कोविड-19 वैक्सीन के बाद हार्ट इंफ्लेमेशन का रिस्क (Heart inflammation risk after COVID-19 vaccine): कितना गंभीर है जानिए
ऐसा पाया गया है कि हार्ट इंफ्लेमेशन यानी मायोकार्डिटिस (Myocarditis) के अस्सी प्रतिशत मामले (जो कोविड-19 या कोविड-19 वैक्सीनेशन से संबंधित नहीं होते हैं) खुद ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन, निदान के एक साल के अंदर पांच प्रतिशत रोगियों में मृत्यु या हार्ट ट्रांसप्लांट की संभावना बढ़ जाती है। कोविड-19 के कारण जिन वयस्कों में मायोकार्डिटिस विकसित होता है, उनमें नॉन-मायोकार्डिटिस मामलों की तुलना में खराब परिणाम पाए गए हैं, जिसमें मृत्यु का हाय रिस्क भी शामिल है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि SARS-CoV-2 संक्रमण से जुड़ा मायोकार्डिटिस, कोविड-19 से जुड़ी कई हृदय स्थितियों में से एक है, जिसके परिणाम नॉन-कोविड-19 मामलों से भी बदतर हैं।
ऐसे ही कोविड-19 के बाद हार्ट इंफ्लेमेशन के अधिकतर मामलों में यह समस्याएं माइल्ड होती है और खुद ही रिजॉल्व हो जाती हैं। वयस्कों में, इसके 95 प्रतिशत मामलों को हल्के माना जाता था। इसी तरह, बच्चों में यह मामले 98.6 प्रतिशत हल्के होते हैं, और उन्हें मैकेनिकल हार्ट सपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह तो थी जानकारी कोविड-19 वैक्सीन के बाद हार्ट इंफ्लेमेशन का रिस्क (Heart inflammation risk after COVID-19 vaccine) क्या है, इस बारे में। अब जानते हैं कि हार्ट इंफ्लेमेशन के निदान कैसे किया जा सकता है?
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हार्ट इंफ्लेमेशन (Heart inflammation) का निदान कैसे हो सकता है?
हालांकि, कोविड-19 की वैक्सीन के बाद हार्ट इंफ्लेमेशन की संभावना बहुत कम है। यही नहीं, अगर किसी को यह समस्या होती भी है तो यह अधिक गंभीर नहीं होते हैं। लेकिन, अगर इसका निदान जल्दी हो जाए, तो प्रॉपर ट्रीटमेंट संभव है। इसके निदान के लिए लक्षणों को पहचानना जरूरी है। इसके साथ ही डॉक्टर इन टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं:
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram): इस टेस्ट को हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिग्नल और हार्ट रेट को चेक करने के लिए किया जाता है।
- मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging): इस टेस्ट में शरीर में भीतर की तस्वीर लेने के लिए मैग्नेट का इस्तेमाल किया जाता है।
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram). : इस टेस्ट में साउंड वेव का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि जाना जा सके कि हार्ट मसल्स इंफ्लेम्ड हैं या नहीं और सही से काम कर रही हैं या नहीं।
- ब्लड टेस्ट्स (Blood tests)
- चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)