भारतीय डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए COVID-19 वैक्सीन या दवाओं का विकल्प तलाश रहें हैं। जयपुर शहर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में कोविड-19 के संक्रमण से संक्रमित तीन पेशेंट्स को एंटीरेट्रोवायरल ड्रग यानी एंटी एचआईवी ड्रग देकर ठीक किया गया है। इनमें दो इटली से जयपुर आए हैं और एक जयपुर का ही रहने वाला बताया गया है। हॉस्पिटल की ओर से यह बताया गया है कि इन लोगों का इलाज के बाद जब फिर से कोरोना टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि संक्रिमित लोगों को फिर से ठीक होने के बाद भी आइसोलेशन में रखा गया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। इसलिए एचआईवी वायरस का मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर एक जैसा होने के कारण सीनियर डॉक्टर ने मरीजों को एचआईवी एंटी ड्रग लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला किया।
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ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लगातर लोगों से इस जानलेवा वैक्सीन कैसे बचा जाय इसके लिए लगातर निर्देश जारी किये जा रहें। वैसे अब तीन महीने का वक्त बीत चूका है और लॉकडाउन को बदलकर अनलॉकडाउन की घोषण कर दी गई है, जिसके तहत नई गाइडलाइंस भी जारी की गई है। अब हर जगह लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। लेकिन, अगर आप बाहर जा रहें हैं, तो सतर्कता जरूर बरतें। क्योंकि थर्मल स्क्रीनिंग से सिर्फ शरीर के तापमान का पता लगाया जा सकता है अन्य लक्षणों का नहीं। कोरोना वायरस के लक्षणों में बुखार के अलावा अन्य लक्षण शामिल हैं जैसे सर्दी-जुकाम होना, सांस लेने में तकलीफ होना, सिरदर्द होना, खांसी आना, गले में खराश की परेशानी शुरू होना या कमजोरी महसूस होना।
भारत में कई ऐसे भी कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज किया गया है या चल रहा है, जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहें थें। अब ऐसी स्थिति में खुद को संभलकर चलना एक मात्र कारगर उपाय है इस संक्रमण से बचने का। इसलिए अगर इमरजेंसी की स्थिति में बाहर जा रहें हैं, तो-
अगर आप COVID-19 वैक्सीन या इस इंफेक्शन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।