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नेचुरल रूप से घटाना है वजन, तो फॉलो करें इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायट, जानिए एक्सपर्ट से

Written by डाॅ. रसिका परब · डायटेटिक्स और न्यूट्रिशन · Fortis Hospital, Mulund


अपडेटेड 20/03/2021

    नेचुरल रूप से घटाना है वजन, तो फॉलो करें इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायट, जानिए एक्सपर्ट से

    सोशल मीडिया आज के समय में किसी जादू की छड़ी से कम नहीं है। यह एक ऐसी दुनियां बन गई हैं, जहां लोगों को अपनी हर समस्या का समाधान मिलने लगा है। फिर वो चाहे सेहत से जुड़ी समस्या हो या निजी रिश्तों में आई खटास को दूर भगाने के उपाय हों। इसी तरह बहुत से लोग सोशल मीडिया के जरिए खुद से अपने डायट प्लान फॉलो करने लगे, जिसमें इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायट प्लान ट्रेंड कर रहा है। जो कुछ लोगों के लिए कारगर साबित होते हैं, लेकिन अधिकतर लोग इसका खामियाजा उठाते हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण होता है अनुभवी सलाहकारों और शोध की कमी।

    आंख मूंद कर कभी न करें डायट प्लान फॉलो

    इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड की एचओडी ऑफ न्यूट्रिशन थेरपी रसिका परब के साथ हैलो स्वास्थ की बातचीत हुई। उन्होनें कहा कि आज के ट्रेंड में लोग वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायट तरीका अपना रहे हैं। जो काफी हद तक बहुत सुरक्षित और सफल भी है। जिसकी सटीक जानकारी हैलो स्वास्थ्य की टीम के साथ फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड की एचओडी ऑफ न्यूट्रिशन थेरपी रसिका परब से साझा की है।

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    एक्सपर्ट बातें, जो आपकी सेहत का रखें ख्याल एकदम मां जैसी

    एचओडी ऑफ न्यूट्रिशन थेरपी रसिका परब का कहना है “इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक तरह से डायट का शेड्यूल है जिसमें थोड़ी-थोड़ी देर में खाना खाया जाता है, इसे ‘इंटरमिटेंट कैलोरी रेस्ट्रिक्शन’ भी कहा जा सकता है। इस दौरान अधिकतर लोग ‘क्या खाना है’ की बजाय ‘कब खाना है’, इस पर ज्यादा ध्यान देते हैं और यही वजह है कि उनके इस शेड्यूल को “डायट” का रूप नहीं माना जा सकता है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि डायट में खाने के पैटर्न या अनुसूची के रूप पर जोर दिया जाता है। किसी भी डायट प्लान में तीन प्रमुख घटक होते हैं- क्या खाना है और क्या नहीं, खाने की गुणवत्ता क्या है और कब खाना है। इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायट शेड्यूल वजन घटाने के लिए ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है। फास्टिंग के दौरान शरीर का फैट कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।”

    रसिका परब आगे कहती हैं “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वजह घटाने के लिए बहुत सारे तरीके उपलब्ध है, ऐेसे लोगों के लिए सुझाव है कि वो इस बात को समझें कि वेट लॉस यात्रा शुरू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। अपने डॉक्टर को अपने मेडिकल हेल्थ और शारीरिक स्थितिओं के बारे में जानकारी दें। क्योंकि, सोशल मीडिया पर बताई गई अधिकतर बातों के पैमाने को जांचने की आवश्यकता हो सकती है।”

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    इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) फॉलो करने के विभिन्न तरीके

    1. 16/8 विधि

    इस विधि के तहत आपको एक दिन में 16 घंटे का उपवास रखना होगा और 8 घंटे के लिए भोजन करना होगा। इस 8 घंटे में आपको तीन से चीर बार खाना खाना होगा। इसके अलावा, आप अपने उपवास के दौरान गैर-कैलोरी पेय जैसे पानी, चीनी मुक्त नींबू का रस, ग्रीन टी, आदि भी पी सकते हैं। इसे टाइम रेस्ट फीडिंग भी कहा जाता है।

