के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
गर्भावस्था की शुरुआत के साथ-साथ शुरू हो जाती हैं कुछ शारीरिक परेशानियां। गर्भवती महिला को मूड स्विंग, सिर दर्द और शरीर में सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान डायजेशन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिस कारण पेट में गैस बनना शुरू हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान डायजेशन के कारण होने वाली परेशानियों को पूरी तरह से नहीं ठीक किया जा सकता। क्योंकि इस दौरान हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से ऐसा होता है लेकिन, इन परेशानियों को कम जरूर किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान गैस का बनना सामान्य है। प्रोजेस्ट्राॅन हॉर्मोन प्रेग्नेंसी के दौरान गैस बनने के लिए जिम्मेदार होता है। इस दौरान बॉडी प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने के लिए ज्यादा मात्रा में प्रोजेस्ट्रॉन प्रोड्यूस करती है। प्रोजेस्ट्रॉन बॉडी मसल्स को रिलैक्स करता है। इसमें इंटेस्टाइन की मसल्स भी शामिल हैं। इंटेस्टाइन की मसल्स के स्लो होने का मतलब है आपके डाइजेशन का स्लो होना। इसकी वजह से गैस बनती है। जिससे ब्लॉटिंग, डकार आना और पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं।
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गर्भावस्था में गैस से छुटकारा पाने के लिए आपको खानपान के साथ ही तरल पदार्थों के सेवन की ओर भी ध्यान देना चाहिए। समय-समय पर पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रखें। बेहतर होगा की दिन की शुरुआत एक गिलास पानी पीने से करें। आप पाश्चराइज्ड फ्रूट जूस भी पी सकती हैं, क्योंकि जूस पीने से शरीर से टॉक्सिन्स दूर करने और ब्लॉटिंग को रोकने में मदद मिलती है। यही नहीं सुबह की शुरुआत रोज एक गिलास गर्म पानी पी कर करने से भी पेट साफ रहता है और गैस की समस्या नहीं होती है। ध्यान रखें प्रेग्नेंसी के वक्त गैस की परेशानी न हो इसलिए टॉनिक वॉटर, फिजी वॉटर और कार्बोहाइड्रेटेड एनर्जी ड्रिंक से दूरी बना कर रखें।
कई फूड्स जो गैस की परेशानी को कुछ समय के लिए बढ़ाते हैं असल में वे कॉन्सिटपेशन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। फाइबर इंस्टेटाइन में पानी लेकर जाता है, स्टूल को सॉफ्ट करता और गैस पास करने मदद करता है। अपनी डायट में 25 से 30 ग्राम फाइबर को शामिल करें। अंजीर, केला, गाजर, सेब, दलिया, पत्तेदार सब्जियां और नाशपाती को खाने में शामिल करें। इन सभी खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा उच्च होती है, जिससे डायजेशन ठीक होता है और गैस की समस्या नहीं होती है।
अगर आपको फाइबर फूड खाना पसंद नहीं है तो आप इसका अल्टरनेटिव भी चुन सकते हैं। अपने डॉक्टर से फाइबर सप्लिमेंट्स के बारे में पूछें। जिसमें ईसबगोल, ग्लाईकोल 3350 आदि शामिल है। ये सप्लिमेंट्स को कब और कितनी मात्रा में लेना है डॉक्टर से अच्छी तरह से समझने के बाद ही इसका सेवन करें।
एक साथ ज्यादा खाना न खा कर थोड़ी-थोड़ी देर में खाते रहें। एक साथ बहुत सारा खा लेने से मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता। अच्छी तरह से चबा कर खाना खाएं और अनहेल्दी फूड खाने से बचें। इससे भी प्रेग्नेंसी के दौरान गैस की समस्या कम होती है।
पेपरमेंट लीफ, ब्लैकबेरी और रेड रास्पबेरी से बनी चाय का सेवन करने से डायजेशन बेहतर होता है, लेकिन इन हर्बल टी को अत्यधिक गर्म न करें क्योंकि इससे पौष्टिक तत्वों में कमी आ जाती है। हर्बल टी में शहद मिलाई जा सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा हर्बल टी के सेवन से बचें नहीं तो इससे परेशानी हो सकती है।
