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बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial endocarditis): हार्ट में होने वाला ये इंफेक्शन हो सकता है जानलेवा!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial endocarditis): हार्ट में होने वाला ये इंफेक्शन हो सकता है जानलेवा!

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial Endocarditis) इनर हार्ट लेयर या हार्ट वाल्व (Heart Valve) पर होने वाला इंफेक्शन है। हार्ट में 4 वाल्व होते हैं। ये वाल्व ब्लड को हार्ट, लंग्स और पूरी बॉडी में फ्लो करने में मदद करते हैं। जब व्यक्ति को बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस होता है तो ये वाल्व उचित प्रकार से काम करने में सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे में हार्ट को ब्लड को बॉडी में फ्लो करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। कई बार हार्ट पर्याप्त मात्रा में ब्लड को पंप नहीं कर पाता। बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial Endocarditis) एक सीरियस कंडिशन है। जिसके कारण कई बार मौत तक हो सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण और इससे जुड़े सभी बातों को समझेंगे ।

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) बैक्टीरिया सेल्स और ब्लड में मौजूद दूसरी चीजों से जुड़ जाते हैं। ये बॉडी के दूसरे पार्ट्स में ट्रैवल कर सकते हैं और परेशानी का कारण बन सकते हैं। वयस्कों में बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक कॉमन है। हार्ट से संबंधित किसी प्रकार की कोई परेशानी न होने पर इसका रिस्क बहुत कम होता है। यह उन लोगों में आम है जिन्हें हार्ट से संबंधित कोई परेशानी या कोई रिस्क फैक्टर्स होते हैं।

    कुछ मामलों में इसके लक्षण अचानक दिखाई देने लगते हैं और ये सीवियर हो सकते हैं। इसे एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (acute bacterial endocarditis) कहते हैं। अगर दूसरे मामलों यह धीरे-धीरे होता है और इसके लक्षण सीवियर होते हैं तो इसे सबएक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (subacute bacterial endocarditis) कहा जाता है।

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    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Bacterial Endocarditis)

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के लक्षण (Bacterial Endocarditis symptoms) अचानक दिखाई देते हैं और ये सीवियर भी हो सकते हैं या वे धीरे-धीरे डेवलप होने के साथ ही कम सीवियर भी हो सकते हैं। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं।

    • बुखार और ठंड लगना
    • रात को पसीना आना
    • थकान
    • मसल्स और जॉइंट में दर्द
    • किसी गतिविधि के दौरान सांस लेने में तकलीफ होना
    • लेटते वक्त सांस लेने में तकलीफ होना
    • कफ की समस्या
    • जी मिचलाना
    • उल्टी होना
    • सिर में दर्द
    • यूरिन में ब्लड आना
    • पंजों, पैरों और पेट के निचले हिस्से में सूजन होना
    • वजन बढ़ना
    • त्वचा में होने वाले असामान्य बदलाव जैसे उंगलियों और अंगूठे पर लाल कलर के बंप
    • स्किन, आंखों और मुंह के अंदर लाल रंग के स्पॉट्स होना

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण क्या हैं? (Bacterial endocarditis Causes)

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Bacterial Endocarditis Causes)

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) बैक्टीरिया हैं। बता दें कि कुछ प्रकार के बैक्टीरिया (Bacteria) बॉडी में सामान्य रूप से रहते हैं। ये मुंह, रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory system), स्किन और डायजेस्टिव ट्रैक्ट (Digestive tract) में पाए जाते हैं। कई बार ये बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम में पहुंच जाते हैं। ऐसा मेडिकल डेंटल प्रॉसीजर (Medical dental Processor) के बाद हो सकता है। जिसकी वजह से स्किन या टिशूज में कट लग जाता है। जिससे बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम में चले जाते हैं और हार्ट लाइनिंग (Heart lining) या हार्ट वाल्व में सेटल होने का प्रयास करते हैं। बैक्टीरिया का ब्लड में जाने का सबसे सामान्य कारण निम्न हैं

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) सभी प्रकार के बैक्टीरिया नहीं होते, लेकिन दो प्रकार के बैक्टीरिया ज्यादातर बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण बनते हैं। वे हैं स्टेफिलोकोकी (Staphylococci) (staph) और स्ट्रेप्टोकोकी (Streptococci) (strep)। अगर व्यक्ति को हार्ट वॉल्व से जुड़ी कोई परेशानी है तो बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस का रिस्क बढ़ जाता है। इससे बैक्टीरिया को रहने और विकसित होने के लिए आसान जगह मिल जाती है। किसी प्रकार की हार्ट से रिलेटेड बीमारी न होने पर इसका रिस्क काफी कम होता है। बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) जानने के बाद जान लीजिए इसके रिस्क फैक्टर्स।

    और पढ़ें: Heart Valve Stenosis: हार्ट वॉल्व स्टेनोसिस के कारण किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस होने का रिस्क किसको ज्यादा होता है? (Bacterial endocarditis risk factors)