    2. 5:2 विधि

    इस विधि में हफ्ते में 2 दिन उपवास करना होता है। बाकी के 5 दिन सामान्य रूप से खाना खा सकते हैं।

    3. वॉरियर डायट

    वॉरियर डायट की विधि के तहत आपको पूरे दिन में बहुत कम कैलोरी वाले आहार खाने होते हैं, जबकि रात में कैलोरी से भरपूर भोजन खाने होते हैं।

    इन विधियों को अपनाने से पहले रखें इन बातों का ख्यालः

    • किसी भी डायट प्लान को शुरू करने से पहले, किसी अनुभवी न्यूट्रीशनिस्ट से परामर्श करें।
    • ध्यान रखें कि डायट प्लान कभी भी दो लोगों के लिए समान नहीं हो सकती है। यह हर किसी के शारीरिक स्वास्थ्य, चिकित्सा की स्थितियों और जरूरत के आधार पर तय की जाती है।
    • जब भी स्वास्थ्य की बात आती है तो सोशल मीडिया पर आंख बंद करके भरोसा न करें।

    इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) के लाभ:

    • कुछ अध्ययन बताते हैं कि उपवास करने पर खून में इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे वजन कम होता है। उपवास से टाइप-2 डायबिटीज और अन्य मोटापे से संबंधित जोखिमों को भी कम किया जा सकता है।

    इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) की कमियांः

    • लंबे समय तक उपवास करने से बेसल मेटाबोलिक रेट (बीएमआर) कम होता है, जिससे फैट जमा हो सकता है और वजन भी बढ़ सकता है।
    • उपवास करने से भूख भी बढ़ सकती है या एक बार में ही अधिक भोजन खा सकते हैं, क्योंकि उपवास के लंबे घंटों के बाद बहुत भूख लगी रहती है।
    • उपवास के कारण आपको थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकता है।

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    इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) के साथ अपनाएं ये टिप्स

    ग्रीन टी

    दिन में कम से कम दो बार ग्रीन टी लें।

    बॉडी के कसाव की भी करें तैयारी

    वजन बढ़ने के कारण शरीर थुलथुला हो जाता है। इसलिए वजन घटाने की एक्सरसाइज के साथ ही बॉडी के कसाव के लिए डंबल पंचेस, ओवर हेड प्रेस आदि एक्सरसाइज करें।

    मेंटल स्ट्रेस ना लें

    यदि आप चाहते हैं कि वजन कम हो तो सबसे पहले मेंटल स्ट्रेस से बाहर निकलें। चिंता या तनाव आपको अपने स्लीम होने के लक्ष्य से दूर ले जाएगा। चूंकि स्ट्रेस में लोगों को या तो बहुत भूख लगती है या तो बिल्कुल भी भूख नहीं लगती। इसके साथ ही वह मानसिक तनाव के कारण सही से एक्सरसाइज या डायट फॉलो भी नहीं कर पाते और बहुत जल्दी हार मान जाते हैं।

    ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

    सौ बीमारियों की दवा पानी हैं। इसलिए महिलाओं के लिए डायट चार्ट को फॉलो करने के साथ ही खूब पानी पिएं, लगभग दिन में चार से पांच लीटर पानी तो जरूर पिएं। आपको इससे वजन घटाने में बहुत हद तक मदद मिलेगी। 

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    वजन कम करने में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) किस तरह से कार्य करता है?

    इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान, व्यक्ति अपने खाने में क्या शामिल करना है के साथ-साथ उसे कब और कितनी मात्रा में खाना है, इसका भी खास ख्याल रखता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को 8 से 10 घंटे का उपवास भी रखना पड़ सकता है। इस दौरान शरीर में इंसुलिन का स्तर काफी नीचे चला जाता है तो हमारा शरीर में पहले से ही मौजूद शरीर के फैट को बर्न करना शुरू कर देता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान, इंसुलिन के स्तर को कम करने से कोशिकाएं शरीर में एकत्रित ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में खर्च करने लगती हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हमारा शरीर इस प्रक्रिया से होकर नियमित रूप से गुजरता है। जिसके परिणामस्वरूप कम कैलोरी की खपत होती है, जो वजन घटाने में लाभकारी साबित हो सकता है।

