आज की इस फास्ट लाइफस्टाइल में कई सप्लिमेंट्स ऐसे हैं जो अमूमन सभी लोगों के लिए जरूरी हैं। हालांकि फूड सप्लिमेंट्स के कई साइड इफेक्ट्स भी देखे जाते हैं। इसलिए डॉक्टर्स कई बार इन हेल्थ सप्लिमेंट्स के सेवन के बजाए हेल्दी फूड्स और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने पर जोर देने को कहते हैं।
डॉ. श्रीनिवास (चिकित्सा पदाधिकारी, बिहार सरकार) कहते हैं कि, ”सप्लिमेंट्स अच्छे पोषण का विकल्प नहीं है। सप्लिमेंट्स का उपयोग किस मकसद से किया जाता है? इस बात पर ही इसके फायदे निर्भर करते हैं। व्यक्तिगत तौर पर मैं हेल्दी फूड्स पर ज्यादा विश्वास रखता हूं। क्योंकि अगर आपके खाने का ही सही रूटीन न हो तो फिर भोजन के इन पूरक से कोई खास फायदा नहीं है।”
यहां हम चार ऐसे सप्लिमेंट्स के बारे में बता रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है और कुछ फूड सोर्स के साथ उन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
1. विटामिन डी-3(Vitamin D-3)
विटामिन डी-3 हड्डियों के विकास के साथ-साथ मजबूती और कैल्शियम के अब्सॉर्पशन में मदद करता है। विटामिन डी-3 कोशिकाओं के विकास और व्हाइट ब्लड सेल्स को बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी-3 हेल्थ सप्लिमेंट्स का बेहतर सोर्स है। इसका प्राकृतिक स्रोत सूरज की ताजी धूप है, जिसके संपर्क में आते ही शरीर खुद ही इसका निर्माण कर लेता है। भारत जैसे विविध ज्योग्राफिकल कंडिशन वाले देश में रहने वाले अधिकांश लोग इसकी कमी से जूझ रहे हैं। इसका एक कारण हमारी लाइफस्टाइल भी है। दिन का अधिकतर समय हम बंद कमरों और चारदीवारी के बीच आर्टिफिशियल एयर में बिताने लगे हैं। यह हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
विटामिन डी-3 की कमी (Vitamin D-3 deficiency) कैसे दूर करें?
ऐसे बहुत से हेल्दी फूड्स हैं जो हमारे दैनिक जीवन मे आसानी से उपलब्ध हैं। इन फूड्स का सेवन करके और दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाकर इसकी कमी को कम किया जा सकता है। नीचे ऐसे फूड्स के नाम दिए गए हैं, जो आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए:
ऊपर बताए गए फूड्स कैल्शियम के अच्छे सोर्स हैं। आपके शरीर को अपने खाद्य पदार्थों से कैल्शियम का उपयोग करने में सक्षम होने के लिए, आपको अपने शरीर में अच्छी मात्रा में विटामिन डी की आवश्यकता होती है जो सिर्फ सूरज की रोशनी से मिलती है।
2. विटामिन बी-12 (Vitamin B-12)
शरीर के बेहतर पोषण के लिए ‘विटामिन बी-12’ बेहद जरूरी हेल्थ सप्लिमेंट्स है। सबसे पहले यह बात जानना बहुत जरूरी है कि विटामिन डी 3 की तरह हमारा शरीर इस विटामिन बी-12 को खुद नहीं बनाता है। इसके लिए हमें नियमित रूप से अच्छे भोजन से इसकी आपूर्ति करने की जरूरत होती है। यह हमारे नर्वस सिस्टम को सुचारू रखने के लिए जरूरी होता है। चूंकि विटामिन बी-12 के अच्छे सोर्सेज में नॉनवेज फूड्स (चिकन, मटन, फिश, अंडे) होते हैं। इसलिए वेजीटेरियन और वे जो डेयरी प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल नहीं करते उनमें इसकी कमी होने की जोखिम बढ़ जाती है। विटामिन बी-12 एनीमिया, शरीर मे थकान होना ओर कमजोरी से भी बचाव करता है।
विटामिन बी-12 की कमी (Vitamin B-12 deficiency) से क्या हो सकता है?
डॉक्टर्स के मुताबिक शरीर मे मैग्नीशियम की कमी होने पर इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि इससे संबंधित ब्लड-टेस्ट बहुत ज्यादा विश्वसनीय नहीं होते। मैग्नीशियम की उपयोगिता और महत्व आप इससे समझ लें कि यह हमारे ब्रेन (मस्तिष्क), हृदय (हार्ट) तथा न्यूरॉन्स को सुचारू रूप से काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है। मैग्नीशियम की कमी होने पर क्रॉनिक तनाव होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। कई तरह के जंक फूड और अनहेल्दी फूड्स की वजह से हम शरीर मे मैग्नीशियम की कमी को बढ़ावा दिए जा रहे हैं। डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि शराब के अधिक इस्तेमाल से भी इसके अब्सॉर्पशन में कमी आती है।
हेल्थ सप्लिमेंट्स का बेहतर जरिया है। अगर आप मैग्नीशियम की कमी से परेशान हैं और ऊपर बताए गए समस्याओं में से कोई लक्षण दिख रहे हैं तो आप इन भोजन से विटामिन बी-12 की कमी को पूरा कर सकते हैं और इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
ओमेगा-3 एसिड का पूरा नाम “ओमेगा-3 फैटी एसिड” है। यह शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। ओमेगा-3 शरीर में प्राकृतिक रूप से नहीं बन पता है। इसलिए इसे आहार के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। यह पॉलीअनसेचुरेटेड वसा का एक रूप है तथा इससे शरीर को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचती। यह हृदय रोग के जोखिम और स्तन कैंसर को भी कम करता है।
ओमेगा-3 तीन रूपों में पाए जाते हैं: अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA), डोकोसाहेक्सानॉइक एसिड (DHA) तथा इकोसापेंटैनॉइक एसिड (EPA)
इनमें अल्फा लिनोलेनिक पौधों में पाया जाता है तथा डोकोसाहेक्सानॉइक और इकोसापेंटैनॉइक एसिड नॉनवेज में पाया जाता है।