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एकोवायरस इंफेक्शन क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

    एकोवायरस इंफेक्शन क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

    स्टेट गवर्मेंट ऑफ विक्टोरिया (State Government of Victoria) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर लोगों के बीमार पड़ने का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) या वायरस इंफेक्शन (Virus infection) होता है। दरअसल वायरस की वजह से बॉडी के इम्यून सिस्टम (Immune system) पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।

    • एकोवायरस इंफेक्शन क्या है?
    • एकोवायरस इंफेक्शन का कारण क्या है?
    • एकोवायरस इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
    • एकोवायरस इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है?
    • एकोवायरस इंफेक्शन का इलाज क्या है?
    • एकोवायरस इंफेक्शन के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन क्या है?
    • क्या प्रेग्नेंसी के दौरान या प्रेग्नेंसी के बाद एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या हो सकती है?
    • एकोवायरस इंफेक्शन से बचाव कैसे संभव है?

    चलिए अब एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं। 

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    एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) क्या है?

    एकोवायरस इंफेक्शन डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) यानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal (GI) tract) में होने वाला इंफेक्शन है। एकोवायरस इंफेक्शन को ECHO वायरस (ECHO virus) यानी इंटेरिक सायटोफेटिक ह्यूमन ऑर्फन वायरस भी कहा जाता है। एकोवायरस, इंटेरोवायरस (Enteroviruses) ग्रुप का ही वायरस है और एकोवायरस इंफेक्शन दूसरा सबसे सामान्य वायरस है, जिसके शिकार लोग सबसे ज्यादा होते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 10 से 15 मिलियन लोग एकोवायरस इंफेक्शन के शिकार हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि एकोवायरस इंफेक्शन का इलाज संभव नहीं है। एकोवायरस इंफेक्शन के इलाज को समझेंगे, लेकिन उससे पहले एकोवायरस इंफेक्शन के लक्षण और कारणों को समझेंगे।

    एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections)

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    एकोवायरस इंफेक्शन का कारण क्या है? (Cause of Echovirus Infections) 

    यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के श्वसन तरल पदार्थ (Respiratory fluids) के संपर्क में आते हैं, जैसे कि लार, नाक से बलगम या मल, तो आप एकोवायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा एकोवायरस इंफेक्शन के कारण निम्नलिखित भी हो सकते हैं। जैसे: 

    • इन्फेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आने से जैसे हग करना, हाथ मिलाना या फिर किस करना। 
    • दूषित सतहों या घरेलू वस्तुओं को छूना, जैसे खाने के बर्तन या टेलीफोन को छूने से। 
    • शिशु के डायपर (Diaper) बदलने के दौरान।  

    इन्हीं कारणों को एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) का मुख्य कारण माना जाता है। अब अगर कोई एकोवायरस इंफेक्शन से इन्फेक्टेड हो जाए, तो लक्षणों को ध्यान में रखकर इलाज जल्द से जल्द करवाया जा सकता है और ECHO वायरस (ECHO virus) से निजात पाया जा सकता है। 

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    एकोवायरस इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Echovirus Infections) 

    ECHO वायरस की समस्या होने पर इसके शुरुआती लक्षणों को समझना कठिन हो सकता है। इसलिए निम्नलिखित लक्षणों को इग्नोर ना करें। जैसे:

    • कफ (Cough) की समस्या होना। 
    • गले में खरास (Sore throat) आना। 
    • फ्लू (Flu) जैसे लक्षण महसूस होना। 
    • रैश (Rash) होना। 
    • क्रुप (Croup) यानी अपर रेस्पिरेटरी में तकलीफ होना।  

    इन लक्षणों के अलावा वायरल मेनिंजाइटिस (Viral meningitis) के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    • बुखार (Fever) आना। 
    • ठंड (Chills) लगना। 
    • जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना। 
    • उल्टी (Vomiting) होना। 
    • अत्यधिक लाइट (Severe sensitivity to light) में परेशानी महसूस होना। 
    • सिरदर्द (Headache) होना। 

    इन लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे शारीरिक तकलीफ बढ़ सकती है। 

