ब्लैडर कैंसर (Bladder cancer) जैसी कोई बीमारी होने पर यह जरूरी हो जाता है कि व्यक्ति ऐसी चीजों को अपनाएं जिससे खुद का ख्याल ज्यादा अच्छी तरह से रखा जा सके। इसी में से एक है ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet)। ब्लैडर कैंसर डायट को निर्धारित करने में कई फैक्टर्स की भूमिका अहम होती है। अगर मरीज को थकान और दूसरे लक्षणों का अनुभव होता है तो अच्छी तरह से खाना मुश्किल हो जाता है और पहले की तरह भोजन करना भी मुश्किल होता है। ऐसे में डायट में हेल्थ को सपोर्ट करने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का शामिल होना जरूरी है।
ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet)
ब्लैडर कैंसर के इलाज या रोकथाम के लिए किसी विशेष प्रकार की डायट रिकमंड नहीं की गई है। हालांकि कुछ रिसर्च में ये सामने आया है कि कुछ डायट्री पैटर्न ब्लैडर कैंसर के रिस्क और अन्य कैंसरस के रिस्क को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक इटालियन केस कंट्रोल स्टडी में मेडिटेरिनियन डायट को ब्लैडर कैंसर के रिस्क को कम करने वाला बताया है।
यह डायट पोषक तत्व से भरपूर है जिसमें सब्जियों, फलों, फलियों और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। इसमें हेल्दी फैट्स जैसे कि मछली, नट, बीज और जैतून का तेल भी शामिल है। चलिए इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
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ब्लैडर कैंसर डायट में किन फूड्स को करें शामिल? (Which foods should be included in the bladder cancer diet?)
कई अध्ययनों में पता लगाया गया है कि क्या विशिष्ट खाद्य पदार्थ ब्लैडर कैंसर से लड़ सकते हैं। कोई निर्णायक परिणाम नहीं मिले हैं, लेकिन कुछ शोधों से पता चला है कि विशिष्ट खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से एंटीऑक्सिडेंट में उच्च, कैंसर विरोधी प्रभाव डाल सकते हैं। अभी के लिए, एक स्वस्थ, संतुलित आहार का सेवन करने की सिफारिश की गई है, जो कैंसर की पुनरावृत्ति और मृत्यु के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। ऐसे आहार में निम्न फूड्स को शामिल करना चाहिए।
सब्जियां और फल (Vegetables and fruits)
ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) में सब्जियों और फलों को शामिल करना इसलिए जरूरी है क्योंकि सब्जियां और फल विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। ब्रोकली, केल और ब्रसल्स स्प्राउट्स जैसी क्रूसिफेरस सब्जियां अच्छी हो सकती हैं क्योंकि वे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती हैं। जामुन और खट्टे फल भी इसी वजह से अच्छे विकल्प हैं।
सब्जियां और फल फायबर भी प्रदान करते हैं, जो कब्ज होने पर मददगार हो सकते हैं। फायबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ (Protein sources)
ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) में शामिल पर्याप्त प्रोटीन मांसपेशियों को बनाए रखने और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है। प्रोटीन स्रोतों में मांस, चिकन, मछली, अंडे, बीन्स, दाल, सोया उत्पाद, नट, बीज और डेयरी शामिल हैं। सभी भोजन और नाश्ते के साथ प्रोटीन सोर्स को शामिल करने का प्रयास करें।
हेल्दी फैट्स (Health fats)
ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) में हेल्दी फैट्स का होना भी उतना ही जरूरी है। फैट्स भोजन के स्वाद और बनावट (Texture) में सुधार करते हैं। हमारे शरीर को कुछ विटामिनों को अवशोषित करने, हॉर्मोन का उत्पादन करने और पूरे शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करने के लिए फैट की आवश्यकता होती है। हेल्दी फैट के सोर्स में मछली, एवोकाडो, नट्स, बीज, जैतून और जैतून के तेल शामिल हैं।
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साबुत अनाज (Whole grains)
साबुत अनाज ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें बहुत अधिक प्रोसेस्ड नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि उनमें अभी भी अधिकांश पोषक तत्व और फायबर होते हैं। आपके द्वारा खरीदे जा रहे फूड प्रोडक्ट्स की इंग्रीडिएंट लिस्ट में पहले इंग्रीडिएंट के रूप में “साबुत अनाज” देखें। ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) में ऐसे फूड्स को जरूर शामिल करें।
क्या ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) में शामिल करना चाहिए ग्रीन टी?