    वहीं, हार्वर्ड के एक शोध अध्ययन से यह भी पता चलता है कि, इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट वजन घटाने, लो ब्लड प्रेशर और कम कोलेस्ट्रॉल के माध्यम से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमा कर सकता है।

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    इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) से होने वाले साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

    इंटरमिटेंट फास्टिंग के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे:

    • इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत में कमजोरी महसूस होना
    • इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण सिरदर्द की समस्या हो सकती है
    •  चिड़चिड़ाहट या मूड स्विंग होने की संभावना बनी रहती है
    • खाने का मन ज्यादा कर सकते है, क्योंकि लंबे वक्त तक भूखे रहते हैं
    • चक्कर आने की समस्या

    इन शारीरिक परेशानियों के अलावा अन्य परेशानी महसूस की जा सकती है। अगर ऐसी परेशानी ज्यादा होती है या तीन-चार दिनों से ज्यादा बनी रहती है, तो डॉक्टर से मिलें और अपनी शारीरिक परेशानी साझा करें।

    फॉलो कर रहें हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायट, तो निम्नलिखित पॉइंट्स को रखें ध्यान

    • इंटरमिटेंट फास्टिंग प्लान करने से पहले डायटीशियन एवं डॉक्टर से सलाह लें
    • शुरुआती दिनों में लॉन्ग फास्टिंग ऑवर न रखकर धीरे-धीरे टाइम मेंटेन करें
    • जूस और पानी पीएं
    • इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ-साथ आसानी से किये जाने वाले एक्सरसाइज भी अवश्य करें
    • इंटरमिटेंट फास्टिंग प्लान जब आप पूरा कर लें या इंटरमिटेंट फास्टिंग पीरियड खत्म हो जाए, तो हल्की डायट ही फॉलो करें
    • अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करें या करना चाहते हैं, तो डॉक्टर से पूछें
    • जंक फूड्स से दूरी बनायें
    • प्रेग्नेंट लेडी एवं ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए
    • ब्लड प्रेशर या हार्ट प्रॉब्लम है, तो ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें
    • अंडरवेट होने की स्थिति में इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिए

    इन ऊपर बताएं पॉइंट्स का अवश्य ध्यान रखें।

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    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब

    सवाल: इंटरमिटेंट फास्टिंग करने पर चाय या कॉफी का सेवन किया जा सकता है?

    जवाब: चाय या कॉफी की जगह हर्बल टी का सेवन करना सेहत के लिए बेहतर होगा। लेकिन जब आप इस डायट प्लान पर फोकस कर रहें, तो अपने बॉडी टाइप को डॉक्टर को बताएं और उनसे जरूर पूछें क्या आपको चाय या कॉफी पीना चाहिए या आपके लिए हर्बल टी का सेवन लाभकारी हो सकता है।

    सवाल: इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कितने देर तक फास्टिंग रखना चाहिए?

    जवाब: बॉडी वेट मेंटेन करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग अवधी सबसे ज्यादा 16 घंटे की होती है। इससे ज्यादा लॉन्ग फास्टिंग ऑवर रखने पर शरीर पर नेगिटिव प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए 16 घंटे से ज्यादा फास्ट न रखें।

    सवाल: क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी पीना चाहिए?

    जवाब: इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी पीते रहना चाहिए। बॉडी को कभी भी डिहाइड्रेट होने न दें। क्योंकि बॉडी डिहाइड्रेट होने पर अन्य शारीरिक परेशानियों की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए अपनी आवश्यकता के अनुसार पानी का सेवन करते रहें। इस दौरान सिर्फ यह ध्यान रखें कि पानी में अन्य पदार्थों जैसे शुगर युक्त प्रोडक्ट को न मिलाएं।

    अगर इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) से जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए कृपया आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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