यह शरीर का एक ही ऐसा अंग है जो आहार से मिले आयोडीन का उपयोग करता है। आयोडीन का समावेश समुद्री भोजन, डेयरी, केल्प, समुद्री शैवाल और आयोडीन युक्त नमक में ज्यादा शामिल हैं। जब आयोडीन कोलाइडल थायरोग्लोब्युलिन से जुड़ता है, तो आयोडीन वाले हिस्से एक रासायनिक परिवर्तन से गुजरते हैं जो दो प्रमुख थायरॉयड हार्मोन, टी-4 और टी-3 बनाता है। टी-4 और टी-3 रक्तप्रवाह में मिल जाते है, जहां से वे सभी अंगों को प्रसारित होकर अपना काम करते हैं।
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थायरॉइड की समस्या महिलाओं में आम हैं
ज्यादातर महिलाएं इस समस्या से गुजरती हैं। कई प्रकार के रोग हैं जो थायरॉयड हॉर्मोन्स पर असर करते हैं, लेकिन सबसे आम हाइपोथायरॉइडिज्म है। हाइपोथायरॉइड महिलाओं के शरीर में ज्यादा होता है। इसमें थायरॉइड ग्रंथि ठीक से हार्मोन्स नहीं बना पाती और मोटापा बढ़ने के साथ शरीर की कई प्रकिया धीमी पड़ जाती हैं।
थायरॉइड की दवाइयां हानिकारक हो सकती हैं