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Chronic Fatigue Syndrome (CFS): क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Poonam द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/10/2020

Chronic Fatigue Syndrome (CFS): क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

परिचय

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) (CFS) क्या है?

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) (CFS) कई प्रकार से कमजोरी पैदा करने वाले विकार है। हालांकि, कुछ मामलों में क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम संक्रमण की समस्या से भी संबंधित हो सकता है। सीएफएस (CFS) को मायलजिक इंसेफेलाइटिस  (Myalgic Encephalomyelitis),सिस्टेमिक एक्सर्टियन इन्टॉलरेंस डिजीज (Systemic Exertion Intolerance Disease) (SEID) के नाम से भी जाना जाता है।

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम होने पर आपको अपने स्वास्थ्य में निम्न स्थितियां महसूस हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः

  • बिना किसी शारीरिक कार्य के भी पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से भी आपको बहुत ज्यादा शारीरिक थकान महसूस होना।
  • चीजें रखकर भूल जाना या हाल ही में हुई कोई जरूरी बात-चीत याद न रहना
  • गले में खराश रहना
  • लिम्फ नोड्स की समस्या होना
  • मांसपेशियों में दर्द महसूस करना
  • बिना सूजन के जोड़ों में दर्द महसूस करना
  • लगातार सिरदर्द की समस्या होना
  • भरपूर नींद लेने के बाद भी थका हुआ महसूस करना
  • लेटे रहना या खड़े होने पर चक्कर आना
  • एक्सरसाइज करने के 24 घंटे से अधिक समय बाद भी आपको थकान महसूस होना।
  • क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम हजारों लोगों को प्रभावित करता है। पुरुषों की तुलना में इसकी समस्या महिलाओं में अधिक देखी जा सकती है। यह स्थिति युवाओं से लेकर मध्यम आयु वर्ग तक के लोगों और वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है। अगर अधिक समय तक इसकी समस्या बनी रहती है, तो यह डिप्रेशन का भी कारण हो सकता है। हालांकि, एक बात का ध्यान रखें कि डिप्रेशन क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (CFS) का कारण नहीं होता है।

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    लक्षण

    क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?

    सीएसएफ (CFS) के लक्षण व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। जो कभी-कभी गंभीर भी हो सकते हैं।

    निम्न स्थितियां सीएसएफ के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं, जो हैंः

    थकानः इसके सबसे आम लक्षणों में थकान मुख्य हो सकता है। जिसके कारण आपकी दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती है। शारीरिक रूप से हमेशा थकान महसूस करने से शारीरिक कार्यों को करने की क्षमता कम हो सकती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति का अधिक से अधिक आराम करना भी कारगार नहीं माना जाता है। यानि, अगर व्यक्ति लंबे समय तक बेड रेस्ट लेता है, तो भी उसके लक्षणों में किसी तरह का सुधार नहीं देखा जा सकता है।

    इसके लक्षण समय के साथ गंभीर होने लगते हैं।

    हालांकि, कई लोगों में कुछ समय बाद बिना किसी उपचार के ही इसके लक्षण पूरी तरह से खत्म हो सकते हैं, जिसे विमुद्रीकरण (remission) कहा जाता है। इसके अलावा, ऊपर बताए गए इसके निम्न लक्षण दोबारा भी शुरू हो सकते हैं, जिसे रिलैप्स कहा जाता है।

    रेमिशन (remission) और रिलैप्स की स्थिति इसके लक्षणों को और भी ज्यादा खराब और गंभीर कर सकते हैं।

    और पढ़ें : क्या एक ही व्यक्ति को दोबारा हो सकता है कोरोना वायरस का संक्रमण?

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    कारण

    क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के कारण क्या हैं?

