कोलन कैंसर (Colon cancer) के लक्षण क्या हैं?
अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों को यह पता भी नहीं होता है कि उन्हें कोलन कैंसर (Colon cancer) है, क्योंकि इसके लक्षण भी अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) के जैसे होते हैं। लेकिन, इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। जानिए क्या हैं इसके सामान्य लक्षण:
अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बारे में जानकारी के साथ ही यह भी जान लें कि कोलन कैंसर का निदान कैसे किया जा सकता है?
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कैसे हो सकता है कोलन कैंसर (Colon cancer) का निदान?
अगर किसी व्यक्ति में कोलन कैंसर (Colon cancer) का निदान जल्दी हो जाता है, तो इसका उपचार करना आसान है। अगर यह समस्या गंभीर है और अधिक समय तक रहती है, तो आपको कई बार टेस्ट्स के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है। इसके लिए कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) सबसे सामान्य टेस्ट है। इससे सस्पीशियस टिश्यू और सेल्स का निदान उनके कैंसर बनने से पहले निदान हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति में इस कैंसर के लक्षण आठ से अधिक सालों तक हो, तो उन्हें हर एक या दो साल में इस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।
इसके साथ ही डॉक्टर इंफ्लेमेशन को मैनेज करने के अन्य तरीकों को सुझा सकते हैं। इससे उन्हें कैंसर के अर्ली लक्षणों को डिटेक्ट करने में मदद मिल सकती है। इसमें जेनेटिक्स भी मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए, अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या है, तो डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताएं। अब जानते हैं कि इसके रिस्क को कैसे कम किया जा सकता है?
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कोलन कैंसर (Colon cancer) का रिस्क कैसे कम कर सकते हैं?
ऐसी कई चीजें हैं जिनसे कोलन कैंसर (Colon cancer) के डेवलप होने की संभावना कम कम किया जा सकता है। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से:
- अपने डॉक्टर से कुछ दवाइयों के बारे में बात करें जैसे सल्फेसेलेजिन (sulfasalazine), वेडोलिज़ुमाब (vedolizumab) या मेसालामाइन (Mesalamine) आदि। यह ड्रग्स अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) को मैनेज करने में मददगार है। इसके साथ ही इनसे कोलन कैंसर का जोखिम भी कम होने में सहायता मिलती है। अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार कोलन कैंसर इंफ्लेमेशन को मैनेज करने के लिए सही दवाइयों को लें।
- अगर आपके किसी फॅमिली मेंबर को कोलन कैंसर (Colon cancer) है, तो इस बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं।
- अधिक से अधिक फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड, अधिक नमक या चीनी वाले आहार का सेवन करने से बचें।
- एल्कोहॉल को कम मात्रा में लें। क्योंकि, इससे भी इस समस्या का रिस्क बढ़ सकता है। इसके बारे में डॉक्टर से बात अवश्य करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें या वॉक करें। इससे आपको अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) को मैनेज करने के साथ ही संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में भी मदद मिल सकती है।
उम्मीद है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) से पीड़ित लोगों को कोलन कैंसर (Colon cancer) होने की संभावना अधिक रहती है। इस रिस्क को कई फैक्टर्स प्रभावित कर सकते हैं जैसे कितने देर से किसी व्यक्ति को यह परेशानी है और डैमेज कितना गंभीर है। इसके साथ ही कोलन में इंफ्लेमेशन को मैनेज करने के लिए कई ट्रीटमेंट ऑप्शंस भी मौजूद हैं। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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