गर्भावस्था के दौरान थ्रश आपके शिशु के लिए कोई समस्या पैदा नहीं करता। मगर, यदि इसका उपचार न कराया जाए, तो डिलिवरी के दौरान यह शिशु तक पहुंच सकता है।
क्या फर्टिलिटी यीस्ट इंफेक्शन से प्रभावित होती है?
यीस्ट इंफेक्शन फर्टिलिटी को प्रभावित करता है या नहीं? इसके अभी पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं। जिससे यह पता चलता हो कि यीस्ट इंफेक्शन से पीड़ित महिलाओं को इनफर्टिलिटी हो सकती है। हालांकि, यीस्ट इंफेक्शन आपके इंटरकोस को असहज बना सकता है।
यीस्ट इंफेक्शन सेक्स लाइफ को कहीं न कहीं प्रभावित करता है। बार-बार यीस्ट इंफेक्शन होने से यह वजायना के अंदर के फ्लोरा को असंतुलित कर देता है, जिससे स्पर्म का यूटरस तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। हालांकि,कैंडिडा की ओवरग्रोथ होने से स्पर्म नष्ट नहीं होते हैं लेकिन, इंफेक्शन सर्वाइकल म्यूकस में बार बार बदलाव करता है। इससे स्पर्म को गर्भाशय के मुख तक पहुंचने में मुश्किल होती है।
प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से बचने के घरेलू उपाय:
1. एप्पल साइडर सिरका प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से राहत देगा
एप्पल साइडर सिरका नेचर में अम्लीय होता है। जो प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन के संक्रमण वाले फंगस को मारने में मदद करता है। एप्पल साइडर सिरका में एंजाइम भी होते हैं जो इन कवक को रोकते हैं। ये वजायना में खुजली और इंफेक्शन को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा यह आपके शरीर के पीएच संतुलन को नियंत्रित भी कर सकता है।
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2. लहसुन भी प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन होने पर राहत देगा
लहसुन हर घर में इस्तेमाल किया जाने वाला औषधीय गुणों से भरपूर एक हर्बल है। जिसका इस्तेमाल हमारे घरों में सब्जी आदि बनाने में किया जाता है। प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन होने पर वजायना में खुजली से लड़ने के लिए यह कारगर साबित होता है। लहसुन कैंडिडा को खत्म करने में सहायक होता है। लहसुन इस प्रकार की समस्या से लड़ने में मदद करता है। इसमें मौजूद ऑर्गनॉसल्फर कैंडिडा को बढ़ने से रोकता है। लहसुन के दो से तीन कलियों को प्रतिदिन खाएं। इसे आप दही के साथ भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
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3. दही के सेवन से प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन से बचा जा सकता है