    क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम का कारण अज्ञात है, लेकिन स्थिति इम्यून सिस्टम पर प्रभाव के साथ संक्रमण से संबंधित हो सकती है। CFS के कारणों के रूप में कई वायरस का अध्ययन किया गया है, लेकिन इसके किसी भी कारण की पुष्टि नहीं की जा सकती है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक,जीवाणु क्लैमाइडिया न्यूमोनिया (जो निमोनिया और अन्य बीमारियों का कारण बनता है) कुछ मामलों में CFS का कारण हो सकते हैं।

    • इसके संबंधित संक्रमणों में से एक एपस्टीन-बार वायरस या ईबीवी है। EBV मोनोन्यूक्लिओसिस का कारण है जिससे “मोनो’ या “चुंबन रोग’ भी होता है।
    • कुछ मामलों में EBV CFS का कारण नहीं बनता है, और CFS लंबे समय तक EBV संक्रमण या दीर्घकालिक मोनोन्यूक्लिओसिस में एक जैसा नहीं है।
    • अन्य असंबंधित संक्रामक रोग जो थकान का कारण बनता हैं उनमें निमोनिया, दस्त और ब्रोंकाइटिस शामिल हो सकते हैं।
    • कैंडिडा अल्बिकन्स संक्रमण या यीस्ट इंफेक्शन CFS का कारण नहीं बनते हैं।

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    जोखिम

    क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम को बढ़ाने वाले जोखिम क्या हैं?

    CFS की समस्या सबसे अधिक 40 से 50 की उम्र के बीच के लोगों में देखी जा सकती है। इसके अलावा, यह पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखा जा सकता है। कुछ तरह की स्थितियां है, जो इसके जोखिम कारक को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

    • आनुवंशिक प्रवृतियां (genetic predisposition)
    • एलर्जी
    • तनाव
    • पर्यावरणीय कारक

    और पढ़ें : Restless Legs Syndrome: जानें रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम कैसे, इसके कारण और उपचार क्या हैं?

    उपचार

    क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लिए उपचार क्या हैं?

    क्रॉनिक थकान सिंड्रोम या माइलगिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस (एमई/सीएफएस) या सिस्टेमिक एक्सर्टियन इन्टॉलरेंस डिजीज (SEID) के उपचार के तौर पर कई विकल्प मौजूद हैं, जिसमें शामिल हैंः

    • एक्यूपंक्चर
    • पोषण सप्लीमेंट्स
    • कुछ तरह की एक्सरसाइज और मेडिटेशन
    • दैनिक आहार

    इसके उपचार की प्रक्रिया हर व्यक्ति पर अलग-अलग तरह से प्रभावी देखी जा सकती है।

    कुछ स्थितियों में आपको डॉक्टर ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के सेवन की भी सलाह दे सकते हैं, जो आपको मौजूदा लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

    क्या दवाईयां क्रोनिक थकान सिंड्रोम (CFS) का उपचार कर सकती है?

    क्रॉनिक थकान सिंड्रोम (CFS) के उपचार के लिए दवाओं का सेवन पूरी तरह से लाभकारी नहीं माना जा सकता है। हालांकि, इसके कुछ लक्षणों को कम करने के लिए आपको डॉक्टर आपको निम्न स्थितियों के लिए दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

    • नींद की समस्या को दूर करने के लिए नींद की गोली, जैसे- एंटीहिस्टामाइन, जिसमें शामिल हो सकते हैं- -एस्जोपिकलोन, रामेल्टन, जोलपिडेम
    • शारीरिक थकान को दूर करने के लिए कुछ तरह के सप्लीमेंट्स
    • मांसपेशियों के दर्द और जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए दर्द निवारक दवाओं की सलाह दे सकते हैं, जैसे- आइबूप्रोफेन, एस्पिरिन, एसिटामिनोफेन

    निम्न बातों का भी रखें ध्यान

    कभी-कभी सभी नींद की दवाओं के सेवन से आपको कुछ तरह के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे- दिन में नींद आना, चक्कर आना, खड़े होने या बैठने पर शरीर का बैलेंस बनाए रखने नें परेशानी होना और मेमोरी लैप्स।

    ऐसी किसी भी स्थिति का अनुभव होने पर आपको अपनी खुराक तुरंत बंद कर देनी चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही, इन दवाओं का सेवन आपके डॉक्टर आपके लिए सिर्फ कुछ समय के लिए ही तय कर सकते हैं। लंबे समय तक इनका सेवन करना गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का कारण भी बन सकते हैं।

    इससे जुड़ी अगर आपकी कोई समस्या है, तो उसके बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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