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    एकोवायरस इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Echovirus Infections)

    ECHO वायरस (ECHO virus) यानी एकोवायरस इंफेक्शन के निदान के लिए निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है। जैसे:

    1. रेक्टल कल्चर (Rectal culture)- इस टेस्ट के दौरान रेक्टम के टिशू की जांच की जाती है, जिससे पैंक्रियाज (Pancreas) में मौजूद वायरल मटेरियल की जानकारी मिल सके।   
    2. स्टूल कल्चर (Stool culture)- इस टेस्ट के दौरान मल (Poop) की जांच की जाती है, जिससे पूप में मौजूद वायरस की जानकारी मिल सके।  
    3. थ्रोट कल्चर (Throat culture)- सलाइवा या म्यूकस की जांच की जाती है, जिससे वायरस की जानकारी मिल सके।  
    4. स्पाइनल फ्लूइड कल्चर (Spinal fluid culture)- स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी से सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (Cerebrospinal fluid [CSF]) की जांच की जाती है, जिससे  वायरल मटेरियल की जानकारी मिल सके। इस टेस्ट की मदद से मेनिंजाइटिस (Meningitis) की भी जानकारी मिल सकती है।   

    एकोवायरस इंफेक्शन के निदान के लिए इन टेस्ट की मदद मिल सकती है। वहीं अगर व्यक्ति पहले से किसी हेल्थ कंडिशन (Health condition) के शिकार हैं, तो ऐसी स्थिति में बेहतर इलाज के लिए अन्य टेस्ट करवाने की भी सलाह दी जा सकती है।

    एकोवायरस इंफेक्शन का इलाज क्या है? (Treatment for Echovirus Infections) 

    एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या होने पर ज्यादातर यह तकलीफ खुदही ठीक हो जाती है। एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या तकरीबन एक सप्ताह में ठीक हो जाती है। वैसे आवश्यकता पड़ने पर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जा सकती है। यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) के लिए विशेष रूप से कोई दवा नहीं है। हालांकि डॉक्टर्स एंटीबायोटिक मेडिसिन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। इसके अलावा इम्यून सिस्टम (Immune system) को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए भी दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। 

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    एकोवायरस इंफेक्शन के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन क्या है? (Complications due to Echovirus Infections) 

    एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या अगर पुरानी है, तो ऐसी स्थिति में स्पीच थेरिपी (Speech therapy) से जुड़ी समस्या हो सकती है।  

    क्या प्रेग्नेंसी के दौरान या प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के बाद एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या हो सकती है?

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नवजात शिशु को माइल्ड एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। ऐसा तब हो सकता है जब बेबी डिलिवरी (Baby Delivery) के दौरान महिला एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) से इन्फेक्टेड हो।

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    एकोवायरस इंफेक्शन से बचाव कैसे संभव है? (Prevention from Echovirus Infections) 

    एकोवायरस इंफेक्शन से बचाव के लिए किसी भी वैक्सीन का प्रयोग नहीं किया जाता है। ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट्स की यही राय है कि अगर एकोवायरस इंफेक्शन के लक्षण डायग्नोस हुए हैं, तो हाइजीन का ख्याल रखना चाहिए। इसके अलावा हाथ को साबुन से धोना चाहिए या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं ECHO वायरस (ECHO virus) से इफेक्ट्स लोगों के कॉन्टेक्ट में नहीं आना चाहिए।  

    अगर आप एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से करें। ध्यान रखें कि एकोवायरस इंफेक्शन की समस्या होने पर लापरवाही ना करें। हेल्दी रहने के लिए वॉक (Walk) करें, योग (Yoga) करें और पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें। एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) तकलीफ को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड ड्रग्स का सेवन करें। अगर आप एकोवायरस इंफेक्शन (Echovirus Infections) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

    सेहतमंद रहने के लिए अपनी डेली रूटीन में हेल्दी फूड (Healthy food) एवं योग (Yoga) को शामिल करना बेहद जरूरी है। इसलिए योग के फायदे एवं योग करने का सही तरीका योगा एक्सपर्ट से जानिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक में।

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