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थायरॉइड क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और प्रकार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/04/2021

    थायरॉइड क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और प्रकार

    थायरॉइड (Thyroid) एक तरह की ग्रंथि होती है, जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है। यह ग्रंथि तितली के आकार की होती है और आपके शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है। यह ग्रंथि आइयोडीन का इस्तेमाल कर कई जरूरी हार्मोन भी पैदा करती है। थायरॉक्सिन यानी टी-4 एक ऐसा ही प्रमुख हार्मोन इस ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। थायरॉक्सिन को खून के द्वारा शरीर के टिशुओं में पहुंचाने के बाद इसका कुछ हिस्सा ट्रायोडोथायरोनाइन यानी टी-3 नाम सबसे सक्रिय हार्मोन में बदल जाता है।

    इसके अलावा जो भोजन हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है। इसके अलावा यह आपके हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। थायरॉइड को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। क्‍योंकि इसके लक्षण एक साथ नही दिखते है। पुरूषों में थायराइड की समस्या के लक्षण समस्या के प्रकार पर निर्भर करता है, यह किसी भी अंतर्निहित कारण, समग्र स्वास्थ्य, जीवन शैली में परिवर्तन और दवाओं के साथ चल रहे इलाज के कारण हो सकता है।

    थायरॉइड ग्रंथि पूरी तरह से दिमाग द्वारा नियंत्रित होती है। जब थायरॉइड हार्मोन का स्तर कम होता है तो दिमाग का हाइपोथैलामस hypothalamus नामक हिस्सा थाइरोट्रापिन thyrotropin नामक एक हार्मोन छोड़ता है। इसकी वजह से दिमाग के  निचले हिस्से में मौजूद पीयूष ग्रंथि pituitary gland थाइरॉइड उत्तेजक हार्मोन पैदा करती है जिसकी वजह से थाइरॉइड ग्रंथि ज्यादा थाइरॉक्सन छोड़ने लगती है।

    और पढ़ें : थायरॉइड और वजन में क्या है कनेक्शन? ऐसे करें वेट कम

    ये हैं थायरॉइड के प्रकार (Thyroid Types)

  • हाइपोथायरोडिज्म
  • हाइपरथायरोडिज्म
  • गोइटर
  • थायरॉइड नॉड्यूल (गांठ)
  • थायरॉइड कैंसर
  • हाइपरथायरायडिज्म से ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने की संभावना रहती है। वहीं हाइपोथायरायडिज्म, मायक्सेडेमा कोमा और मृत्यु का कारण बनता है। थायरॉइड समस्याओं का सबसे आम कारण ऑटोम्यून्यून थायराइड रोग (एआईटीडी) है। यह एक वंशानुगत यानी जेनेटिक स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है। ये थायराइड ग्रंथियों को अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती है।

    थायरॉइड के लक्षण (Thyroid Symptoms)

    हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) में ये निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं

  • सुस्ती और आलस
  • सूखी त्वचा
  • कब्ज रोग
  • ठंड लगना
  • मांसपेशियां और जोड़ों का दर्द
  • अवसाद (डिप्रेशन)
  • महिलाओं में पीरियड्स के दौरान अत्याधिक रक्त स्त्राव
  • कमजोरी होना
  • अचानक वजन बढ़ना
  • बाल झड़ना
  • ज्यादा गर्मी लगना
  • नाखून कमजोर होना
  • अधिक प्यास लगना
  • तनाव
  • आवाज में बदलाव आना
  • और पढ़ें : Thyroid Nodules : थायरॉइड नोड्यूल क्या है?

    हायपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) में ये निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं

    थायरॉइड

    • झटके लगना
    • घबराहट
    • तेज ह्दय गति
    • कमजोरी
    • गर्मी बदार्शत न कर पाना
    • बार-बार मल त्याग
    • बहुत पसीना आना
    • अचानक वजन कम होना

    थायरॉइड नॉड्यूल (गांठ) (Thyroid Nodule) में निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं

    थायरॉइड के दौरान शरीर में मांस की गांठ थायरॉइड नॉड्यूल्स कहलाते हैं। ये एक या उससे ज्यादा हो सकते हैं और इनके आकार भी भिन्न हो सकते हैं। अगर इनका आकार बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो ये आसपास मौजूद अंग या हिस्से को दबा देते हैं।

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    और पढ़ें : थायरॉइड के बारे में वो बातें जो आपको जानना जरूरी हैं

    कब दिखाएं डॉक्टर को?

