पेरिनियम मालिश और स्किन में परेशानी होने पर उसे सेकेंड डिग्री पेरिनियल टेर कहते हैं। पेरिनियल टेर की दूसरी डिग्री के इलाज के लिए स्टिच किया जाता है।
3. थर्ड और फोर्थ डिग्री
कुछ महिलाओं को थर्ड या फोर्थ डिग्री टेर की समस्या होती है जिसे ऑब्स्टेट्रिक एनल स्फिंक्टर इंजरी (obstetric anal sphincter injuries (OASI)) कहते हैं। इस परेशानी को ठीक करने के लिए छोटी सी सर्जरी की जाती है।
हाल ही में मां बनी कामिनी अग्रवाल मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं। उनका कहना है कि, ‘महिलाएं इस दौर में भी खुलकर बात करने से कतराती हैं अगर बात सेक्स या प्राइवेट पार्ट से जुड़ी हो। कामिनी बात करते हुए कहती हैं कि उन्हें पेरिनियल मालिश से जुड़ी जानकारी ही नहीं थी। हालांकि अब वो इस बारे में समझ भी गई हैं और इससे क्या-क्या फायदा हो सकता है इसकी भी जानकारी मिल गई है। पेरिनियल मालिश के बारे में वे अपने दोस्तों को भी बता चुकी हैं। कामिनी के अनुसार नॉर्मल डिलिवरी में या डिलिवरी के वक्त परेशानी कम से कम हो इसके लिए महिलाएं कई तरीके अपनाती हैं। इसलिए ये तरीका भी जरूर अपनाना चाहिए।
पेरिनियल ट्रॉमा से बचने के लिए ऊपर बताई गई टिप्स फॉलो करें, लेकिन अगर आप पेरिनियल मालिश से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।