परिचय
रेड क्लोवर (Red Clover) क्या है?
रेड क्लोवर एक पौधा है, जिसके फूलों को दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है। वानस्पतिक रूप से इसे ट्राइफोलियम प्रेटेंस (Trifolium pratense) कहा जाता है। इसमें एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं। लंबे समय से बहुत सारी परेशानियों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसका इस्तेमाल खाने में फ्लेवर एड करने के तौर पर भी किया जाता है। इस फूल का ऊपरी हिस्सा दवाइयों में प्रयोग किया जाता है।
रेड क्लोवर में हार्मोन्स जैसे रसायन होते हैं जिन्हें आइसोफ्लेवोन्स कहा जाता है। कई जानवरों में इसके कारण प्रजनन संबंधी समस्याएं देखी गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चिड़ियाघरों में रहने वाले चीता में रिप्रोडक्टिव फेलियर और लिवर संबंधित परेशानियों के पीछे डायट में आइसोफ्लेवोंस की ज्यादा मात्रा हो सकती है।
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रेड क्लोवर (Red Clover) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है :
रिसर्च में सामने आया है कि अगर कोई महिला तीन महीने तक रोजाना रेड क्लोवर लेती है तो ये उनके शरीर में लो डेनसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को कम नहीं करता है। ये हाई डेनसिटी लिपोप्रोटीन को बढ़ाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
कमजोर हड्डियां (ऑस्टियोपोरोसिस) :
कुछ शुरुआती शोध बताते हैं कि छह महीने तक रोजाना रोड क्लोवर लेने से हड्डियों की मिनरल डेनसिटी बढ़ती है। हालांकि कुछ शोध में सामने आया है कि इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस में किसी तरह का कोई सुधार नहीं देखा गया।
इन बीमारियों के इलाज के लिए भी कि किया जाता है रेड क्लोवर का प्रयोग-
- कैंसर से बचाव
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- खट्टी डकार
- काली खांसी
- दमा
- ब्रोंकाइटिस
- सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज
- मेनोपॉज के लक्षण जैसे ब्रेस्ट में दर्द, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS)
- स्किन कैंसर, एक्जिमा, सोरायसिस और स्किन के जलने पर लगाया जाता है
- खून को साफ करने और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है
कैसे काम करता है रेड क्लोवर?
ये कैसे काम करता है इस बारे में कोई शोध नहीं किया गया है। अगर आप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। हालांकि, रेड क्लोवर में आइसोफ्लेवोन्स होते हैं, जो शरीर में जाकर फाइटोएस्ट्रोजेन में बदल जाता हैं और ये एस्ट्रोजन हॉर्मोन्स के समान होते हैं।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है रेड क्लोवर (Red Clover) का उपयोग ?
इसका उपयोग निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे-
रेड क्लोवर आमतौर पर सभी के लिए सेफ है अगर इसे सीमित मात्रा में लिया जाए। लेकिन, कुछ लोगों को इससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए-
- जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे ब्लीडिंग की संभावना बढ़ सकती है। इसे ज्यादा मात्रा में लेने से बचें।
- जिन लोगों के हार्मोन सेंसिटिव हैं जैसे किसी को ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, ओवेरियन कैंसर है तो उन्हें भी इसके सेवन से बचना चाहिए। रेड क्लोवर एस्ट्रोजन की तरह काम करता है। कुछ लोगों की स्थिति ऐसी होती है जो एस्ट्रोजेन के संपर्क में आने से और ज्यादा खराब हो सकती है। इसलिए ये लोग भी रेड क्लोवर से खुद को दूर रखें।
- प्रोटीन की कमी से ब्लड क्लोट होने की संभावना होती है। जो लोग रेड क्लोवर का सेवन करते हैं उनमें ब्लड क्लॉट होने के चांसेस और ज्यादा हो जाते हैं। जिन लोगों में प्रोटीन की कमी होती है वो रेड क्लोजन का सेवन न करें।
- आपकी कोई सर्जरी होने वाली है तो उसके दो हफ्ते पहले और बाद तक रेड क्लोजन का सेवन न करें। इससे आपको एक्सट्रा ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है।
- प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं भी रेड क्लोवर का सेवन न करें, क्योंकि इसके सेवन से एस्ट्रोजन बढ़ता है जो हार्मोन को डिस्टर्ब कर सकते हैं।
- अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही हैं तो भी इसका सेवन करने से बचें।
- अगर आप लिवर की दवाइयां खा रहे हैं तो इसके साथ भी रेड क्लोवर न लें। लिवर की दवाइयों के साथ रेड क्लोवर को लेना हानिकारक हो सकता है।
इसके सेवन से पहले हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
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साइड इफेक्ट्स
रेड क्लोवर से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इससे निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
- शरीर पर रैशेज होने की संभावना हो सकती है
- मसल्स में दर्द हो सकती है
- सिरदर्द होना
- जी मिचलाना
- कुछ महिलाओं में वजाइना से ब्लीडिंग
- हायपरटेंशन
ऊपर बताई गई स्थिति या शारीरिक परेशानी के दौरान इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए बिना डॉक्टर के सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
डोसेज
रेड क्लोवर को लेने की सही खुराक क्या है?
इसका निम्नलिखित तरह से सेवन किया जा सकता है। जैसे-
- इसे कब और कितना लें ये अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। इसे कितनी मात्रा में लेना चाहिए यह हर व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और अन्य चिकित्सा कारकों पर निर्भर करता है।
- आमतौर पर रेड क्लोवर को 40 से 80 मिलीग्राम ले सकते हैं। अगर आप इसे चाय में ले रहे हैं तो चार ग्राम पत्ती से बनी एक कप चाय को दिन में तीन बार लिया जा सकता है। अगर आप इसे लिक्विड के तौर पर ले रहे हैं तो 1.5 से 3 मिली लीटर को दिन में तीन बार ले सकते हैं।
- हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए इसको लेने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से एक बार जरूर परामर्श करें।
इसके सेवन से कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए। जैसे-
- 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप गर्भवती हैं या प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहीं हैं तो ऐसी स्थिति में इसका सेवन न करें।
- कैंसर या हॉर्मोनल थेरिपी के दौरान अगर इसका सेवन किया जा रहा है तो पेशेंट का विशेष ध्यान रखें।
- ब्लीडिंग प्रॉब्लम होने पर इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- यूट्रस संबंधी परेशानी होने पर इसका सेवन न करें।
- हॉर्मोनल डिसऑर्डर होने की स्थिति में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
- पाउडर
- कैप्सूल
- लिक्विड
- चायपत्ती
अगर आप रेड क्लोवर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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