तले-भुने खाद्य पदार्थ तो हमेशा ही नुकसान करते हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान तले-भुने खाद्य पदार्थ, जंक फूड, फ्रोजन खाद्य पदर्थों का सेवन करने से पूरी तरह बचें। तले-भुने या मसालेदार खाद्य पदार्थों से भी गर्भावस्था के दौरान गैस की समस्या शुरू हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के मूंह का स्वाद कुछ बिगड़ जाता है। ऐसे में हमेशा कुछ चटपटा या स्पाइसी खाने का मन करता है। अगर आपको पहले से ही गैस की समस्या है तो बेहतर होगा कि खाने में ज्यादा तेल या मसाले का उपयोग न करें। ऐसा करने से आपको गैस की समस्या से राहत मिलेगी। मसालेदार खाना आपको रात में नहीं खाना चाहिए। गैस की समस्या को दूर भगाने का एक अच्छा तरीका है। मसालेदार खाना शरीर का टेम्परेचर भी बढ़ा देता है। इस कारण से आपको नींद न आने की समस्या भी हो सकती है।
फिजिकली एक्टिविटी और एक्सरसाइज आपके डेली रूटीन का हिस्सा होना चाहिए। अगर आप जिम नहीं जा सकती तो अपने रूटीन में डेली वॉक को शामिल करें। कम से कम 30 मिनिट के लिए वॉक या एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से सही एक्सरसाइज करने से गर्भवती महिलाएं एक्टिव रहती हैं, डायजेशन भी ठीक रहता है, डिलिवरी के समय परेशानी कम होती है और डिलिवरी के बाद भी शरीर स्वस्थ रहता है। प्रेग्नेंसी के समय कोई भी एक्सरसाइज रूटीन शुरू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
गैस की समस्या होने पर मेथी के पानी का सेवन करने से लाभ मिलता है। मेथी दाने (1-2 चम्मच) को रात के वक्त एक गिलास पानी में रख दें और सुबह यही पानी पिएं। इससे भी गर्भावस्था के दौरान गैस की परेशानी ठीक होती है। ध्यान रखें इसका ज्यादा सेवन न करें इससे शरीर में शुगर की कमी हो सकती है।
एक कप पानी में एक नींबू का रस और एक चम्मच तक बेकिंग सोडा मिक्स करें। पानी में जब बेकिंग सोडा अच्छी तरह से मिल जाए तब इस पानी को पी लें। इससे भी गैस की परेशानी कम होती है।
वैसे तो प्रेग्नेंसी में डेयरी प्रोडक्ट खाने से समस्या नहीं होती है लेकिन जिन महिलाओं को गैस की समस्या होती है उन्हें डेयरी प्रोडक्ट लेने से बचना चाहिए। रात में डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करने से गैस की समस्या हो सकती है। लैक्टोज युक्त डायट भी कई बार गैर बनने का कारण बन सकती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
गैस बनना हमेशा मजाक का विषय नहीं होता। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बॉडी में कोई गंभीर परेशानी तो नहीं हो रही है। अगर आपको गैस बनने के साथ लगातार 30 मिनिट तक लगातार पेट में दर्द हो रहा है या एक हफ्ते से ज्यादा समय से कब्ज की परेशानी है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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अगर ऐसा नहीं है तो ऊपर बताए गए उपायों में से किसी को चुनें और उसका उपयोग जारी रखें क्योंकि हर काम में निरंतरता जरूरी है।
हमें उम्मीद है कि प्रेग्नेंसी के दौरान गैस बनने का कारण और उसके घरेलू उपायों पर आधारित लेख आपको पसंद आया होगा। प्रेग्नेंसी के दौरान गैस की समस्या सामान्य होती हैं लेकिन, अगर यही परेशानी बढ़ती चले जाए तो गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए ही नुकसानदायक हो सकती है। किसी प्रकार के सवाल का जवाब जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना सही होता है।
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