    अगर आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दें या मन में शंका हो तो डॉक्टर से चेकअप जरूर कराएं

    इस वजह से होता है थायरॉइड 

    हाइपोथायरोडिज्म: जब थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन नहीं बनाती तो इसकी वजह से हाइपोथायरोडिज्म होता है। यह थायरॉइड ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि में समस्या की वजह से भी होता है।

     हाइपरथायरोडिज्म: जब थायरॉइड ग्रंथि अत्याधिक मात्रा में थायरॉइड हार्मोन बनाती तो इसकी वजह से हाइपरथायरोडिज्म होता है।

    इन वजहों से बढ़ जाती है थायरॉइड होने की संभावना

    यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

    खून की जांच कर डॉक्टर थायरॉइड हॉर्मोन का स्तर जान सकता है। इससे थायरॉइड का पता आसानी से चल जाता है। इसके अलावा कई तरह के स्कैन भी किए जाते हैं, जिससे थायरॉइड की गांठ या कैंसर का भी पता चल सकता है।

    और पढ़ें : थायरॉइडाइटिस (thyroiditis) क्या है?

    थायरॉइड के कारण (Causes of Thyroid)

    थायरॉइड के कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

    • अगर पहले कभी थायरॉइड हुआ हो
    • गोइटर होने पर भी इसकी आंशका बढ़ डाती है
    • थायरॉइड होने की आशंका एक उम्र के बाद भी बढ़ जाती है।  30 साल से ज्यादा उम्र होने पर यह हो सकता है।
    • टाइप 1 डायबिटीज  या कोई और ऑटोइम्यून विकारों से ग्रसित होने पर।
    • गर्भपात, समय से पहले पूर्व जन्म या बांझपन के कारण भी थायरॉइड होने की आशंका बनी रहती है।
    • ऑटोइम्यून थायरॉइड की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री होने पर
    • टाइप 2 डायबिटीज भी बन सकता है थायरॉइड का कारण
    • महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है
    • गलत खान-पान, जैसे अधिक तला हुआ खाना
    • जंक फूड व मैदे से बने खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन
    • बढ़ता वजन या मोटापा

    ऐसे होता है थायरॉइड का इलाज (Thyroid Treatment)

    थायरॉइड का इलाज आमतौर पर दवाई और कई बार सर्जरी की मदद से होता है। उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि थायरॉइड किस प्रकार का है।

    थायरॉइड की दवा (Thyroid Medicine)

    हाइपोथायरोडिज्म के मामले में दवाई के जरिए कम हुए हार्मोन की भरपाई की जाती है। वहीं हाइपरथायरोडिज्म के मामले में दवाई हार्मोन का स्तर कम करने के लिए खिलाई जाती है। इसके अलावा हाइपरथायरोडिज्म में कुछ अन्य दवाईयां इसके अन्य लक्षणों को कम करने के लिए दी जाती हैं।

    थायरॉइड की सर्जरी (Thyroid Surgery)

    कई बार थायरॉइड ग्रंथि में गांठ आदि को निकालने के लिए ऑपरेशन का सहारा लिया जाता है। सर्जरी तब जरूरी हो जाती है, जब इससे कैंसर की संभावना हो। ऐसे मामलों में पूरी थायरॉइड ग्रंथि भी हटा दी जाती और  ऐसे में मरीज को जिंदगी भर थायरॉइड की गोलियों के सहारे जीवन बिताना पड़ता है।

    और पढ़ें- थायरॉइड से बचने के लिए करें एक्सरसाइज

    क्या थायरॉइड से बचाव किया जा सकता है? (How to cure from Thyroid)

    थायरॉइड के मुख्य तीन प्रकार हम ऊपर बता चुके हैं, जिनमें हाइपरथायरॉइडिज्म, हाइपोथायरॉइडिज्म और थायरॉइड कैंसर शामिल हैं। इन तीनों ही प्रकार के थायरॉइड से बचाव करना मुश्किल है, क्योंकि इनके स्पष्ट कारण की अभी तक कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है, लेकिन फिर भी अनुवांशिक और हार्मोनल कारणों को वजह माना जाता है। जिससे बचने के लिए तनाव, धूम्रपान, शराब, किसी प्रकार के रेडिएशन के अधिक संपर्क में आने आदि से बचने और आयोडिन व संतुलित आहार का सेवन करके बचा जा सकता है। इसके अलावा, इसे नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव किया जा सकता है।

    जीवनशैली में ये बदलाव बचाएंगे थायरॉइड से

    –  संतुलित और पौष्टिक आहार खाएं। ऐसा आहार लें जिसकी मात्रा कम और पौष्टिकता ज्यादा हो। इससे आपके पाचन तंत्र पर भार कम पड़ेगा और आपके हार्मोन संतुलित रहेंगे।

    – व्यायाम करें और वजन को कंट्रोल करें। इससे आपकी फिटनेस मेंटेन रहेगी और बॉडी फैट नहीं बढ़ेगा, जो थायरॉइड का कारण बनता है।

