के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
हिमाटोक्रिट टेस्ट रक्त की कुल मात्रा में रेड ब्लड सेल्स का प्रतिशत मापता है। रेड ब्लड सेल्स सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसे आप ब्लड का सबवे सिस्टम भी कह सकते हैं, क्योंकि यह ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाता है। स्वस्थ रहने के लिए शरीर में रेड ब्लड सेल्स सही अनुपात में होना चाहिए।
यदि आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स बहुत कम या अधिक है तो डॉक्टर हिमाटोक्रिट टेस्ट या HCT के लिए कह सकता है।
हिमाटोक्रिट टेस्ट डॉक्टर को आपकी किसी विशेष स्थिति का निदान करने या यह समझने में मदद करता है कि किसी उपचार के दौरान आपका शरीर कितनी अच्छी तरह प्रतिक्रया दे रहा है। यह टेस्ट कई कारणों से किया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर यह निम्न के लिए इस्तेमाल होता हैः
यदि आपका डॉक्टर कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट के लिए कहता है, तो हिमाटोक्रिट इसमें में शामिल होगा। CBC में इसके अलावा हिमोग्लोबिन और रेटिकुलोसाइट काउंट टेस्ट किया जाता है। रेड ब्लड सेल्स के बारे में जानकारी के लिए आपका डॉक्टर ब्लड टेस्ट की पूरी रिपोर्ट को अच्छी तरह देखता है।
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हिमाटोक्रिट टेस्ट के कोई गंभीर साइड इफेक्ट या खतरे नहीं है। खून निकालने वाली जगह पर आपको थोड़ा रक्तस्राव हो सकता है। यदि ब्लड निकालने के कुछ मिनट बाद भी आपको रक्तस्राव या सूजन है तो अपने डॉक्टर को इस बारे में बताएं।
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हिमाटोक्रिट सामान्य ब्लड टेस्ट है और इसके लिए आपको टेस्ट से पहले उपवास रखने या किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा यदि आप कोई अन्य जानकारी पाना चाहते हैं तो अपने चिकित्सक से कंसल्ट करें।
हिमाटोक्रिट टेस्ट के लिए थोड़ी मात्रा में ब्लड सैंपल की जरूरत होती है जिसे उंगली या फिर बांह की नस से निकाला जाता है।
यदि हिमाटोक्रिट टेस्ट CBC का हिस्सा है तो लैब टेक्निशियन नस से ब्लड निकालता है। खून निकालने वाली जगह को पहले एंटीसेप्टिक से साफ करता है फिर उसके आसपास एक पट्टी बांध देता है जिससे नसें साफ दिखें। इसके बाद नस में सुई चुभोकर खून निकाला जाता है। फिर हाथ पर बंधी पट्टी निकालकर टेक्नीशियन सुई चुभोने वाली जगह पर छोटा सा बैंडेज या रूई लगा देता है ताकि खून न बहे। ब्लड टेस्ट के दौरान आप थोड़ा असहज महसस कर सकते हैं, क्योंकि जब नस में सुई चुभाई जाती है तो आपको हल्का दर्द होता है। कुछ लोगों को खून देखने के बाद चक्कर आने लगता है। आपको सुई वाली जगह पर कुछ चोट का निशान जैसा दिखेगा जो कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। इस टेस्ट में बस कुछ मिनट लगते हैं और इसके बाद आप अपनी दिनचर्या शुरू कर सकते हैं। इसके बाद ब्लड को परीक्षण के लिए लैब में भेजा जाता है।
लैबोरेट्री में सेंट्रीफ्यू़ज़, जो एक तेज़ी से घूमने वाली मशीन है, की मदद से हिमाटोक्रिट का मूल्यांकन किया जाता है। रक्त को थक्का बनने से रोकने के लिए एंटीकोलैगुलैंट का इस्तेमाल किया जाता है।
जब टेस्ट ट्यूब को सेंट्रीफ्यूज़ से निकाला जाता है तो यह तीन हिस्सों में बंट जाती हैः
हर पदार्थ ट्यूब के अलग-अलग हिस्सों में चला जाता है, जिसमें से रेड ब्लड सेल्स सबसे नीचे जमा हो जाता है। फिर रेड ब्लड सेल्स की एक गाइड से तुलना की जाती है जो बताती है कि रक्त में किस अनुपात में रेड ब्लड सेल्स बन रहे हैं।
हिमाटोक्रिट टेस्ट के बारे में किसी भी तरह की जानकारी और इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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हिमाटोक्रिट टेस्ट के परिणाम ब्लड सेल्स के प्रतिशत के रूप में आता है, जो रेड ब्लड सेल्स हैं। सामान्य सीमा नस्ल, उम्र और लिंग के आधार पर अलग-अलग होती है। इसकी सामान्य सीमा भिन्न चिकित्सा पद्धति के आधार पर अलग-अलग होती है। आमतौर पर इसकी सामान्य सीमा मानी जाती हैः
हिमाटोक्रिट टेस्ट आपकी सेहत के बारे में बस छोटी-सी जानकारी देता है। आपको जो लक्षण महसूस हो रहे हैं और दूसरे निदान परिणाम को ध्यान में रखते हुए हिमाटोक्रिट परिणाम को समझने के लिए डॉक्टर से बात करें।
हिमाटोक्रिट टेस्ट के परिणाम को समझते समय डॉक्टर संभावित जटिल कारकों को ध्यान में रखेगा। यदि परिणाम अप्रत्याशित या परस्पर विरोधी आते हैं तो डॉक्टर आपको दोबारा हिमाटोक्रिट टेस्ट और दूसरे ब्लड टेस्ट के लिए कह सकता है।
लैब और अस्पताल के आधार पर हिमाटोक्रिट टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परिणामों के बारे में किसी तरह का संदेह होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।
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हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में हिमाटोक्रिट टेस्ट से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी शारीरिक समस्या है तो आपका चिकित्सक आपको यह टेस्ट कराने के लिए कह सकता है। हिमाटोक्रिट टेस्ट से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। इसके अलावा आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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