बायीं तरफा कोलाइटिस- इसमें सूजन सिग्मॉइड कोलोन (sigmoid colon) के सबसे नीचे की ओर से लेकर रेक्टम तक हो सकता है। इसके लक्षणों में शामिल है दस्त में खून आना, पेट में ऐंठन, पेट के बाईं ओर दर्द और बार-बार मल त्यागने की तीव्र इच्छा।
पैनकोलाइटिस- यह स्थिति पूरे सिग्मॉइड कोलोन (sigmoid colon) को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से दस्त में अधिक खून आता है, पेट में ऐंठन (abdominal crap) व दर्द, थकान और वजन कम होने जैसे गंभीर लक्षण दिखते हैं।
बच्चों में अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण (ulcerative colitis reason)
बच्चों के आंत में सूजन की समस्या क्यों होती है, एक्सपर्ट्स इसके सही कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस या बैक्टीरिया जाने के परिणास्वरूप आंत में सूजन हो सकती है। कुछ विशेषज्ञ इसके लिए कमजोर इम्यूनिटी (weak immunity) को जिम्मेदार ठहराते हैं जो वायरस या बैक्टीरिया से लड़ नहीं पाता है। इसके अलावा यदि परिवार में किसी को अल्सरेटिव कोलाइटिस है तो बच्चों में अल्सरेटिव कोलाइटिस की संभावना अधिक होती है।
बच्चों में अल्सरेटिव कोलाइटिस का निदान (Diagnosing ulcerative colitis)
इस समस्या के निदान के लिए कोई एक टेस्ट नहीं है। हालांकि, डॉक्टर बच्चों में अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे लक्षणों के लिए जिम्मेदार अन्य स्वास्थ्य स्थितियों का पता लगाने के लिए कई टेस्ट कर सकता है। शारीरिक परीक्षण के साथ ही वह बच्चे क लक्षणों के बारे में पूछता है। वह आपसे पूछ सकता है कि बच्चे क लक्षण कब गंभीर हो जाते हैं और कितनी देर में सामान्य होते हैं। इसके अलावा वह कुछ टेस्ट की भी सलाह दे सकता है जैसे- ब्लड टेस्ट (blood tests) जिसमें यह चेक किया जाता है रेड ब्लड सेल्स (red blood cell) का स्तर कम तो नहीं है, जो एनीमिया का संकेत देता है। इसका अलावा व्हाइट ब्लड सेल्स के स्तर की भी जांच की जाती है कि कहीं यह अधिक तो नहीं है जो इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्या की वजह से हो सकता है। मल में खून, बैक्टीरिया व पैरासाइट की जांच के लिए स्टूल सैंपल टेस्ट भी किया जा सकता है।
सूजन के संकेतों का पता लगाने के लिए कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) जिसे अपर या लोअर एंडोस्कोपी भी कहते हैं, की जा सकती है। कुछ मामलों में डॉक्टर बायोप्सी (biopsy) भी कर सकता है।
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बच्चों में अल्सरेटिव कोलाइटिस का इलाज (ulcerative colitis treatment)

आंत में सूजन का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे में यह कितना गंभीर है। बड़ों में आमतौर पर इसका उपचार खास तरह के एनीमा (enema) से किया जाता है जिसमें दवा होती है। हालांकि बच्चों तो एनीमा नहीं दिया जाता है, क्योंकि वह इसे सहन नहीं कर सकतें। जो बच्चे दवा खा सकते हैं बच्चों में अल्सरेटिव कोलाइटिस के उपचार में शामिल है-
- आंत की सूजन ( को कम करने के लिए अमीनोसैलिसलेट्स (aminosalicylates)
- इम्यून सिस्टम (immune system) को आंत पर हमला करने से रोकने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids) दिया जा सकता है
- सूजन के परिणामस्वरूप शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया को कम करने के लिए इम्यूनोमॉड्यूलेटर्स (immunomodulators) या TNF- अल्फा ब्लॉकिंग एजेंट दिया जाता है।
यदि ऊपर बताए गए इलाज से बच्चे के लक्षणों में सुधार नहीं होता है या वह और खराब हो जाते हैं तो डॉक्टर सर्जरी (surgery) की सलाह दे सकता है, जिसमें आंत के प्रभावित हिस्से को हटाया जाता है।
वैसे तो पूरी आंत या उसके कुछ हिस्से के हटाने पर बच्चा सामान्य जिंदगी तो जी सकता है, लेकिन इसका असर उसके पाचन पर बहुत गंभीर होता है। इतना ही नहीं आंत के प्रभावित हिस्से को हटाने के बावजूद भविष्य में दूसरे हिस्से में अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) हो सकता है। आमतौर पर निम्न स्थितियों में सर्जरी की सलाह दी जाती है-