    – तनाव लेना बंद करें। तनाव से थायरॉइड और बिगड़ सकता है।

    अच्छी नींद लें। एक ही समय पर सोएं और जागें। इससे आपका हार्मोनल बैलेंस बना रहेगा।

    – अपने बेडरूम को ठंडा रखें। 23 से 26 डिग्री सेल्सियस का तापमान सोने के लिए सबसे उपयुक्त है। आप अच्छी नींद लेंगे तो आपको इसके लक्षणों से जल्द निजाते मिलेगा।

    इतनी महत्वपूर्ण जानकारी जानने के बाद थायरॉइड के बारे में कुछ रोचक जानकारी भी जान लीजिए।

    थायरॉइड से जुड़ी रोचक जानकारी

    थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid gland)

    इस ग्रंथि का वजन 10 से 20 ग्राम होता है। यह मुख्य रूप से रोम या छोटे होल्स से बनता है, जो कोलाइड से भरे होते हैं। उसमें एक जेल जैसा पदार्थ होता है जो ज्यादातर प्रोटीन से बना होता है जिसे थायरोग्लोब्युलिन कहते हैं। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में बड़ी थायरॉइड ग्रंथि होती है।

    थायरॉइड हाॅर्मोन (Thyroid Hormone) कैसे बनता है

    यह शरीर का एक ही ऐसा अंग है जो आहार से मिले आयोडीन का उपयोग करता है। आयोडीन का समावेश समुद्री भोजन, डेयरी, केल्प, समुद्री शैवाल और आयोडीन युक्त नमक में ज्यादा शामिल हैं। जब आयोडीन कोलाइडल थायरोग्लोब्युलिन से जुड़ता है, तो आयोडीन वाले हिस्से एक रासायनिक परिवर्तन से गुजरते हैं जो दो प्रमुख थायरॉयड हार्मोन, टी-4 और टी-3 बनाता है। टी-4 और टी-3 रक्तप्रवाह में मिल जाते है, जहां से वे सभी अंगों को प्रसारित होकर अपना काम करते हैं।

    और पढ़ें : जानें क्या है थायरॉइड फंक्शन टेस्ट?

    थायरॉइड की समस्या (Thyroid Problem) महिलाओं में आम हैं

    ज्यादातर महिलाएं इस समस्या से गुजरती हैं। कई प्रकार के रोग हैं जो थायरॉयड हॉर्मोन्स पर असर करते हैं, लेकिन सबसे आम हाइपोथायरॉइडिज्म है। हाइपोथायरॉइड महिलाओं के शरीर में ज्यादा होता है। इसमें थायरॉइड ग्रंथि ठीक से हार्मोन्स नहीं बना पाती और मोटापा बढ़ने के साथ शरीर की कई प्रकिया धीमी पड़ जाती हैं।

    थायरॉइड की दवाइयां हानिकारक हो सकती हैं

    इसकी दवाइयों में अधिक T4 का होना एक व्यक्ति के ह्दय की धड़कन को असमान्य कर सकता है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हार्ट फेल होने तक की नौबत आ सकती है। कई लोगों को इन दवाइयों के कारण घबराहट महसूस होना, नींद नहीं आना, व्यायाम में कमी आना और ज्यादा तेज दिल धड़कन बढ़ना, ऐसी समस्या ये हो सकती हैं।

    थायरॉइड को कैसे चेक करें (How to Check Thyroids

    अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने थायरॉइड को चेक करने और उसके संकेतों को लेकर निम्नलिखित जानकारी दी है

    अपनी गर्दन के नीचे के हिस्से पर, कॉलरबोन के ऊपर और अपने साउंड बॉक्स के नीचे थायरॉइड चेक करने के लिए दर्पण का उपयोग करें। अपने सिर को पीछे ले जाकर पानी का एक घूंट पीलें और उस क्षेत्र में फैलाव करें। यदि आपको कोई भी उभर नजर आ रहा है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें। आपको थायरॉयड नोड्यूल या बढ़े थायरॉइड (हाइपो या हाइपरथायरॉइडिज्म का संकेत) हो सकता है।

    डॉक्टर अक्षय जैन कहते हैं की, “यदि आपको हाल ही में थायरॉइड का पता चला है, तो यह जानना महत्वपूर्ण है आप इसका इलाज किस तरह सरल, सुरक्षित और प्रभावी कर सकते हैं। अधिकतर उपचार सप्प्लिमेंट्स के सेवन से किया जाता है, ये दवाइयां आपके थायरॉइड हार्मोन के स्तर को कम या ज्यादा करने में मदद करती हैं।’

    आपका डॉक्टर आपके लक्षणों को सुनकर, आपसे कुछ सवाल पूछकर और अपनी गर्दन की जांच करेंगे। आपके थायरॉइड ग्रंथि की गतिविधि के बारे आपसे पूछा जाएगा। एक एकल रक्त परीक्षण आम तौर पर निदान की पुष्टि करेगा, लेकिन कभी-कभी अन्य परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है। इस बीमारी के बारें में ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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    Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/04/2021

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