हृदय स्वास्थ्य
करक्यूमिन के एंटीऑक्सिडेंट थ्रोम्बोटिक गुणों के कारण, हल्दी का उपयोग हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। बहुत कम शिशुओं में हृदय संबंधी समस्या होती है। इसलिए इसके उपयोग की आवश्यकता कम होती है। लेकिन हृदय संबंधी रोगियों के लिए यह उपयोगी हो सकता है।
पेट का कीड़ा
बच्चों में हल्दी के सेवन से पेट के कीड़े से राहत मिल सकती है। हल्दी को शहद में मिलाकर बच्चे को देने से पेट के कीड़ों से छुटकारा मिल सकता है।
शार्प माइंड
कई शोध से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से हल्दी का सेवन करते हैं उनका दिमाग बहुत तेज होता है। उनकी सोचने-समझने की शक्ति बहुत तेज होती है। हल्दी बच्चों के विकासशील मस्तिष्क को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
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बुखार
शिशुओं के लिए हल्दी के फायदे बुखार से राहत दिलाने में भी मददगार होते हैं। यदि आपके बच्चे को ठंड या कंपकपी वाला बुखार हुआ है, तो आप एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी का पाउडर व एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर अपने बच्चे को पिलाए। इससे बुखार जल्द ही उतर जाएगा।
स्किनकेयर
कई अध्ययनों से पता चलता हैं कि हल्दी के मौखिक और सामयिक उपयोग से त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। हल्दी शिशओं के त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल
यदि आप लंबे समय तक हल्दी का नियमित रूप से उपयोग करते हैं, तो इससे कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स की समस्या कम हो सकती है। हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि क्या ये गुण किसी बच्चे को फायदा पहुंचा सकते हैं?
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बाहरी चोट में हल्दी का उपयोग
यदि कहीं गिरने या किसी भी चीज से बच्चों को चोट लग जाती है, तो हल्दी को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से चोट जल्दी ठीक हो जाता है। इससे ब्लड क्लॉट नहीं बनता है। चोट के दर्द से भी जल्दी राहत मिल जाता है।
दर्द कम करने में मददगार
हल्दी का मौखिक और सामयिक उपयोग प्रभावी दर्द प्रबंधन के साथ जुड़ा हुआ है। पूराने समय में चिकित्सा में, इसका उपयोग गठिया और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है। करक्यूमिन, हल्दी के पीले रंग का बायोएक्टिव यौगिक है जो मसाले को प्राकृतिक दर्द निवारक गुण देता है। जिसे दर्द में कमी आती है। हल्दी का सेवन करने से शिशुओं को दर्द से राहत मिलने में मदद मिलती है।
शिशुओं में हल्दी का उपयोग करते समय सावधानी
आप जानते होंगे हर चीज के दो पहलू होते हैं। जहां इसके अनगिनत फायदे हो सकते हैं, तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जो इस प्रकार से हैं-
- वैसे तो हल्दी के एलर्जी शायद ही देखें गए हो। लेकिन कुछ संवेदनशील बच्चों में हल्दी से एलर्जी हो सकती है। तो संवेदनशील बच्चों में इसके प्रय़ोग से पहले सतर्क रहना चाहिए। यदि आपके बच्चे में एलर्जी के लक्षण दिखाई देते है, तो हल्दी युक्त किसी भी उत्पाद का उपयोग करने से बचें।
- किसी ट्रस्टेड ब्रांड के हल्दी पाउडर का उपयोग करें।
- यदि संभव हो तो, होममेड पाउडर का उपयोग करे।
- हल्दी का प्रयोग कम मात्रा में ही करें।
- बिना चिकित्सक सलाह के किसी दवा या हर्बल के साथ हल्दी का उपयोग करने से बचे।
- बच्चों में अधिक मात्रा में हल्दी से हेपेटोटॉक्सिसिटी हो सकती है, इस स्थिति में लिवर को नुकसान पहुंचता है।
- बच्चों की आंख के अंदर हल्दी का उपयोग न करें।
उपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपाय का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।