इन बातों को ध्यान रखने के साथ-साथ डिलिवरी से पूर्व अपने डॉक्टर या मिडवाइफ्स से इस बारे में अवश्य पूछ लें की आपको डिलिवरी के बाद किन-किन चीजों की आवश्यक पड़ सकती है।
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मुंबई की रहने वाली वर्षा शर्मा की उम्र 27 साल है और वो प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहीं हैं। वर्षा प्रेग्नेंसी प्लानिंग के साथ-साथ कुछ सवालों से घिर जाती हैं और समझना चाहती हैं कि क्या गर्भ में पल रहे शिशु की बर्थ पुजिशन अगर उल्टी है, तो क्या यह पुजिशन ठीक भी हो सकती है? रिसर्च के अनुसार डॉक्टर गर्भ में पल रहे शिशु के बर्थ पुजिशन ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं, जिसे एक्सटर्नल सेफेलिक वर्जन (ECV) कहते हैं। इस दौरान डॉक्टर गर्भ के कुछ खास हिस्से में सावधानी पूर्वक दवाब डालते हैं, जिससे शिशु के पुजिशन को ठीक किया जा सके। ब्रीच बेबी डिलिवरी के दौरान नवजात को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ भी डिलिवरी के दौरान मौजूद होते हैं।
कुछ गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी सिजेरियन पहले से ही तय होती है अगर शिशु गर्भ उल्टा होता है लेकिन, कई बार लेबर पेन होने की स्थिति में वजायनल डिलिवरी भी हो सकती है। कभी-कभी जुड़वा बच्चे की स्थिति में एक नवजात सीधा और दूसरा उल्टा होने की स्थिति में ब्रीच बेबी डिलिवरी वजायना से होती है। ट्विन्स की स्थिति, महिला की सेहत और गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति को समझते हुए डॉक्टर डिलिवरी का निर्णय ले सकते हैं। अगर आपके मन में ब्रीच बेबी डिलिवरी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।