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एसिडिक फूड से होने वाली अन्य परेशानियां
प्रेग्नेंसी में एसिडिक फूड जैसे प्रोटीन या शुगर का ज्यादा सेवन करने से यूरिन में एसिड बढ़ने के साथ-साथ दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं। कई बार इसकी वजह से आपको किडनी स्टोन, जिसे यूरिक एसिड स्टोन के नाम से जाना जाता है होने का डर रहता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान अधिक परेशानियों
अब तो आप समझ ही गईं होगी कि प्रेग्नेंसी के दौरान यदि आप एसिडिक फूड लेती हैं तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। बॉडी में एसिडिटी बढ़ेगी, जिससे हड्डियों और मसल्स को भी नुकसान पहुंचता। हड्डियों में कैल्शियम होता है और बॉडी में एसिड बढ़ने की वजह से ब्लड के पीएच लेवल को सामान्य करने के लिए बॉडी कैल्शियम का इस्तेमाल करती है। इससे हड्डियों पर असर होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें। एसिडिटी की समस्या होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से बाते करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान न करें कैफीन का अत्यधिक सेवन
हो सकता है कि आपको कॉफी, चाय, सॉफ्ट ड्रिंक और कोकोआ काफी ज्यादा पसंद हो। आप इस दुनिया में अकेले नहीं है जिसे कैफीन प्रोडक्ट काफी भाते हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टट्रिशन एंड गायनकोलॉजिस्ट के अनुसार गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन कम कर देना चाहिए या फिर न ही करें तो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा। यदि करें भी तो 200 मिलिग्राम रोजाना करें। कैफीन को हमारा शरीर काफी जल्द एब्जॉर्ब करता है वहीं यह प्लेसेंटा में काफी जल्दी पास होता है। बता दें कि शिशुओं को प्लेसेंटा की आवश्यकता नहीं पड़ती है, ऐसे में कैफीन का सेवन कर उसकी संख्या में इजाफा करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि गर्भावस्था में कोई अत्यधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करती है तो देखा गया है कि फेटल ग्रोथ सामान्य प्रकार से नहीं हो पाता है। वहीं संभावनाएं रहती है कि शिशु के जन्म के समय उसका वजन कम हो।
जन्म के समय कम वजन का अर्थ शिशु का 2.5 किलोग्राम से कम होता है। कैफिन के पदार्थ का सेवन करने वालों में ऐसी संभावनाएं अधिक रहती है। ऐसे में बच्चों जन्म के समय डेथ रेट और आगे चलकर क्रॉनिक बीमारियां होने की संभावनाएं भी अधिक रहती है। बेहतर यही होगा कि आप अपने खानपान पर ध्यान दें।
शराब का कतई न करें सेवन
सुरक्षा कारणों से गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था के दौरान वो पूरी तरह से शराब का सेवन न ही करें तो बेहतर होगा। यदि नहीं तो संभावनाएं रहती है कि कहीं मिसकैरेज व शिशु व गर्भवती को किसी अन्य प्रकार की समस्या न हो जाए। शराब की थोड़ी सी मात्रा का सेवन भी शिशु के विकास व दिमाग पर गलत प्रभाव डाल सकती है, संभव है कि शिशु का दिमाग सामान्य रूप से विकसित ही न हो पाए। गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन करने के कारण फेटल एलकोहल सिंड्रोम की बीमारी हो सकती है। इस कारण फेटल डिफॉर्मिटीज होती है, हार्ट डिफेक्ट के साथ इंटलेक्चुअल डिसएबिलिटीज हो सकती है। सुरक्षित गर्भावस्था के लिए आप शराब न ही पीएं तो अच्छा होगा।
खानपान को लेकर हमेशा लें एक्सपर्ट की सलाह
जब आप गर्भवती हैं तो ऐसे में आपको वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए जिससे आपके शिशु को खतरा हो। इसकी बजाए वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे स्वास्थ्य बेहतर हो, ऐसे में रॉ फिश, अनपॉश्च्यूराइज्ड डेयरी, शराब, हाई मर्करी फिश आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कॉफी इसमें काफी मात्रा में चीनी होता है, ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए, ताकि सुरक्षित गर्भावस्था हो सके और जच्चा-बच्चा को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। यदि आप जानना चाहते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं तो इसको लेकर आप न्यूट्रिशनिस्ट के साथ डायटिशियन की सलाह ले सकते हैं। वहीं उनके बताए खाद्य पदार्थों को रोजाना अपना पौष्टिकता हासिल कर सकते हैं। गर्भावस्था में खानपान काफी अहम होता है, यदि खानपान पर ध्यान न दिया जाए तो जच्चा-बच्चा को नुकसान हो सकता है, यहां पर कि शिशु की मौत तक हो सकती है। ऐसे में वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।