ग्रीन टी का हमारी हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है इसको लेकर रिसर्च जारी है। शोधकर्ता ग्रीन टी में इसलिए रूचि ले रहे हैं क्योंकि इसमें पॉलीफेनॉल्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह वह कंपाउंड है जो कुछ प्लांट्स में होता है और इसके कुछ फायदे होते हैं। कुछ शोध इस बात का समर्थन करते हैं कि पॉलीफेनोल्स ब्लैडर के कैंसर सहित कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
वे हृदय रोग को भी कम कर सकते हैं या उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम कर सकते हैं, लेकिन अभी पॉलीफेनोल्स के प्रभावों के बारे में जानने और समझने के लिए बहुत कुछ है। 2012 के एक मेटा-विश्लेषण ने पता लगाया कि क्या चाय पीने से मनुष्यों में ब्लैडर कैंसर से बचाव होता है और कोई सबूत नहीं मिला कि यह मदद करता है। उन लोगों के लिए जो चाय पसंद नहीं करते हैं, मूत्राशय के कैंसर से लड़ने के लिए इसे पीने की सिफारिश करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
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ब्लैडर कैंसर डायट में कुछ सप्लिमेंट्स को शामिल किया जा सकता है? (What Supplements Can Be Included in a Bladder Cancer Diet?)
मरीज की हेल्थ के अनुसार डॉक्टर कुछ सप्लिमेंट्स को रिकमंड कर सकते हैं। अगर मरीज को लगातार थकान का अनुभव होता है तो डॉक्टर विटामिन बी 12 और आयरन के लेवल को चेक कर सकते हैं। कई बार कैंसर ट्रीटमेंट की वजह से भी थकान महसूस होती है। स्थिति तब और भी बिगड़ सकती है जब आयरन और बी 12 का लेवल ब्लड में कम हो। ऐसे में सप्लिमेंट्ल लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
यदि आपको कोई संक्रमण है और आपको एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता है, तो बाद में प्रोबायोटिक्स लेने से मदद मिल सकती है। हमारा शरीर खरबों बैक्टीरिया का घर है, जिनमें से कई पाचन तंत्र में रहते हैं। एंटीबायोटिक्स महत्वपूर्ण दवाएं हैं क्योंकि वे हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करती हैं। दुर्भाग्य से, वे कुछ अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें
सप्लिमेंट्स जो मददगार हो सकते हैं उनकी जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। मूत्राशय के कैंसर वाले कुछ लोगों के लिए कुछ प्रकार के प्रोबायोटिक्स सुरक्षित नहीं हो सकते हैं, इसलिए प्रोबायोटिक्स का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। कैंसर के उपचार से शरीर में विटामिन डी और फोलेट सहित अन्य पोषक तत्व कम हो सकते हैं। ऐसे में क्या सप्लिमेंट्स लेना चाहिए इसके बारे में भी डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) में किन चीजों को खाना या पीना अवॉइड करना चाहिए?
पीने के पानी में आर्सेनिक (Arsenic) और ब्लैडर कैंसर के बीच गहरा संबंध है। पानी की आपूर्ति में आर्सेनिक के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में ब्लैडर कैंसर की उच्च दर होती है। आर्सेनिक कुछ क्षेत्रों में स्वाभाविक रूप से हो सकता है या उद्योग या कृषि गतिविधियों से आ सकता है।
यदि आप कुएं के पानी का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि वर्ष में कम से कम एक बार इसका परीक्षण किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आर्सेनिक के स्तर से कोई समस्या तो नहीं है। पानी को पीने के लिए सुरक्षित बनाने के लिए आपके पानी की आपूर्ति से आर्सेनिक को हटाने के लिए उपचार मौजूद हैं।
प्रोसेस्ड फूड्स से बचें (Avoid Processed foods)
रिसर्च के एक अन्य क्षेत्र में कैंसर के जोखिम में रेड मीट की संभावित भूमिका है, विशेष रूप से प्रोसेस्ड रेड मीट। 2018 के मेटा एनालिसिस ने उन लोगों में मूत्राशय के कैंसर का एक उच्च जोखिम दिखाया जो अधिक प्रोसेस्ड रेड मीट खाते हैं। रिचर्स ने पश्चिमी प्रकार के आहारों को मूत्राशय के कैंसर की पुनरावृत्ति के बढ़ते जोखिम से भी जोड़ा है।
पश्चिमी आहार पद्धति में अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड्स खाए जाते हैं और फलों और सब्जियों को कम शामिल किया जाता है। अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से बचना चाहिए और फल और सब्जियों को डायट में जरूर शामिल करना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको ब्लैडर कैंसर डायट (Bladder cancer diet) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।