गर्भावस्था में आप इंतजार करती हैं उस समय का, जब गर्भ में आपका शिशु मूव करे। यह अपने शिशु के साथ गर्भ में कम्यूनिकेट करने का एकमात्र तरीका है। आमतौर पर दूसरे और तीसरे ट्रायमेस्टर में अधिकतर माताएं गर्भ में शिशु की मूवमेंट का अनुभव करती हैं। लेकिन, अगर आपका शिशु इस समय अधिक मूव न करें तो ऐसे कुछ तरीके हैं, जिनसे आप उसे मूव करने में मदद कर सकती हैं। आज हम प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) में मदद करने वाले तरीकों के बारे में बात करने वाले हैं। प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) में मदद करने वाले तरीकों के बारे में जानने से पहले पा लेते हैं इससे संबंधित जरूरी जानकारी।
आप शिशु की फर्स्ट मूवमेंट कब महसूस करती हैं?
प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) के तरीकों के बारे में जानने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि इसके लिए सही समय कौन सा है? कुछ महिलाएं सेकंड ट्रायमेस्टर के मिडल की शुरुआत में कुछ मूवमेंट्स का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में महिलाएं तीसरे ट्रायमेस्टर तक भी बेबी मूवमेंट का अनुभव नहीं करती। यानी, गर्भावस्था के 16 से 24 सप्ताह के बीच आपको अपने शिशु की हलचल महसूस होने लगेगी। प्लेसेंटा की लोकेशन इस सेंसेशन को प्रभावित नहीं करती है। दूसरी प्रेग्नेंसी में अपने बच्चे की हलचल पहले महसूस होना आम है। अब जानते हैं प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) में मदद करने वाले तरीकों के बारे में।
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प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) में मदद करने के टिप्स
अगर आप चाहती हैं कि आपका शिशु गर्भ में किक करे या यूट्रस में इसे मूव करने के लिए एनकरेज करना चाहते हैं, तो कुछ सिंपल और कॉमन टिप्स आपके काम आ सकते हैं। लेकिन, इन टिप्स का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। यह टिप्स इस प्रकार हैं:
गुनगुने पानी से स्नान करें
ऐसा माना जाता है कि यह तकनीक बहुत सी महिलाओं के काम आती है। टब को गुनगुने पानी से भरें और स्नान करें। इससे न केवल आप अच्छा महसूस करेंगी बल्कि भ्रूण की मूवमेंट में भी बढ़ोतरी का अनुभव भी होगा।
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मालिश
अपने पेट में हल्की मालिश करना प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) का अच्छा तरीका है। आप ऐसा महसूस करेंगी कि जब आप अपने पेट पर मालिश करती हैं या टच करती हैं तो आपका शिशु रियेक्ट करता है। इससे आप शिशु की किक का भी अनुभव कर सकती हैं। लेकिन ,ध्यान रखें मालिश हमेशा हल्के हाथों से करें।
स्पाइसी फूड खाएं
मसालेदार भोजन आपके माध्यम से शिशु तक पहुंचेगा, जिससे वे आपके भीतर अधिक एक्टिवली मूव कर सकते हैं। लेकिन, यह केवल एक सलाह है जिसे आप अपने डॉक्टर से पूछने के बाद ही अपनाएं। क्योंकि, हर महिला का शरीर ऐसा नहीं होता है जो मसालेदार भोजन को अच्छे तरीके से संभाल सके। कभी-कभी बच्चा मसालेदार भोजन के पहुंचने पर उस पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया भी दे सकता है। आप एक या दो बार मसालेदार खाना खा सकते हैं, लेकिन इसे अपनी आदत न बनाएं।
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अपने शिशु से बात करें
सेकंड ट्रायमेस्टर के अंत तक शिशु गर्भ में अपनी मां की और कई अन्य आवाजों को सुन सकते है। इसलिए, इस दौरान अपने शिशु से बात करने से आपके और आपके शिशु के बीच का कनेक्शन स्ट्रांग होगा और ऐसा भी माना जाता है कि प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) के लिए यह बेहतरीन तरीका है।
प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy): आइस पैक का इस्तेमाल
