यह लक्षण गंभीर और जानलेवा भी हो सकते हैं। इंटेराइटिस (Enteritis) का सबसे बड़ा खतरा है डिहायड्रेशन। वयस्कों में डिहायड्रेशन के लक्षण हैं डार्क रंग का पेशाब, सामान्य से कम मूत्र त्याग, अधिक प्यास लगना, सिरदर्द, थकावट आदि।
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किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?
इंटेराइटिस (Enteritis) का उपचार इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। वायरल इंटेराइटिस के माइल्ड मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती है। लेकिन बैक्टीरिया और परजीवी के कारण होने वाली इस समस्या का उपचार दवाइयों से किया जाता है। अगर इस समस्या के लक्षण दो से तीन दिनों तक रहते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपको यह लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना आवश्यक है।
- मल में ब्लड या पस या खून की उल्टी होना (Blood or Pus in your Stool or Bloody Vomit)
- डिहायड्रेशन (Dehydration)
- अधिक डायरिया (Diarrhea)
- 102 डिग्रीज फ़ारेनहाइट से अधिक बुखार होना (Fever over 102 Degrees Fahrenheit)
- अचानक बहुत अधिक पेट में दर्द होना (Sudden, Severe Abdominal Pain)
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इंटेराइटिस का क्या कारण है? (Enteritis)
इंटेराइटिस का सबसे सामान्य रूप है इंफेक्शियस इंटेराइटिस (Enteritis) जो बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी के कारण होता है। वायरस इसका मुख्य कारण हैं। नोरोवायरस वो सामान्य वायरस है जो वयस्कों को प्रभावित करता है। बच्चों में रोटावायरस इसका मुख्य कारण है। बैक्टीरिया जो इस समस्या का कारण बन सकते है, उनमें साल्मोनेला (Salmonella), क्रिप्टोस्पोरिडियम पैरासाइट्स (Cryptosporidium parasite) आदि शामिल हैं। इसके कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं:
- वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी द्वारा दूषित किये भोजन और ड्रिंक्स का सेवन करना (Eating foods or drinking liquids contaminated with a Virus, Bacteria, or Parasites)
- एंटीबायोटिक्स या एंटीकैंसर जैसी दवाईयां (Medicines such as Antibiotics or Anticancer Drugs)
- पेल्विक एरिया का रेडिएशन थेरेपी से नुकसान होना (Damage from Radiation Therapy to the Pelvic Area)
- मेडिकल कंडीशंस जैसे क्रोहन रोग या सीलिएक रोग (Medical Conditions such as Crohn Disease or Celiac Disease)