कान के पीछे की स्मेल का मुख्य कारण इंफेक्शन माना जाता है। लेकिन इसके और भी कारण हो सकते हैं। जैसे:
कान में मैल जमना (Earwax)- कान में मैल जमने का सबसे अहम कारण धूल और गंदगी होती है। दरअसल कान में मौजूद वैक्स डेढ़ सेल्स, ऑयल (Oil), पसीना और धूल की वजह से बैक्टीरिया (Bacteria) को जन्म लेने का मौका दे देते हैं। अगर कान में मैल को समय-समय पर साफ ना किया जाए, तो कान के पीछे की स्मेल आने के कारण बन जाते हैं।
कान का इंफेक्शन (Ear infection)- कान में इंफेक्शन होने के कारण कान से स्मेल आने का कारण बन जाती है। इयर इंफेक्शन कान के बाहरी या कान के अंदुरुनी हिस्से में हो सकती है। ऐसी स्थिति होने पर मिडल इयर (Middle Ear) में सूजन की तकलीफ शुरू हो जाती है।
कोलेस्टेटोमा (Colestema)- कोलेस्टेटोमा कान से जुड़ी परेशानी है। कोलेस्टेटोमा होने पर कान के पर्दे के पीछे की स्किन पर लम्प (Lump) बनने लगते हैं। लम्प यानी गांठ के बढ़ने के साथ-साथ कान में दर्द और कान के पीछे से स्मेल आने की समस्या शुरू हो सकती है।
कान का कैंसर (Cancer) या ट्यूमर (Tumor)- ट्यूमर शरीर के किसी भी हिस्से में आसानी से अपने लिए जगह बनाने में कामयाब हो सकते हैं। ये गांठ कैंसरस भी हो सकते हैं। ऐसी परेशानी कान से बदबू आने की समस्या की शुरुआत कर सकता है।
स्वीमर्स इयर (Swimming ear)- पानी में तैरने के दौरान कान में पानी चले जाने की वजह भी बैक्टीरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर पानी ज्यादा दिनों तक रह जाए, तो कान से बदबू आ सकती है।
साइनस इंफेक्शन (Sinus infection)- साइनस इंफेक्शन होने की वजह से माथे में सूजन और कान से स्मेल आने का कारण बन सकती है। इसलिए अगर आप साइनस (Sinus) के पेशेंट है, तो कान की साफ सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
कान में चोट लगना- चोट किसी भी कारण और किसी को भी लग सकती है। अगर कान में चोट लगी है, तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि ये कान में दर्द (Ear pain) के साथ-साथ कान के पीछे की स्मेल (Smell behind ears) का भी कारण बन सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि चोट लगने की वजह से कान में घाव, सूजन या खरोज का खतरा बना रहता है।