ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार, इसे सामान्य शब्दों में समझें, तो ये खाने से जुड़ा एक डिसऑर्डर है। ये एक खतरनाक बेहेवियर समस्या है। इसमें इंसान को बहुत कम खाने या बहुत अधिक खाने की लत सी लग जाती है। इसके अलावा, इंसान अपने शेप, साइज और वेट को लेकर बहुत ही कॉन्शियस या चिंतित हो जाता है। इसमें वजन के बारे में अत्यधिक चिंतित होना भी शामिल है। खाने के विकारों की वजह से हार्ट और किडनी समस्याएं भी हो सकती है। अगर ये समस्या ज्यादा बढ़ जाए, तो इससे मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए, आज हम ईटिंग डिसऑर्डर के कारण, लक्षण और बचाव के विषय में बात करेंगे।
आमतौर पर ईटिंग डिसऑर्डर तीन प्रकार के होते हैं :
एनोरेक्सिया नर्वोसा
इस स्थिति में इंसान में बहुत कम खाना लगता है। वजन कम हो जाता है। कम वजन होते हुए भी इस बीमारी में पीड़ित इंसान वजन बढ़ाने से डरता है। इस विकार में इंसान बहुत पतला हो जाता है लेकिन, उसे ये महसूस होता है कि उसका वजन ज्यादा है।
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एनोरेक्सिया के कारण
इस बीमारी का सीधा संबध इंसान की शारीरिक, मानसिक और समाजिक बनावट से जुड़ा है। इन्हीं तीन हिस्से या किसी एक हिस्से पर ठेस पहुंचने या किसी कमी के कारण पीड़ित खाने पीने की अधिकता या लापरवाही करने लगता है और अंत में निराश हो जाता है। परिवार और सामाजिक दबाव के कारण भी एनोरेक्सिया हो सकता है। माता-पिता या रिश्तेदार जब बच्चों की शारीरिक बनावट, वेट, साइज को लेकर उन्हें ताना देते हैं, तो ऐसी स्थिति में उन बच्चों को एनोरेक्सिया हो सकता है। स्ट्रेस फुल लाइफस्टाइल एनोरेक्सिया को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा, जेनिटिक कारण भी एनोरेक्सिया के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
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एनोरेक्सिया के लक्षण
- दुबला पतला होने के बाद भी वजन बढ़ाने से डरना
- खाना खाने के बारे में झूठ बोलना
- अचानक वजन कम होना
- वेट, साइज शेप को लेकर जरूरत से ज्यादा चिंतित होना
- स्लिम या पतला कहे जाने पर गुस्सा होना या उसका खंडन करना
- वजन कम करने के लिए दवा लेना
- खाने के बाद अधिक व्यायाम करना
बुलिमिया नर्वोसा
इस समस्या से पीड़ित इंसान खूब खा-पीकर उसे उगलने की कोशिश करता है। मुंह में उंगली डालकर उल्टी करके खाने को बाहर निकालने का प्रयास करते हैं, क्योंकि वे खुद को ज्यादा खाने के लिए दोषी मानते हैं। बार-बार जुलाब का प्रयोग करना और जबरदस्ती बार-बार उल्टी करने से उनके पाचन तंत्र और आहर नली को नुकसान पहुंचाता है।
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बुलिमिया नर्वोसा के लक्षण
- कॉन्फिंडेस में कमी
- ब्लड प्रेशर में गिरावट
- पीरियड्स में अनियमितता होना
- बार-बार शौच के लिए जाना
- अत्यधिक भोजन एक साथ करना
- अवसाद
बिंज-ईटिंग
बिंज-ईटिंग डिसऑर्डर में इंसान को ज्यादा खाना खाने की लत हो जाती है। वह खुद को खाने पीने से रोक नहीं पाता और उससे होने वाले शारिरिक नुकसान को अनदेखा करता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ये खाने के विकार होने की संभावना ज्यादा होती है।
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बिंज-ईटिंग के लक्षण
- जरूरत से ज्यादा खानपान
- बिना भूख के भी भोजन की बड़ी मात्रा खाना
- शर्मिंदगी के कारण अकेले भोजन करना
- निराश, उदास या बाद में दोषी महसूस करना
तो आज हमने जाना कि तीन प्रकार के भोजन विकार क्या होते हैं लेकिन, भोजन के विकारों को सिर्फ जान लेने भर से बात नहीं बनने वाली। अगर आपके साथी या परिवार के लोगों में अगर ये भोजन विकार दिखाई दें, तो उसे तुंरत ही चिकित्सीय सलाह दिलानी चाहिए।