प्रोबायोटिक्स लाइव माइक्रोऑर्गनिज्म्स को कहा जाता है, जो जिसके कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं। प्रोबायोटिक्स कई तरह के होते हैं। कई लोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन (Gastrointestinal infection) से बचने के लिए बिफडोबैक्टीरियम (Bifidobacterium) का इस्तेमाल करते हैं जो डेयरी और फर्मेन्टेड प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया को रिप्लेनिश (Replenish) करने में मदद करते हैं। वे यीस्ट ओवरग्रोथ के जोखिम को भी कम कर सकते हैं।
एच. पाइलोरी के नेचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment for H. pylori) में दूध (Milk)
लैक्टोफेरिन (Lactoferrin) एक ग्लाइकोप्रोटीन जो दूध में पाया जाता है। यह ग्लायकोप्रोटीन इस इंफेक्शन से राहत पहुंचाने में मददगार है। इसके साथ ही मेलेनोइडिन नाम का कंपाउंड इस बैक्टीरिया के ग्रोथ को रोक सकता है। मेलेनोइडिन वो कंपाउंड है, जो शुगर लैक्टोज और डेयरी उत्पादों व दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन कैसिइन (Casein) के केमिकल रिएक्शन से बनता है। रीसर्च यह बताती हैं कि मेलेनोइडिन एच. पाइलोरी के ग्रोथ को कम कर सकता है।
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फोटोथेरेपी (Phototherapy)
एच. पाइलोरी के नेचुरल ट्रीटमेंट में अगला है फोटोथेरेपी (Phototherapy)। स्टडीज यह बताती हैं कि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी यानी एच. पाइलोरी बैक्टीरिया अल्ट्रावॉयलेट लाइट के प्रति सेंसिटिव होते हैं। फोटोथेरेपी के दौरान, अल्ट्रावॉयलेट लाइट सोर्स पूरे पेट को एलुमिनेट करती है। फोटोथेरेपी से पेट में बैक्टीरिया की संख्या कम होती है। हालांकि, रोशनी के कुछ दिनों बाद बैक्टीरिया फिर से रिपॉपुलेट हो सकते हैं। यह ट्रीटमेंट उन लोगों के लिए बेहद प्रभावी है, जो एंटीबायोटिक्स नहीं ले सकते हैं।
एच. पाइलोरी के नेचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment for H. pylori) में ब्रोकोली स्प्राउट्स (Broccoli sprouts)
ब्रोकोली स्प्राउट्स में पाए जाने वाले एक कंपाउंड को सल्फोराफेन (Sulphoraphane) कहा जाता है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) के अगेंस्ट इस कंपाउंड को प्रभावी माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि इससे गैस्ट्रिक इंफ्लेमेशन कम होती है। यही नहीं, टाइप 2 डायबिटीज और एच. पाइलोरी दोनों समस्याओं से पीड़ित लोगों में ऐसा देखा गया है कि ब्रोकली स्प्राउट पाउडर बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार है और इसने कार्डियोवैस्कुलर रिस्क फैक्टर्स में भी सुधार किया जा सकता है।
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यह तो थी जानकारी एच. पाइलोरी के नेचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment for H. pylori) के बारे में। एच. पाइलोरी एक गंभीर गैस्ट्रिक इंफेक्शन जो कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। किंतु, एच. पाइलोरी का इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। क्योंकि बैक्टीरिया पारंपरिक एंटीबायोटिक दवाओं के लिए रेसिस्टेंट बन गए हैं। ऐसे में कुछ नेचुरल रेमेडीज रोगी के लिए लाभदायक हो सकती हैं। लेकिन इन नेचुरल तरीकों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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