यह तो आप जानते ही होंगे कि शिशु एक्सट्रीम टेम्प्रेचर के प्रति कितने सेंसिटिव होते हैं। बच्चे के लिए हॉट टेम्प्रेचर सुरक्षित नहीं होता लेकिन कोल्ड टेम्प्रेचर उन्हें विभिन्न उत्तेजनाएं प्रदान कर सकता है। आइस पैक को पेट में ऐसी जगह पर लगाएं जहां आपको लगता है कि शिशु को ठंड महसूस होगी। इससे भी शिशु की मूवमेंट को फील किया जा सकता है।
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म्यूजिक का लें सहारा
जैसा कि आपको पहले ही बताया गया है कि शिशु गर्भ में अपनी मां और बाहर की अन्य आवाजों को सुन सकता है। संगीत या आपकी आवाज सुनने से बच्चे का दिमाग उसे इन्टरप्रेट कर पाता है और यह आप दोनों के बीच के बंधन को मजबूत करता है। ऐसा भी पाया गया है कि शिशु किसी खास म्यूजिक को सुन कर बहुत अधिक एक्साइटेड होते हैं। यही नहीं, जन्म के बाद भी वो उस म्यूजिक के प्रति रिएक्शंस देते हैं।
प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy): लाइट का करें इस्तेमाल
जैसे गर्भ में शिशु मालिश और आइस पैक के प्रति रिएक्शन देते हैं वैसे ही वो लाइट के प्रति भी अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। एक फ्लैशलाइट को पेट पर रखने से आप पेट में मूवमेंट का अनुभव कर सकते हैं। वो इस लाइट से बचने के लिए या तो मूव कर सकते हैं या उससे दूर रोल हो सकते हैं।
कॉफी
प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन का सेवन हानिकारक हो सकता है। ऐसे में, इसकी सलाह नहीं दी जाती है। लेकिन, अगर प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) के लिए कोई अन्य उपाय काम न करे तो आप थोड़ी से कॉफी ले सकती हैं। लेकिन, इसे अपनी आदत न बनाएं और डॉक्टर से पूछ लें। अब जानते हैं कि गर्भ में शिशु को कितनी बार मूव करना चाहिए?
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गर्भ में शिशु को कितनी बार मूव करना चाहिए?
गर्भ में शिशु ग्रो होता है और अपनी गति से मूव करता है। अधिकतर महिलाएं सेकंड ट्रायमेस्टर के एंड तक किक्स और पंचेज का अनुभव कर सकती हैं। लेकिन, कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) को थर्ड ट्रायमेस्टर की शुरुआत में महसूस करती हैं। इस स्टेज पर इन मूवमेंट्स का ट्रैक रखना बेहद जरूरी है। अगर आपका शिशु अन्य शिशुओं के मुकाबले कम किक कर रहा ,है तो यह चिंता की बात नहीं है। लेकिन, अगर बहुत कम या बिलकुल भी मूवमेंट न हो रही हो, तो इस दौरान तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आपका शिशु गर्भ में बहुत कम मूव कर रहा है, तो क्या करना चाहिए जानिए?
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प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट न होने पर क्या करें?
अगर बेली में शिशु अधिक मूव नहीं कर रहा है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:डिलीवरी के नजदीक होने पर गर्भ में स्पेस कम हो जाता है, जिससे शिशु को मूव करने में समस्या होती है। लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। आप इस समय भी लाइट मूवमेंट्स का अनुभव कर सकते हैं। किंतु, अगर ऐसा नहीं होता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। अगर प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) के लिए कोई भी तरीका काम में नहीं आता है तो यह कॉम्प्लीकेशन्स का संकेत हो सकता है। ऐसे में इसका कारण जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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यह तो थी जानकारी प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in Pregnancy) और इस मूवमेंट को प्रोत्साहित करने के तरीकों के बारे में। आप यह समझ ही गई होंगी कि शिशु सेकंड ट्रायमेस्टर के दौरान गर्भ में मूवमेंट शुरू कर देता है। लेकिन, कई माताएं इस मूवमेंट को तीसरे ट्रायमेस्टर में भी अनुभव कर सकती हैं। शिशु की मूवमेंट को बढ़ने के लिए आप ऊपर बताए उपायों को अपना सकती हैं। लेकिन, इन्हें ट्राय करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी प्रश्न है, तो उसे भी डॉक्टर से पूछना न भूलें।
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