैं। इसकी वजह से कई मरीजों को इनके इस्तेमाल की लत लग सकती है। इसी तरह, अफीम या मॉर्फिन, एक दवा होने के नाते, दर्द को दूर करने और रोगी को सहज महसूस कराने के लिए कई बीमारियों के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसलिए, किसी भी तरह की दवा या ड्रग्स का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।’ यानी कि हम साफ तौर पर यह कह सकते हैं कि सभी दवाएं ड्रग्स हो सकती हैं।

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    दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें जरूर

    जैसा कि हमने आपको बताया कि दवा का सेवन बीमारियों को दूर करता है लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह से ली गई दवा शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है। लंबे समय तक बिना डॉक्टर की सलाह से ली गई दवाएं शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं या फिर रिएक्शन कर सकती हैं। अगर आप पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। जिन दवाओं का रिएक्शन होता है, डॉक्टर उन दवाओं को साथ में न खाने की सलाह देते हैं। दवाओं का ओवरडोज शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर दवा को बताई गई मात्रा में नहीं लिया जाता है, तो शरीर में सकारात्मक असर नहीं दिखता है।

    आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

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