के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
मुंह के अंदर यदि आपको व्हाइट रैश दिखे तो यह थ्रश हो सकता है। इसे ओरल थ्रश कहते हैं, जो यीस्ट इंफेक्शन के कारण होता है। आमतौर पर यह मुंह में ही होता है, लेकिन कभी-कभी शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। यह अक्सर नमी वाले हिस्से में होता है। वैसे तो थ्रश किसी को भी हो सकता है, लेकिन शिशु और बच्चों में यह आम हैं। बच्चों को डायपर रैश होता है वहां भी यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। थ्रश बहुत गंभीर नहीं होती है, लेकिन जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें इससे अधिक परेशानी हो सकती है। थ्रश होने पर मुंह के अंदर जीभ पर और गाल में अंदर की तरफ सफेद रैश दिखने लगता है। इलाज से यह ठीक हो जाता है।
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शुरुआत में ओरल थ्रश के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। लेकिन संक्रमण बढ़ने पर इसके लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैः
कुछ मामलों में ओरल थ्रश के लिए ज़िम्मेदार यीस्ट इंफेक्शन शरीर के दूसरे हिस्से में भी संक्रमण फैला देते हैं, जैसे लीवर, फेफड़े और त्वचा। ऐसा आमतौर पर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के साथ होता है।
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ओरल थ्रश के कारणों में शामिल हैः
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यदि किसी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान वजायनल यीस्ट इंफेक्शन होता है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि डिलीवरी से पहले इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह नवजात तक पहुंच सकता है।
यदि किसी महिला को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिस्चार्ज या दर्द होता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें ताकि डॉक्टर इस बात की जांच कर सके कि कहीं आपके निप्पल में यीस्ट इंफेक्शन तो नहीं है। यदि ऐसा है तो स्तनपान के दौरान यह इंफेक्शन बच्चे के मुंह में जा सकता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ऐसे ब्रेस्टपैड्स का इस्तेमाल करें जिसमें प्लास्टिक बैरियर न हो, क्योंकि यह कैंडिडा के विकास में मदद कर सकता है। यदि आपको इंफेक्शन हैं तो आपके डॉक्टर आपको निप्पल पर लगाने के लिए कोई क्रीम दे सकते हैं।
यदि बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं, तो बोतल के निप्पल को अच्छी तरह साफ रखें, क्योंकि इससे भी यीस्ट इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
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आमतौर पर ओरल थ्रश का पता डॉक्टर मुंह के अंदर देखकर ही लगा लेता है, लेकिन कई बार इसकी पुष्टि के लिए वह प्रभावित हिस्से की बायोप्सी करता है, जिसके लिए उस हिस्से की थोड़ी सी स्किन को निकलाकर लैब मे टेस्ट के लिए भेजा जाता है। इसके अलावा डॉक्टर अन्य टेस्ट भी कर सकता है जिसमें शामिल हैः
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यदि आपके बच्चे को ओरल थ्रश है तो डॉक्टर के पास जाएं। कुछ मामलों में यह बिना किसी इलाज के एक से दो हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन डॉक्टर शिशु के मुंह के लिए एंटीफंगल सॉल्यूशन की सलाह दे सकता है। यह जेल यहा ड्रॉप के रूप में हो सकता है जिसे दिन में कई बार बच्चे के मुंह के अंदर लगानी होती है।
यदि बच्चा ब्रेस्टफीड करता है तो डॉक्टर बच्चे के मुंह के साथ ही मां के निप्पल के लिए भी दवा देगा, क्योंकि यदि संक्रमण निप्पल पर रहेगा तो बच्चा उससे प्रभावित होगा।
इसके अलावा यदि बच्चा ब्रेस्टफीड के अलावा कुछ खाता है तो डॉक्टर बच्चे को दही के साथ लैक्टोबैसिली खिलाने की सलाह देगा। लैक्टोबैसिली “अच्छा’ बैक्टीरिया है जो आपके बच्चे के मुंह में बने यीस्ट से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
इसके अलावा कुछ घरेलू तरीके से भी थ्रश का उपचार किया जा सकता है, जैसे कि अंगूर के बीज का अर्क, नारियल का तेल, जेंटियन वायलेट, टी ट्री ऑयल और बेकिंग सोडा का इस्तेमाल शिशुओं के ओरल थ्रश को ठीक करने के लिए किया जाता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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