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Myocardial ischemia: हार्ट मसल्स की कमजोरी के कारण ब्लड पंपिंग में होती है समस्या!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/06/2022

    Myocardial ischemia: हार्ट मसल्स की कमजोरी के कारण ब्लड पंपिंग में होती है समस्या!

    हार्ट का हमारे शरीर की क्रियाप्रणाली में अहम योगदान होता है। पूरे शरीर को ब्लड पंप करने में हार्ट महत्वूर्ण भूमिका निभाता है। अगर किसी कारण से ब्लॉकेज की समस्या हो जाए या प्लाक का निर्माण हो जाए, तो हार्ट का काम करना मुश्किल हो जाता है। मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) की समस्या तब होती है, जब हार्ट में ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इस कारण से हार्ट मसल्स में कम मात्रा में ऑक्सीजन रिसीव हो पाता है। कम ब्लड फ्लो के कारण पार्सियल या फिर कम्प्लीट हार्ट आर्टरीज ब्लॉकेज की समस्या बढ़ जाती है। मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) को कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia) भी कहते हैं। कार्डियक इस्कीमिया के कारण सीरियस एब्नॉर्मल हार्ट रिदम ( Serious abnormal heart rhythms) की समस्या हो जाती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) के बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि क्या सावधानियां रखी जा सकती हैं।

    मायोकार्डियल इस्कीमिया के लक्षण (Myocardial ischemia symptoms )

    मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia)

    मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) या फिर कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia) की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) होने पर शरीर के लेफ्ट साइड में छाती में दर्द की समस्या हो सकती है। वैसे तो जरूरी नहीं है कि कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia) के लक्षण दिखाई दें लेकिन डायबिटीज पेशेंट्स, बूढ़े व्यक्तियों में बीमारी के कुछ लक्षण दिख सकते हैं। जानिए मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) के लक्षणों के बारे में।

  • नेक या जबड़े में दर्द (Neck or jaw pain)
  • शोल्डर या आर्म में दर्द (Shoulder or arm pain)
  • हार्टबीट का तेज होना (A fast heartbeat)
  • फिजिकल एक्टिविटी के दौरान सांस लेने में समस्या
  • मतली और उल्टी (Nausea and vomiting)
  • पसीना आना (Sweating)
  • थकान (Fatigue)
  • अगर आपको उपरोक्त दिए गए लक्षणों का अनुभव हो रहा रहै, तो डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात करें। आप जितनी जल्दी बीमारी का इलाज कराएंगे, आपको उतनी ही जल्दी समस्या से राहत मिल जाएगी और साथ ही बड़ी समस्या से भी बच जाएंगे।

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    कार्डियक इस्कीमिया के कारण (Cardiac ischemia Causes)

    कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia) या मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) की समस्या जब पैदा होती है, जब एक या अधिक कोरोनरी आर्टरीज में ब्लड फ्लो की मात्रा कम हो जाती है। लो ब्लड फ्लो के कारण हार्ट मसल्स पूर्ण रूप से ऑक्सीजन प्राप्त नहीं कर पाती हैं। कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia) की स्थिति धीरे-धीरे पैदा होती है और आर्टरी ब्लॉक होना शुरू हो जाती हैं। कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia) के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जानिए कुछ कारणों के बारे में।

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) या एथेरोस्क्लेरोसिस

    मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia)

    आर्टरीज वॉल में प्लाक कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)  के कारण बन जाती है और ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) का मुख्य कारण एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) को माना जाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) ब्लड वैसल्स से जुड़ी एक कंडीशन हैं जिसमें ब्लड को बॉडी में ले जाने वाली ब्लड वैसल्स मोटी हो जाती हैं और ब्लड पंपिंग में अवरोध पैदा करती है।

    ब्लड क्लॉट के कारण मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia due to blood clot)

    एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की समस्या में प्लाक का निर्माण होता है, जो रप्चर हो सकता है। इस कारण से ब्लड क्लॉट (Blood clot) की स्थिति पैदा हो जाती है। ब्लड क्लॉट आर्टरी को ब्लॉक करने का काम करता है और गंभीर मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) या कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia)  की कंडीशन पैदा कर सकता है। इस कारण से हार्ट अटैक की स्थिति भी पैदा हो सकती है। कई बार ब्लड क्लॉट शरीर के विभिन्न हिस्से से भी कोरोनरी आर्टरीज में पहुंच सकता है और ब्लॉकेज की समस्या पैदा कर सकता है।