    निम्न हार्ट कंडिशन के साथ इसके होने का रिस्क बढ़ जाता है और ये कंडिशन्स बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) को जन्म देती हैं।

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    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के बारे में पता कैसे लगाया जाता है? (Bacterial endocarditis Diagnosis)

    डॉक्टर लक्षण और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और वे कुछ फिजिकल एग्जाम करेंगे। आपको कुछ टेस्ट कराने की जरूरत हो सकती है। जिसमें निम्न शामिल हैं।

    ईकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)

    इस टेस्ट के जरिए हार्ट के स्ट्रक्चर (Heart structure) का पता लगाने के साथ ही यह कैसे कार्य कर रहा है ये भी पता किया जा सकता है। इस टेस्ट के द्वारा ब्लड फ्लो (Blood flow) के बारे में पता कर लिया जाता है। इसमें साउंड वेव्स के जरिए हार्ट और हार्ट वाल्व की मूविंग पिक्चर ली जाती है। डॉक्टर अलग प्रकार के इकोकार्डियोग्राम का उपयोग एंडोकार्डाइटिस और बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) का पता करने के लिए कर सकते हैं।

    कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete blood count)

    इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर ब्लड में मौजूद सभी प्रकार की कोशिकाओं के बारे में पता लगाता है। जिसमें रेड ब्लड सेल्स (Red blood cells), व्हाइट ब्लड सेल्स (White blood cells) और प्लेटलेट्स शामिल हैं। अगर ब्लड टेस्ट में पता चलता है कि मरीज के ब्लड में बहुत सारी व्हाइट ब्लड सेल्स हैं जो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।  यानी व्हाइट ब्लड सेल्स बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) हो सकती हैं।

    ब्लड कल्चर (Blood Culture)

    इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर ब्लड में इंफेक्शन या किसी प्रकार जर्म के बारे में पता करने की कोशिश करेंगे। ब्लड कल्चर टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर एंटीबायोटिक का एंटीबायोटिक का कॉम्बिनेशन प्रदान करेंगे। इसके अलावा भी कुछ टेस्ट किए जाते हैं:

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Bacterial Endocarditis treatment)

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस  (Bacterial Endocarditis) का इलाज बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) और लक्षणों पर निर्भर करता है। इसके साथ ही मरीज की उम्र और ओवरऑल हेल्थ देखकर भी डॉक्टर ट्रीटमेंट सजेस्ट करते हैं। जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट और हार्ट सर्जन शामिल होते हैं।

    एंटीबायोटिक्स का उपयोग (Antibiotics uses)

    एंटीबायोटिक्स इस कंडिशन का प्रमुख इलाज है। किस प्रकार के एंटीबायोटिक का उपयोग किया जाएगा यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। जिसमें बैक्टीरिया का टाइप, मरीज का हार्ट वाल्व आर्टिफिशियल तो नहीं है जैसे कारण शामिल होते हैं। मरीज को कई हफ्तों तक एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना पड़ सकता है। एंटीबायोटिक्स को आईवी (IV) के जरिए दिया जाता है। इसके लिए मरीज को हॉस्पिटल में एक हफ्ते तक रुकना पड़ सकता है। कुछ समय बाद एंटीबायोटिक्स को मुंह से लिया जा सकता है।

    सर्जरी (Surgery)

    अगर वाल्व का डैमेज (Heart valve damage) सीवियर है तो मरीज को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसके जरिए हार्ट वाल्व को रिपेयर या रिप्लेस किया जाता है। इसके अलावा एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis) को क्लियर करने के लिए भी सर्जरी की जाती है। ऐसा तब होता है जब एंटीबायोटिक्स इंफेक्शन पर ठीक से काम नहीं करती हैं।

    और पढ़ें: डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी ट्रीटमेंट में एसीई इनहिबिटर्स के बारे में जानें यहां!

    क्या बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस को रोका जा सकता है? (Prevention tips for Bacterial Endocarditis)

    बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial Endocarditis) को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ टिप्स मदद सकते हैं। जो निम्न हैं।

    • स्ट्रेप इंफेक्शन (Strep infection) होने पर उसका तुरंत इलाज कराएं। इससे रयूमेटिक हार्ट डिजीज को होने से रोका जा सकता है।
    • आईवी ड्रग्स (IV drugs) का उपयोग न करके इस बीमारी के रिस्क को कम किया जा सकता है।
    • मुंह को साफ और स्वच्छ रखकर भी रिस्क को कम किया जा सकता है।
    • मेडिकल या डेंटल प्रॉसीजर के बाद एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें।
    • ऐसा करने से आर्टिफिशियल हार्ट वाल्व होने पर एंडोकार्डाइटिस का खतरा कम हो जाता है।
    • लगातार बुखार आना, बिना किसी कारण के थकान रहना, किसी प्रकार का स्किन इंफेक्शन, चोट से अच्छी तरह से ठीक न होना ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको ये आटिकल पसंद आया होगा और बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of bacterial endocarditis) और इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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