Written by डॉ. ज्ञान चंद्रा · एंडोक्राइनोलॉजी · Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical Sciences
क्या आपको पता है कि हमारे पेट में मौजूद गट बैक्टीरिया भी हायपरटेंशन का कारण बन सकता है। शायद नहीं, अधिकतर लोगों को यह बात पता नहीं होती है, लेकिन यह सच है। गट बैक्टीरिया और ब्लड प्रेशर (Gut bacteria and blood pressure) में बहुत गहरा संबंध है। पेट में मौजूद गट बैक्टीरिया यदि हेल्थ के लिए अच्छे हैं, तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे कि कई लोगों में गट बैक्टीरिया, हाय बीपी का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि गट बैक्टीरिया और ब्लड प्रेशर (Gut bacteria and blood pressure) में क्या संबंध है?
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गट बैक्टीरिया और ब्लड प्रेशर (Gut bacteria and blood pressure) में बहुत गहरा संबंध है। आंत में रहने वाले कुछ प्रकार के बैक्टीरिया भी ब्लड प्रेशर के स्तर (Blood Pressure Level) के अनियमितता का कारण बन सकते हैं। लेकिन जिसके बारे में लोगों को अधिक पता नहीं हाेता है। ये बैक्टीरिया पल्मोनरी आर्टरी हायपरटेंशन के विकास का कारण बन सकते हैं। आंत में पाया जाने वाला बैक्टीरिया ‘माइक्रोबायोटा’ (Microbiota), जो पाचन में मदद करता है, वो पल्मोनरी आर्टरी हायपरटेंशन (Hypertension) को ट्रिगर कर सकता है। कई बार आंतों मेंं रहने वाले बैक्टीरिया में होने वाला परिर्वतन, हापयरटेंशन को जन्म दे सकता है। हालांकि, गट बैक्टीरिया में होने वाले पर्रिवरतनों का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। ये गट बैक्टीरिया हायपरटेंशन के अलावा मोटापे, पार्किंसंस रोग, अवसाद और रक्तचाप जैसी स्थितियों का पैदा कर सकते हैं।
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पल्मोनरी आर्टरी हायपरटेंशन एक ऐसी हेल्थ कंडिशन (Health Condition) है , जहां फेफड़ों को खून की आपूर्ति करने वाली धमनियों में कसाव या संकुचन हाेने लगता है । पल्मोनरी आर्टरी हायपरटेंशन में, फेफड़े की धमनियों पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के कारण, खून की पूर्ति में रूकावट के कारण दबाव हृदय के दाहिनी ओर बढ़ जाता है, जो कि हार्ट फेल्योर या का कारण बन सकता है। इसलिए, इस स्थिति से बचने की जरूरत है कि अपने बीपी का ध्यान रखा जाए।
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आपके फेफड़ों में छोटी धमनियां यानि पल्मोनरी आर्टरी में कसाव या संकुचन आ जाता है, तो यह फेफड़ों के माध्यम से होने वाले खून के बहाव में कठिन बना देती है, जिससे कि फेफड़ों में दबाव बढ़ता है और कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं:
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आंत के बैक्टीरिया में परिवर्तन रक्तचाप को प्रभावित करते हैं, या क्या उच्च रक्तचाप (या इसे उत्पन्न करने वाले कारक) आंत के बैक्टीरिया को बदलते हैं। इसके अलावा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि आंत के बैक्टीरिया (Bacteria) इन परिवर्तनों को कैसे करते हैं। उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ाने वाले कई कारक – जैसे शराब और अधिक नमक वाले भोजन का सेवन आदि हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया पाचन तंत्र के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, यह कोई स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा पोषक तत्व, कुछ रसायनों के साथ, जो बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं। यह भी इसके कारणों में से एक हो सकता है।
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गट बैक्टीरिया और ब्लड प्रेशर के बीच कें संबंध को लेकर कई कुछ शोधकर्ताओं का भी मानना है कि आंत और उच्च रक्तचाप के बीच की एक कड़ी शॉर्ट चेन फैटी एसिड (एससीएफए) हो सकती है। आंत में रहने वाले कुछ बैक्टीरिया इन अणुओं का उत्पादन करते हैं, क्योंकि वे आहार में मौजद फाइबर को पचाने का काम करते हैं। बैक्टीरिया द्वारा सीसीएफए का उत्पादन करने के बाद, मेजबान की रक्त आपूर्ति उन्हें अवशोषित कर लेती है। एससीएफए कई शारीर के और भी कई अंगों काे प्रभावित कर सकता है, जिनमें से एक रक्तचाप प्रतीत होता है।
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हाय बीपी होने पर आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। पल्मोनरी आर्टरी हायपरटेंशन से बचाव के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं।
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तो इस तरह से आपने जाना कि गट बैक्टीरिया और ब्लड प्रेशर (Gut bacteria and blood pressure) में क्या संबंध है। इनके अलावा हाय बीपी की समस्या के और भी कई कारण हो सकते हैं। बीपी की नियमित रूप से जांच और सही समय पर इलाज बहुत जरूरी है। हायपरटेंशन के मरीज को दवाओं के साथ अपने डायट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। गट बैक्टीरिया और ब्लड प्रेशर के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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