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    कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म (Coronary artery spasm)

    आर्टरी वॉल में कुछ समय के लिए या फिर टेम्परेरी टाइटनिंग या फिर कसाव की स्थिति पैदा हो सकती है। इस कारण से हार्ट मसल्स में ब्लड फ्लो ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म के कारण भी मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) या कार्डियक इस्कीमिया (Cardiac ischemia)  की कंडीशन पैदा हो सकती है।

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    मायोकार्डियल इस्कीमिया से जुड़े रिस्क फैक्टर ( Risk factors associated with Myocardial ischemia)

    मायोकार्डियल इस्कीमिया से कई जोखिम जुड़े हुए हैं। यहां हम आपको कुछ जोखिमों के बारे में बता रहे हैं।

    • जो लोग अधिक मात्रा में तंम्बाकू का सेवन करते हैं या स्मोकिंग करते हैं, उनकी आर्टरी की अंदर की वॉल डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है।
    • टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) और टाइप 2 डायबिटीज  (Type 2 diabetes) भी मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) के रिस्क को बढ़ाने का काम करती है।
    • जिन लोगों को हमेशा हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या रहती है, उनमें भी कोरोनरी आर्टरीज के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। हाय ब्लड कोलेस्ट्रॉल भी आर्टरी को नैरो करने में अहम भूमिका निभाता है।
    • जो लोग मोटे होते हैं, उनमें भी हार्ट संबंधी समस्या का रिस्क बढ़ जाता है।

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    मायोकार्डियल इस्कीमिया का डायग्नोसिस (Diagnosis of myocardial ischemia)

    मायोकार्डियल इस्कीमिया को डायग्नोज करने से पहले डॉक्टर पेशेंट से बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी लेते हैं। फिर एक बार शारीरिक परिक्षण भी करते हैं। डॉक्टर आपसे फैमिली में किसी बीमारी की हिस्ट्री को लेकर भी जानकारी ले सकते हैं। फिर डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं, जिससे हार्ट में होने वाली समस्या के बारे में जानकारी मिलती है।डॉक्टर बीमारी को डायग्नोज करने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram), स्ट्रेस टेस्ट, इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram), न्यूक्लियर स्ट्रेस टेस्ट (Nuclear stress test) (Coronary angiography) या फिर कार्डियक सीटी स्कैन (Cardiac CT scan) कर सकते हैं।

    मायोकार्डियल इस्कीमिया से कैसे करते हैं बचाव?

    मायोकार्डियल इस्कीमिया अचानक से पैदा हुई कंडीशन नहीं है। हाय ब्लड प्रेशर के साथ ही हाय कोलेस्ट्रॉल आदि इस कंडीशन को जन्म देते हैं। अगर लाइफस्टाइम में सुधार न किया जाए या फिर खानपान में खराब फैट को शामिल किया जाए, तो इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। रोजाना एक्सरसाइज (Daily exercise), खानपान में पौष्टिक आहार का सेवन, एल्कोहॉल और स्मोकिंग से दूरी बनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। अगर आपको बीमारी के कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से जांच करानी चाहिए और साथ ही ट्रीटमेंट भी कराना चाहिए। डॉक्टर लक्षणों तो जानने के बाद कुछ टेस्ट कराने की सलाह भी देते हैं और फिक ट्रीटमेंट शुरू करते हैं।डॉक्टर हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए मेडिसिंस देते हैं।

    डॉक्टर मेडिकेशन में एस्पिरिन (Aspirin), नाइट्रेट्स (Nitrates), बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers), कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers), ब्लड वैसल्स को रिलेक्स करने और ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम (Angiotensin-converting enzyme (ACE) inhibitors) लेने की सलाह दे सकते हैं। आपको डॉक्टर से बिना परामर्श किए मेडिसिंस नहीं खानी चाहिए।

    हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको मायोकार्डियल इस्कीमिया (Myocardial ischemia) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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